ऊना: राज्य स्वास्थ्य समिति ने शुक्रवार को प्रदेश महामंत्री गुलशन शर्मा की अगुवाई में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रमन शर्मा को ज्ञापन सौंपा. इस दौरान उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, मुख्य सचिव, स्वास्थ्य सचिव को बीती 5 जनवरी को यह जानकारी दे दी गई है कि 26 जनवरी तक यदि स्वास्थ्य समिति (एनएचएम) अनुबंध कर्मचारियों को रेगुलर पे स्केल की अधिसुचना हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से जारी कर दी जाती है तो स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत नियुक्त समस्त राज्य स्वास्थ्य समिति (एनएचएम) के कर्मचारी सरकार (NHM Contract Employees Himachal) का आभार व्यक्त करेंगे.
लेकिन अगर 26 जनवरी तक सरकार के द्वारा रेगुलर स्केल कि मांग को लेकर कोई भी सकारात्मक निर्णय नहीं लिया जाता है तो 2 फरवरी को पहले से दी गई चेतावनी के अनुसार सभी कर्मचारी सांकेतिक काम छोड़ो हड़ताल करेंगे और 'अब तो आंखें खोलो सरकार' के स्लोगन के साथ आगामी रणनीति तय करेंगे. ये हड़ताल तब तक जारी रहेगी जब तक रेगुलर पे स्केल की मांग नहीं मान ली जाती.
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग राज्य समिति के (NHM Contract Employees Himachal) अंतर्गत नियुक्त 1700 कर्मचारी, जो की विभिन्न स्वास्थ्य समितियों के अंतर्गत पिछले 23 वर्षों से स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अंतर्गत अपनी सेवाएं दे रहे हैं,उन्हें हिमाचल प्रदेश सरकार के द्वारा न तो आज दिन तक नियमित किया जा सका है और न ही रेगुलर पे स्केल का लाभ इन कर्मचारियों को दिया जा रहा है. जबकि अन्य राज्यों हरियाणा, मणिपुर, छत्तीसगढ़, मिजोरम, आन्ध्र प्रदेश ने अपने इन कर्मचारियों के लिए स्थाई नीति बना दी है.
उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर अब भी सरकार इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाती है तो कर्मचारी हड़ताल के लिए (NHM workers strike in Himachal) मजबूर होंगे और जिसके लिए मात्र हिमाचल प्रदेश सरकार ही जिम्मेदार होगी. उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि जब तक सरकार उनकी मांगों को मान नहीं लेती तब तक हड़ताल का यह क्रम जारी रह सकता है. एनएचएम कर्मचारियों ने सीएमओ को सौंपा ज्ञापन के जरिए प्रदेश सरकार के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश के मुख्य न्यायाधीश और अन्य अधिकारियों से भी मांगों को पूरा करने की गुहार लगाई है.
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