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HP Mukhyamantri Swavalamban Yojana: मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना से खुलेंगे पेट्रोल पंप और चार्जिंग स्टेशन - मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना हिमाचल प्रदेश

उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के सकारात्मक परिणाम सामने आने पर राज्य सरकार ने इस योजना को विस्तार प्रदान करते हुए वर्ष 2021 में इसमें नए व्यवसाय शामिल किए हैं. इनमें डेयरी, कृषि आधारित पर्यटन, कृषि उपकरण निर्माण, सब्जी नर्सरी, पेट्रोल पम्प, इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन, एम्बुलेंस सेवा व (HP Mukhyamantri Swavalamban Yojana) रेशम प्रसंस्करण आदि शामिल हैं.

HP Mukhyamantri Swavalamban Yojana
उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर (फाइल फोटो).
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Published : Aug 7, 2022, 7:33 PM IST

शिमला: मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना राज्य में अब तक 4377 इकाइयां स्थापित की जा चुकी हैं और 200 करोड़ रुपये उपदान के रूप में प्रदान किए गए हैं. उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ने कहा कि योजना के अन्तर्गत 1969 महिलाओं को लाभान्वित किया जा चुका है. राज्य में बैंकों द्वारा कुल 6927 आवेदन स्वीकृत किए गए हैं. इस योजना के अंतर्गत कांगड़ा जिले की 273, सोलन जिले की 236, ऊना जिले की 215, मंडी जिले की 209, सिरमौर जिले की 200, हमीरपुर जिले की 194, शिमला जिले की 184, बिलासपुर जिले की 171, कुल्लू जिले की 152, चंबा जिले की 61, किन्नौर जिले की 48 और लाहौल-स्पिति जिले की 26 महिला उद्यमियों को लाभान्वित किया गया है.

उद्योग मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना उद्यमिता क्षेत्र में भविष्य बनाने के महिलाओं के सपने को साकार करने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. इस योजना के अन्तर्गत मिलने वाली आर्थिक मदद से महिलाएं आज अपने व्यवसाय स्थापित कर पुरूषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रहीं हैं. इससे उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो रही है और प्रदेश के युवाओं को वे रोजगार के अवसर भी प्रदान कर रही हैं.

इस योजना से रोजगार के क्षेत्र में (HP Mukhyamantri Swavalamban Yojana) आगे बढ़ रही महिलाओं के आत्मविश्वास में वृद्धि हुई है. योजना के अंतर्गत एक करोड़ रुपये तक की परियोजनाओं के लिए जहां पुरूषों को 25 प्रतिशत का निवेश उपदान प्रदान किया जाता है. वहीं, महिलाओं के लिए यह दर 30 प्रतिशत से बढ़ाकर 35 प्रतिशत की गई है. योजना के अंतर्गत 5 प्रतिशत की दर से तीन सालों तक ब्याज उपदान भी प्रदान किया जाता है. इस योजना के लिए 18 से 45 वर्ष आयुवर्ग के पुरूष और 18 से 50 वर्ष आयु वर्ग की महिलाएं पात्र हैं.

यह योजना कम लागत वाले स्थानीय उत्पादों और सेवाओं को प्रोत्साहन देते हुए सामाजिक उद्यमिता को भी प्रोत्साहित कर रही हैं. सकारात्मक परिणाम सामने आने पर राज्य सरकार ने इस योजना को विस्तार प्रदान करते हुए वर्ष 2021 में इसमें नए व्यवसाय शामिल किए हैं. इनमें डेयरी, कृषि आधारित पर्यटन, कृषि उपकरण निर्माण, सब्जी नर्सरी, पेट्रोल पम्प, इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन, एम्बुलेंस सेवा व रेशम प्रसंस्करण आदि शामिल हैं.

मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना का लाभ उठाकर महिलाएं सफलता की नई इबारत लिख रही हैं. कुल्लू जिले के भुंतर की निवासी सुरूचि भानु अपने भाई के साथ इस योजना से जुड़कर आत्मनिर्भरता की राह पर अग्रसर है. उन्होंने 2021 में जिम खोलने के लिए लगभग 40 लाख रुपये का ऋण स्वीकृत करवाया. आज उनके जिम में 51 युवा शारीरिक फिटनेस ट्रेनिंग की सुविधा का लाभ उठा रहे हैं. इनमें से कुछ युवा पुलिस बल और सेना में भर्ती होने की तैयारियां कर रहे हैं. युवाओं को प्रशिक्षण देने के लिए दो प्रशिक्षक कार्यरत हैं.

उन्होंने कहा कि प्रतिमाह इस व्यवसाय से डेढ़ लाख रुपये तक की आय अर्जित हो जाती है. उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह योजना स्वरोजगार की दिशा में एक सकारात्मक पहल है, जिससे प्रदेश के हजारों युवा लाभान्वित हो रहे हैं. जिले मंडी के रत्ती, नेरचौक की संजना शर्मा भी मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना का लाभ उठाकर स्वरोजगार की राह पर आगे बढ़ी है. उनका परिवार लंबे समय से बेंगलुरू में बसा हुआ था.

संजना शर्मा स्वयं शिक्षिका और डाइटिशन के रूप में कार्य कर रही थीं, जबकि उनके पति इंजीनियर के पद पर कार्यरत थे. संजना अपनी आंखों में घर वापसी का सपना संजोए हुए थी जिसे पूरा करने में मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना आशा की किरण बनकर सामने आई. संजना ने योजना के बारे में जानकारी प्राप्त कर अपना व्यवसाय शुरू करने की ठानी. मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के अन्तर्गत अपना रेस्टोरेंट शुरू करने के लिए उन्होंनें 11.50 लाख रुपये का ऋण लिया.

विभाग से उन्हें साढ़े तीन लाख रुपये का उपदान मिला. वर्तमान में वह रेस्टोरेंट से लगभग 80 हजार रुपये प्रतिमाह के आमदनी अर्जित कर रही है. इस रेस्टोरेंट में उन्होंने 11 लोगों को रोजगार प्रदान किया हैं, जिनमें तीन स्थानीय महिलाएं भी शामिल हैं. संजना शर्मा ने बताया कि प्रदेश सरकार की यह योजना महिलाओं की आत्मनिर्भरता की उड़ान को पंख लगा रही है. इस योजना का लाभ उठाकर महिलाएं प्रदेश की आर्थिकी में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर रही हैं और आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में भी यह योजना मददगार साबित हो रही है.

ये भी पढे़ं- National Handloom Day: शिमला के गेयटी थियेटर में हथकरघा प्रदर्शनी का शुभारंभ, 30 बुनकर ले रहे भाग

शिमला: मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना राज्य में अब तक 4377 इकाइयां स्थापित की जा चुकी हैं और 200 करोड़ रुपये उपदान के रूप में प्रदान किए गए हैं. उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ने कहा कि योजना के अन्तर्गत 1969 महिलाओं को लाभान्वित किया जा चुका है. राज्य में बैंकों द्वारा कुल 6927 आवेदन स्वीकृत किए गए हैं. इस योजना के अंतर्गत कांगड़ा जिले की 273, सोलन जिले की 236, ऊना जिले की 215, मंडी जिले की 209, सिरमौर जिले की 200, हमीरपुर जिले की 194, शिमला जिले की 184, बिलासपुर जिले की 171, कुल्लू जिले की 152, चंबा जिले की 61, किन्नौर जिले की 48 और लाहौल-स्पिति जिले की 26 महिला उद्यमियों को लाभान्वित किया गया है.

उद्योग मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना उद्यमिता क्षेत्र में भविष्य बनाने के महिलाओं के सपने को साकार करने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. इस योजना के अन्तर्गत मिलने वाली आर्थिक मदद से महिलाएं आज अपने व्यवसाय स्थापित कर पुरूषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रहीं हैं. इससे उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो रही है और प्रदेश के युवाओं को वे रोजगार के अवसर भी प्रदान कर रही हैं.

इस योजना से रोजगार के क्षेत्र में (HP Mukhyamantri Swavalamban Yojana) आगे बढ़ रही महिलाओं के आत्मविश्वास में वृद्धि हुई है. योजना के अंतर्गत एक करोड़ रुपये तक की परियोजनाओं के लिए जहां पुरूषों को 25 प्रतिशत का निवेश उपदान प्रदान किया जाता है. वहीं, महिलाओं के लिए यह दर 30 प्रतिशत से बढ़ाकर 35 प्रतिशत की गई है. योजना के अंतर्गत 5 प्रतिशत की दर से तीन सालों तक ब्याज उपदान भी प्रदान किया जाता है. इस योजना के लिए 18 से 45 वर्ष आयुवर्ग के पुरूष और 18 से 50 वर्ष आयु वर्ग की महिलाएं पात्र हैं.

यह योजना कम लागत वाले स्थानीय उत्पादों और सेवाओं को प्रोत्साहन देते हुए सामाजिक उद्यमिता को भी प्रोत्साहित कर रही हैं. सकारात्मक परिणाम सामने आने पर राज्य सरकार ने इस योजना को विस्तार प्रदान करते हुए वर्ष 2021 में इसमें नए व्यवसाय शामिल किए हैं. इनमें डेयरी, कृषि आधारित पर्यटन, कृषि उपकरण निर्माण, सब्जी नर्सरी, पेट्रोल पम्प, इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन, एम्बुलेंस सेवा व रेशम प्रसंस्करण आदि शामिल हैं.

मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना का लाभ उठाकर महिलाएं सफलता की नई इबारत लिख रही हैं. कुल्लू जिले के भुंतर की निवासी सुरूचि भानु अपने भाई के साथ इस योजना से जुड़कर आत्मनिर्भरता की राह पर अग्रसर है. उन्होंने 2021 में जिम खोलने के लिए लगभग 40 लाख रुपये का ऋण स्वीकृत करवाया. आज उनके जिम में 51 युवा शारीरिक फिटनेस ट्रेनिंग की सुविधा का लाभ उठा रहे हैं. इनमें से कुछ युवा पुलिस बल और सेना में भर्ती होने की तैयारियां कर रहे हैं. युवाओं को प्रशिक्षण देने के लिए दो प्रशिक्षक कार्यरत हैं.

उन्होंने कहा कि प्रतिमाह इस व्यवसाय से डेढ़ लाख रुपये तक की आय अर्जित हो जाती है. उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह योजना स्वरोजगार की दिशा में एक सकारात्मक पहल है, जिससे प्रदेश के हजारों युवा लाभान्वित हो रहे हैं. जिले मंडी के रत्ती, नेरचौक की संजना शर्मा भी मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना का लाभ उठाकर स्वरोजगार की राह पर आगे बढ़ी है. उनका परिवार लंबे समय से बेंगलुरू में बसा हुआ था.

संजना शर्मा स्वयं शिक्षिका और डाइटिशन के रूप में कार्य कर रही थीं, जबकि उनके पति इंजीनियर के पद पर कार्यरत थे. संजना अपनी आंखों में घर वापसी का सपना संजोए हुए थी जिसे पूरा करने में मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना आशा की किरण बनकर सामने आई. संजना ने योजना के बारे में जानकारी प्राप्त कर अपना व्यवसाय शुरू करने की ठानी. मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के अन्तर्गत अपना रेस्टोरेंट शुरू करने के लिए उन्होंनें 11.50 लाख रुपये का ऋण लिया.

विभाग से उन्हें साढ़े तीन लाख रुपये का उपदान मिला. वर्तमान में वह रेस्टोरेंट से लगभग 80 हजार रुपये प्रतिमाह के आमदनी अर्जित कर रही है. इस रेस्टोरेंट में उन्होंने 11 लोगों को रोजगार प्रदान किया हैं, जिनमें तीन स्थानीय महिलाएं भी शामिल हैं. संजना शर्मा ने बताया कि प्रदेश सरकार की यह योजना महिलाओं की आत्मनिर्भरता की उड़ान को पंख लगा रही है. इस योजना का लाभ उठाकर महिलाएं प्रदेश की आर्थिकी में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर रही हैं और आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में भी यह योजना मददगार साबित हो रही है.

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