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ऊना में सरस मेले का शुभारंभ, 21 राज्यों के स्वयं सहायता समूह ले रहे भाग - पारंपरिक कलाओं व हस्तशिल्प ऊना

ऊना में पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने सरस मेला की शुरूआत की है. यह मेला 31 जनवरी तक चलेगा और इसमें देश भर के 21 राज्यों के स्वंय सहायता समूह पहुंचे है.

Virender Kanwar inaugrates Saras Mela in Una
ऊना में सरस मेला
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Published : Jan 21, 2020, 8:15 PM IST

ऊना: पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने ऊना में सरस मेले का शुभारंभ किया. 31 जनवरी तक चलने वाले इस मेले में हिस्सा लेने के लिए देश भर के 21 राज्यों के स्वयं सहायता समूह पहुंचे हैं. मेले में इन स्वयं सहायता समूहों ने बिक्री के लिए उत्पाद रखे हैं.

मेले के शुभारंभ अवसर पर ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने पारंपरिक कलाओं व हस्तशिल्प को पुनर्जीवित करने का लक्ष्य रखा है.

वीडियो रिपोर्ट

उन्होंने कहा कि आधुनिकता की दौड़ में हस्तशिल्प पीछे रह गया और इसे एक बार फिर जीवन प्रदान करने के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री ग्राम कौशल योजना आरंभ की है, जिससे ग्रामीण परिवेश के युवाओं का कौशल विकास करने के साथ ही उन्हें स्वरोजगार के अवसर प्राप्त हो सकेंगे.

वीरेंद्र कंवर ने कहा कि ग्राम कौशल योजना के तहत प्रशिक्षु को 3 हजार रुपये मिलेंगे, वहीं प्रशिक्षण प्रदान करने वाले को 1500 रुपये की राशि प्रति महीने प्रति प्रशिक्षु प्रदान की जाएगी.

इस दौरान ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में कुछ स्वयं सहायता समूह बेहतरीन कार्य कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि समर्थ ऊना कार्यक्रम के तहत लमलैहड़ी में बांस उत्पादन और बांस के उत्पाद को तैयार करने के उद्देश्य से परियोजना चलाई जा रही है.

ये भी पढ़ें: नड्डा के पैतृक गांव विजयपुर से बधाई संदेश, ग्रामीणों ने कहा- विश्व मानचित्र पर उभरा बिलासपुर

ऊना: पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने ऊना में सरस मेले का शुभारंभ किया. 31 जनवरी तक चलने वाले इस मेले में हिस्सा लेने के लिए देश भर के 21 राज्यों के स्वयं सहायता समूह पहुंचे हैं. मेले में इन स्वयं सहायता समूहों ने बिक्री के लिए उत्पाद रखे हैं.

मेले के शुभारंभ अवसर पर ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने पारंपरिक कलाओं व हस्तशिल्प को पुनर्जीवित करने का लक्ष्य रखा है.

वीडियो रिपोर्ट

उन्होंने कहा कि आधुनिकता की दौड़ में हस्तशिल्प पीछे रह गया और इसे एक बार फिर जीवन प्रदान करने के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री ग्राम कौशल योजना आरंभ की है, जिससे ग्रामीण परिवेश के युवाओं का कौशल विकास करने के साथ ही उन्हें स्वरोजगार के अवसर प्राप्त हो सकेंगे.

वीरेंद्र कंवर ने कहा कि ग्राम कौशल योजना के तहत प्रशिक्षु को 3 हजार रुपये मिलेंगे, वहीं प्रशिक्षण प्रदान करने वाले को 1500 रुपये की राशि प्रति महीने प्रति प्रशिक्षु प्रदान की जाएगी.

इस दौरान ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में कुछ स्वयं सहायता समूह बेहतरीन कार्य कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि समर्थ ऊना कार्यक्रम के तहत लमलैहड़ी में बांस उत्पादन और बांस के उत्पाद को तैयार करने के उद्देश्य से परियोजना चलाई जा रही है.

ये भी पढ़ें: नड्डा के पैतृक गांव विजयपुर से बधाई संदेश, ग्रामीणों ने कहा- विश्व मानचित्र पर उभरा बिलासपुर

Intro:पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने ऊना में सरस मेले का शुभारंभ किया। 31 जनवरी तक चलने वाले इस मेले में हिस्सा लेने के लिए देश भर के 21 राज्यों के स्वयं सहायता समूह पहुंचे हैं। मेले में इन स्वयं सहायता समूहों के उत्पाद बिक्री के लिए रखे गए हैं।

मेले के शुभारंभ अवसर पर ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने पारंपरिक कलाओं व हस्तशिल्प को पुनर्जीवित करने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि आधुनिकता की दौड़ में हस्तशिल्प पीछे रह गया और इसे एक बार पुनः जीवन प्रदान करने के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री ग्राम कौशल योजना आरंभ की है, ताकि ग्रामीण परिवेश के युवाओं का कौशल विकास करने के साथ-साथ उन्हें स्वरोजगार के अवसर प्राप्त हो सकें।Body:आज हाथ से बनी पारंपरिक वस्तुओं की अच्छी मांग है, इसीलिए प्रदेश सरकार इस योजना को प्रचारित कर अधिक से अधिक युवाओं को पारंपरिक कलाओं में कुशल बनाने का प्रयास कर रही है।
वीरेंद्र कंवर ने कहा कि ग्राम कौशल योजना के तहत सीखने व सिखाने वालों को प्रोत्साहन राशि प्रदान की जा रही है। जहां प्रशिक्षु को 3 हजार रुपए मिलेंगे वहीं प्रशिक्षण प्रदान करने वाले को 1500 रुपए की राशि प्रति माह प्रति प्रशिक्षु प्रदान की जाएगी।


Conclusion:इस दौरान ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में कुछ स्वयं सहायता समूह बेहतरीन कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कांगड़ा जिला के नमस्ते धर्मशाला तथा बिलासपुर जिला के कामधेनू स्वयं सहायता समूह का जिक्र करते हुए कहा कि यह अपने-अपने क्षेत्र में बढ़िया काम कर रहे हैं और सभी को इनसे सीख लेकर आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि समर्थ ऊना कार्यक्रम के तहत आज लमलैहड़ी में बांस उत्पादन तथा बांस के उत्पाद को तैयार करने के उद्देश्य से परियोजना चलाई जा रही है, जिसका सार्थक परिणाम सामने आ रहे हैं।
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