ऊना: प्रदेश की राजधानी शिमला (Shimla, the capital of Himachal Pradesh) से शुरू हुई आरक्षण की शव यात्रा हरिद्वार में संपन्न होने के बाद हरिद्वार से वापस हिमाचल पहुंच (Reach Himachal back from Haridwar) गई हैं. सवर्ण अधिकार यात्रा ( Swarn Adhikar Yatra in una) का रविवार को हिमाचल प्रदेश पहुंचने पर प्रवेश द्वार मैहतपुर में भव्य स्वागत (Grand welcome at the entrance Mehtpur) किया गया.
देवभूमि क्षत्रिय संगठन (devabhoomi kshatriy sangathan) द्वारा धर्मशाला के विधानसभा परिसर तक निकाली जाने वाली इस सवर्ण अधिकार यात्रा (savarn adhikaar yaatra) में सैकड़ों सवर्ण समाज के लोग सम्मिलित हुए. वही सवर्ण समाज की दर्जनों संस्थाओं ने प्रदेश के प्रवेश द्वार में इस यात्रा का ढोल नगाड़ों की थाप के बीच भव्य स्वागत किया. जोरदार नारेबाजी के बीच सवर्ण आयोग की मांग (demand for upper caste commission) एक बार फिर जोर पकड़ती हुई दिखाई दी.
वहीं, यात्रा के पहुंचने से ठीक पहले जिला प्रशासन और पुलिस (District Administration and Police) ने गहन मंत्रणा (intensive consultation) के बाद धारा 144 लागू (Section 144 enforced) करने का ऐलान किया. शनिवार शाम दलित संगठनों द्वारा यात्रा के विरोध की चेतावनी (Dalit organizations warn of protest against Yatra) के बाद प्रशासन द्वारा यह फैसला लिया गया था.
हालांकि इस यात्रा का रूट भी बदलने के निर्देश जारी किए गए, लेकिन सवर्ण संगठनों द्वारा शांतिपूर्ण तरीके से यात्रा के संचालन का हवाला देते हुए उसे पूर्ववर्ती रूट पर ले जाया गया. वहीं, प्रदेश के प्रवेश द्वार में हिमाचल आने वाली हर गाड़ी की पुलिस विभाग द्वारा सघन जांच (Intensive investigation by police department) की गई. कुल मिलाकर पुलिस और प्रशासन किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए पूरी तरह हर मोर्चे पर मुस्तैद दिखाई दिए.
राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर (Governor Rajendra Vishwanath Arlekar visit una) के प्रवास के चलते भी जिले में पुलिस और प्रशासन इस यात्रा को हल्के में लेने से बचते दिखाई दिए. प्रशासन द्वारा धारा 144 लागू (Section 144 imposed by the administration) करने के साथ ही कुछ जरूरी दिशा-निर्देश भी जारी किए गए. जिसके तहत यात्रा का रूट बदलने का निर्देश सबसे प्रमुख रहा. हालांकि प्रशासन द्वारा यात्रा को नहीं रोके जाने की बात भी कही गई थी. वहीं, दूसरी तरफ प्रदेश के तमाम प्रवेश द्वारों पर वाहनों की सघन जांच के बाद ही उन्हें हिमाचल प्रदेश में प्रवेश दिया गया. हिमाचल प्रदेश में सवर्ण अधिकार यात्रा के प्रवेश करते ही जोरदार नारेबाजी के बीच एक बार फिर सवर्ण आयोग की मांग जोर पकड़ती हुई दिखाई दी.
वहीं, सवर्ण संगठनों (upper caste organizations) ने 10 दिसंबर को धर्मशाला में विधानसभा के शीतकालीन सत्र (winter session of assembly in dharamshala) के दौरान भी इस मांग को जोरदार तरीके से उठाने का ऐलान किया. यात्रा की अगुवाई कर रहे रूमीत सिंह राजपूत (Rumeet Singh Rajput) ने कहा कि सवर्ण अधिकार यात्रा (savarn adhikaar yaatra) किसी भी धमकी से डरकर बंद नहीं की जाएगी. सवर्णो का अधिकार उन्हें दिलाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा. धर्मशाला में 10 दिसंबर को गंगाजल से विधायकों का शुद्धिकरण किया जाएगा जिसके लिए हरिद्वार से पर्याप्त मात्रा में गंगा जल लाया गया है.
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