ऊना: पंजाब में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं वैसे ही पंजाब के आला नेताओं का हिमाचल प्रदेश के धार्मिक स्थलों पर आकर नतमस्तक होने का क्रम भी बढ़ता जा रहा है. कुछ दिन पूर्व यहां पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने मां चिंतपूर्णी के दरबार में माथा टेका था. वहीं, आज पंजाब के मौजूदा उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा (Deputy Chief Minister of Punjab Sukhwinder Singh Randhawa) ने मां चिंतपूर्णी के दरबार में शीश निवाकर पंजाब की खुशहाली की कामना की.
इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा वापस लिए गए तीनों कृषि बिलों पर संतोष व्यक्त करते हुए इसे किसानों की बड़ी जीत करार दिया. वहीं दूसरी तरफ पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को लेकर भी रंधावा ने कड़े तेवर दिखाए हैं. इस मौके पर मंदिर न्यास की तरफ से भी उन्हें माता की चुनरी और चित्र देकर सम्मानित किया गया.
पंजाब में निकट भविष्य में होने वाले विधानसभा चुनावों के नजदीक आते ही तमाम राजनीतिक शख्सियतें मां चिंतपूर्णी के दरबार में नतमस्तक होने लगी है. कुछ दिन पूर्व यहां पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने मां चिंतपूर्णी के दरबार में शीश नवाया था. वहीं, रविवार को मौजूदा उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने मां चिंतपूर्णी के दरबार में हाजिरी लगाई.
इस दौरान उन्होंने पंजाब की खुशहाली के लिए मां चिंतपूर्णी (Maa Chintpurni Temple) के दरबार में प्रार्थना भी की. इस मौके पर उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने तीनों कृषि बिल वापस लिए हैं, जिसमें पंजाब का सबसे बड़ा योगदान रहा है. हालांकि इनके खिलाफ पूरे भारत में एक साथ आंदोलन शुरू हुआ, लेकिन पंजाब (Punjab) ने उसे कानून रद्द होने तक लगातार जारी रखा. उन्होंने कहा कि पंजाब के किसानों ने अंग्रेजों को भी घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था.
हालांकि कृषि कानून (Agricultural law) को काफी समय पहले ही निरस्त कर दिया जाना चाहिए था. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने अब भी उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर इन कानूनों को वापस लिया है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरु पर्व के मौके पर यह कानून वापस लेने का ऐलान किया है, लेकिन अभी भी किसानों के मन में काफी शंकाएं हैं.
किसानों की सबसे बड़ी मांग न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price) अभी भी हल नहीं हो पाई है. उन्होंने कहा कि मैं माता चिंतपूर्णी के दरबार आया हूं और यह अरदास करता हूं कि किसानों की मांगों को कभी अधूरा न छोड़ा जाए. इस दौरान पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह रंधावा (Deputy Chief Minister of Punjab Sukhwinder Singh Randhawa) ने कैप्टन अमरिंदर सिंह पर करारा हमला करते हुए कहा कि वह सदैव उनके करीबी रहे, लेकिन पार्टी से ज्यादा और कोई करीबी नहीं होता.
रंधावा ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह (Capt Amarinder Singh) का कांग्रेस पार्टी में 23 वर्ष का जीवन रहा है और उसमें से भी 19 वर्ष उन्हें पार्टी ने विभिन्न उच्च पदों पर बिठा कर रखा. हम हमेशा उन्हें पार्टी में अपने साथ लेकर चले लेकिन जब कोई साथी पार्टी को छोड़ देता है तो फिर पार्टी के बिना उसका कोई वजूद नहीं रह जाता.
उन्होंने कहा कि पंजाब में कांग्रेस पार्टी के साथ साथ और भी देश के प्रति वफादारी रखने वाले बड़े नेता रहे हैं, लेकिन उन सब को दरकिनार करते हुए कैप्टन अमरिंदर सिंह (Capt Amarinder Singh) को ही फिर से मुख्यमंत्री पद का चेहरा पार्टी ने बनाया, लेकिन अफसोस है कि आज उन्होंने पार्टी को केवल मात्र कुर्सी के कारण छोड़ दिया.
नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) पर कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा जड़े जा रहे आरोपों को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह पर खुद पर ही बहुत सारे आरोप हैं वह सिद्धू पर क्या आरोप लगाएंगे. उन्होंने कहा कि आज कैप्टन अमरिंदर सिंह नई पार्टी बनाने की बातें करते हैं, लेकिन उन्हें पंजाब की आवाम को जवाब देना होगा कि उन्होंने साढ़े 4 साल तक क्या किया.
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