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ऊना की इस पंचायत में 61 परिवार गरीबी रेखा की सूची से बाहर, BPL सर्वेक्षण की लगाई गुहार

चिंतपूर्णी की नारी चिन्तपूर्णी ग्राम पंचायत में 61 बीपीएल परिवारों को गरीबी रेखा की सूची से बाहर कर दिया था, जिसमें पात्र लोग भी शमिल हैं. ऐसे में कोरोना काल में उन्हें अपने भरण-पोषण के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

Villagers demand of again BPL survey by district administration
चिंतपूर्णी
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Published : Sep 4, 2020, 7:33 PM IST

चिंतपूर्णी/ ऊना: चिंतपूर्णी विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाली नारी चिन्तपूर्णी ग्राम पंचायत में पिछले साल ग्राम सभा की बैठक में 61 बीपीएल परिवारों को गरीबी रेखा की सूची से बाहर कर दिया गया था, जिससे वास्तव में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों को कोरोना काल में दाने-दाने के लिए भटकना पड़ रहा है. ऐसे में ग्रामीणों ने सरकार से बीपीएल परिवारों का सर्वेक्षण करवाने की मांग की है.

बता दें कि बलवीर सिंह गरीब के साथ-साथ दिव्यांग हैं और अपनी बुजुर्ग मां के साथ रहते हैं, लेकिन उनको गरीबी रेखा की सूची से बाहर करने पर उन्हें राशन के लिए कोरोना काल में इधक-उधर भटकना पड़ रहा है. वहीं, बलवीर सिंह जैसे कई परिवार हैं, जो गुरबत में जिंदगी बसर करने को मजबूर हो गए हैं. नारी चिन्तपूर्णी पंचायत में कई विधवा औरतें भी हैं, जिस पर परिवार को चलाने की जिम्मेदारी भी है. ऐसे में सवाल यही उठता है कि गरीब परिवारों को बीपीएल सूची से क्यों हटाया गया है.

वीडियो.

हालांकि समाजसेवी बृजमोहन कालिया ने कुछ दिन पहले जिलाधीश संदीप कुमार को इस संबंध में ज्ञापन सौंपा था, जिसमें उन्होंने इस पंचायत में बीपीएल परिवारों का दोबारा सर्वेक्षण करवाने की मांग रखी थी, ताकि पात्र लोगों को बीपीएल से मिलने वाले लाभ प्राप्त हो सके.

ये भी पढ़ें: गोवंश संरक्षण सोसायटी ने बैजनाथ के इस गांव में गौ सैन्चुरी खोलने के लिए सरकार से की अपील

चिंतपूर्णी/ ऊना: चिंतपूर्णी विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाली नारी चिन्तपूर्णी ग्राम पंचायत में पिछले साल ग्राम सभा की बैठक में 61 बीपीएल परिवारों को गरीबी रेखा की सूची से बाहर कर दिया गया था, जिससे वास्तव में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों को कोरोना काल में दाने-दाने के लिए भटकना पड़ रहा है. ऐसे में ग्रामीणों ने सरकार से बीपीएल परिवारों का सर्वेक्षण करवाने की मांग की है.

बता दें कि बलवीर सिंह गरीब के साथ-साथ दिव्यांग हैं और अपनी बुजुर्ग मां के साथ रहते हैं, लेकिन उनको गरीबी रेखा की सूची से बाहर करने पर उन्हें राशन के लिए कोरोना काल में इधक-उधर भटकना पड़ रहा है. वहीं, बलवीर सिंह जैसे कई परिवार हैं, जो गुरबत में जिंदगी बसर करने को मजबूर हो गए हैं. नारी चिन्तपूर्णी पंचायत में कई विधवा औरतें भी हैं, जिस पर परिवार को चलाने की जिम्मेदारी भी है. ऐसे में सवाल यही उठता है कि गरीब परिवारों को बीपीएल सूची से क्यों हटाया गया है.

वीडियो.

हालांकि समाजसेवी बृजमोहन कालिया ने कुछ दिन पहले जिलाधीश संदीप कुमार को इस संबंध में ज्ञापन सौंपा था, जिसमें उन्होंने इस पंचायत में बीपीएल परिवारों का दोबारा सर्वेक्षण करवाने की मांग रखी थी, ताकि पात्र लोगों को बीपीएल से मिलने वाले लाभ प्राप्त हो सके.

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