तार-तार सियासी संस्कार: चुनावी साल में चल रहे तीखे शब्द बाण, मर्यादा भूल रहे दिग्गज नेता
हिमाचल को देवभूमि कहा जाता है और देश के अन्य राज्यों के मुकाबले यहां के राजनेता शालीन माने जाते हैं. इधर, चुनावी साल में हिमाचल में शीर्ष नेताओं के बीच जुबानी जंग जोरों पर है. बहुधा नेता एक-दूसरे के खिलाफ टिप्पणी करते हुए भावावेश में तीखे शब्दों का प्रयोग (Himachal leaders controversial statements) कर रहे हैं. इससे सियासी संस्कार तार-तार हो रहे हैं.
प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश का अलर्ट, 26 जून के बाद दस्तक देगा मॉनसून
हिमाचल प्रदेश में इस बार देरी से मॉनसून दस्तक (Monsoon in Himachal) देगा. मौसम विभाग ने 26 जून के बाद ही मॉनसून के प्रदेश में पहुचने की संभावना जताई है. बीते साल 15 जून को मॉनसून ने हिमाचल में दस्तक दे दी थी. हालांकि प्रदेश में बीते तीन दिनों से कई हिस्सों में जमकर बारिश (Rainfall in Himachal) हो रही है.
कर्ज के मर्ज की दवा है खेती-बागवानी, कैग की सलाह पर कृषि विभाग कर रहा अमल
हिमाचल प्रदेश 63 हजार करोड़ रुपए के कर्ज के बोझ तले दबा है. कंप्ट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल ऑफ इंडिया (Comptroller and Auditor General of India) की रिपोर्ट में हर बार राज्य सरकार को डेब्ट ट्रैप में बुरी तरह फंसने की बात कही जाती है. कैग रिपोर्ट में चेतावनी दी जाती रही है कि हिमाचल को कर्ज का बोझ कम करने के लिए प्रयास करना चाहिए, नहीं तो प्रदेश ऐसे जाल में फंस जाएगा, जहां से निकलना मुश्किल होगा.
हमीरपुर NIT के मंच पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को क्यों याद आया 'काचा बदाम' ?
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धमेंद्र प्रधान मंगलवार एनआईटी हमीरपुर के छात्रों को काचा बदाम गाने के जरिए शिक्षा का पाठ पढ़ा गए. दरअसल धमेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan Himachal tour) अपने हिमाचल प्रवास के दौरान एनआईटी हमीरपुर में ई-क्लास रूम के उद्घाटन समारोह में पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने मंच से एनआईटी के छात्रों और फैकल्टी से कुछ समय पहले वायरल हुए कच्चा बादाम गाने के बारे में (Dharmendra Pradhan on kacha badam song) पूछा. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कच्चा बादाम गाना तो सबने सुना होगा, जानते हो इसका मतलब क्या है? मालूम है यह गाना कहां से है.
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का बयान: शिक्षकों में ढूंढना होगा 'अमिताभ बच्चन'
विज्ञापन बहुत लोग करते हैं , लेकिन जब अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) विज्ञापन करते है तो उत्पाद बिक्री होता है. वह गुटखा खाए तो वह भी बिक्री होता है. हमें शिक्षकों में से अमिताभ बच्चन ढूंढना होगा जो बेहतर तरीके से बच्चों को समझा सके.यह बात केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Union Education Minister Dharmendra Pradhan) ने कही. वह NIT हमीरपुर में आयोजित ई-क्लासरूम के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे.
ट्रैफिक जाम से परेशान शिमला के कारोबारी, कहा: प्रभावित हो रहा कारोबार, पुलिस को दिए ये सुझाव
राजधानी शिमला में इन दिनों जाम से हाल बेहाल (Traffic Jam in Shimla) है. आलम ये है कि दो किलोमीटर का सफर तय करने में भी एक घंटे का समय लग रहा है. शहर के तकरीबन सभी क्षेत्रों में हर रोज जाम लग रहा है. लोगों के साथ ही बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटक भी जाम से परेशान हैं. वहीं अब इसका असर पर्यटन कारोबार भी पड़ने लगा है.
अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है धर्मशाला मैक्लोडगंज रोप-वे, सुरक्षा को लेकर पर्यटक भी निश्चिंत
हिमाचल में परवाणू के समीप टिंबर ट्रेल हादसे के बाद से यह सवाल उठने लगे हैं की प्रदेश में अन्य रोप-वे कितने सुरक्षित हैं. इसमें विश्व प्रसिद्ध पर्यटन नगरी धर्मशाला का स्काई रोप-वे भी शामिल (Dharamshala Mcleodganj ropeway) है. ये रोप-वे पर्यटकों के साथ-साथ आम लोगों के लिए ट्रांसपोर्ट का एक रोमांचक और सुगम साधन बन कर उभर रहा है. टाटा कंपनी के इस रोप-वे में सुरक्षा के पूरे इंतजाम हैं. यहां पहुंच रहे पर्यटक भी इस पर पूरा भरोसा जता रहे हैं.
मंडी के युवाओं का कमाल: सोशल मीडिया की दूरी ने अभिषेक को दिलाया पहला स्थान, रश्मि बनी DSP
मंडी के अभिषेक और रश्मि ने जिले का नाम रोशन किया (Abhishek and Rashmi) है. हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा में अभिषेक ने सोशल मीडिया से दूर रहकर जहां पहला स्थान हासिल किया. वहीं, रश्मि शर्मा का चयन हिमाचल प्रदेश पुलिस सेवा में डीएसपी के लिए हुआ. उन्होंने पांचवां स्थान हासिल किया.
दलाई लामा ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा को लिखा पत्र, बाढ़ से तबाही पर जताई चिंता
तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा (Dalai Lama) ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा को को पत्र लिखा है. पत्र में दलाई लामा ने बारिश और बाढ़ को लेकर चिंता व्यक्त की ,जिसके कारण काफी नुकसान हुआ और बड़ी संख्या में लोगों को बाढ़ के कारण विस्थापित करना पड़ा.
भारतीय सेना में भर्ती की नई अग्निपथ योजना (agnipath scheme Protest ) को लेकर देश भर में बवाल मचा है. इस योजना पर नेताओं की अलग-अलग राय है लेकिन जो नेता कभी सेना की वर्दी पहन चुके हैं वो इस योजना को लेकर क्या कहते हैं. जानने के लिए पढ़े पूरी खबर
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