बीजिंगः चीन में लोकतंत्र के समर्थन में तीस साल पहले हुए प्रदर्शन के दमन की वर्षगांठ गहरी चुप्पी व अतिरिक्त सुरक्षा के साथ मनाई जा रही है.
पुलिस थियानमेन चौक के पास मेट्रो से निकलने वाले हर पर्यटक और दैनिक यात्रियों के पहचानपत्र की जांच कर रही है. विदेशी पत्रकारों को चौक पर जाने की इजाजत नहीं है. जिन्हें अनुमति मिली भी उन्हें तस्वीरें लेने पर भी चेतावनी दी जा रही है.
गौरतलब है कि थियानमेन चौराहे पर 30 साल पहले लोकतंत्र के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे लोगों को 4 जून 1989 को टैंकों और सैनिकों की मदद से बेरहमी से कुचल दिया गया था.
अधिकारियों ने एक संवाददाता से कहा कि अगर वह इसका उल्लंघन करते हैं तो इसका असर वीजा नवीनीकरण पर पड़ेगा.
वहीं दूसरी ओर अमेरिका ने 1989 के इस आंदोलन को साहसी बताते हुए इसकी सराहना की.
हालांकि, चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने यह सुनिश्चित किया कि वर्षगांठ सिर्फ अतीत की स्मृति का बस एक हिस्सा ही बना रहे. उसने 4 जून से पहले कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया जबकि लोकप्रिय लाइवस्ट्रीमिंग साइटों को 'तकनीकी' रखरखाव के लिए बंद रखा गया.
चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के 2012 में राष्ट्रपति का कार्यभार संभालने के बाद से पार्टी और उच्च तकनीक से लैस उसके पुलिस तंत्र ने नागरिक समाज पर अपना नियंत्रण और मजबूत कर दिया है और कार्यकर्ताओं, मानवाधिकारों की वकालत करने वालों और श्रमिक आंदोलन से सहानुभूति रखने वाले मार्क्सवादी छात्रों को भी गिरफ्तार कर रहे हैं.
थियानमेन चौक की निगरानी करने के लिए चौक और इसके आस पास के लैंप पोस्ट पर कैमरे लगाए गए हैं.
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वर्ष 1989 में जन्मे एवं चीन की दिदी ऐप्प के टैक्सी सेवा के चालक ने कहा, 'ऐसा नहीं है कि हमें इसका ध्यान नहीं है. हम जानते हैं क्या हुआ था.'
चालक ने कहा, 'लेकिन मैं आपको ऐसा कैसे बता सकता हूं कि दिदी ऐप्प कार में हमारी बातचीत को रिकार्ड कर रहा है.'
उसने कहा, 'लेकिन आज का चीन बदला हुआ है. अगर आपके पास पैसा है तो सबकुछ है. अगर आपके पैसा नहीं है तो आप मुंह खोलने की भी जुर्रत नहीं कर सकते.'
दूसरी ओर थियानमेन घटना की 30वीं बरसी पर मंगलवार की शाम कैंडिल लाइट विजिल के लिए भीड़ जमा होनी शुरू हो गई.