ऊना: प्रदेश के बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले में सीबीआई की टीम ने बुधवार को ऊना में दबिश दी. इस दौरान सीबीआई की टीम ने कुछ युवकों से पूछताछ कर उनके बयान दर्ज किए हैं. दरअसल कुछ दिन पहले ही ऊना मुख्यालय पर सीबीआई की टीम ने एक निजी शिक्षण संस्थान में दबिश देकर कार्रवाई की थी. बताया जा रहा है कि इस शिक्षण संस्थान के तार सिरमौर जिला से भी जुड़े हुए थे. जांच में खुलासा हुआ था कि ऊना के कुछ युवकों को नाहन में छात्र बताकर छात्रवृति हड़प ली गई थी.
सूत्रों के अनुसार जांच के दौरान कुछ दस्तावेज फर्जी पाए गए हैं. बयान दर्जकर सीबीआई की टीम ने आगामी कार्रवाई शुरु कर दी है. सीबीआई ने निजी शिक्षण संस्थानों का रिकॉर्ड कब्जे में लिया है. कार्यालय में रिकॉर्ड को बारीकी से खंगाला जा रहा है. सीबीआई के हाथ शुरुआती दौर में जिन 27 संस्थानों की सूची आई है, उनमें से पांच संस्थानों को शॉर्ट लिस्ट कर 22 पर ही जांच बैठाई थी.
क्या था मामला
शिक्षा विभाग हिमाचल प्रदेश के अनुसूचित जाती, जनजाति, अल्पसंख्यक श्रेणी के प्री मैट्रिक और पोस्ट मैट्रिक छात्रों को छात्रवृत्ति देती है. साल 2013-14 से लेकर साल 2016-17 तक किसी भी स्तर पर छात्रवृत्ति योजनाओं की मॉनीटरिंग नहीं हुई. जांच रिपोर्ट के अनुसार 80 फीसदी छात्रवृत्ति का बजट सिर्फ निजी संस्थानों में बांटा गया जबकि सरकारी संस्थानों को छात्रवृत्ति के बजट का मात्र 20 फीसदी हिस्सा मिला.
विभागीय जांच में सामने आया कि चार साल में 2.38 लाख छात्रों में से 19,915 को चार मोबाइल फोन नंबर से जुड़े बैंक खातों में छात्रवृत्ति राशि जारी कर दी गई. इसी तरह 360 छात्रों की छात्रवृत्ति चार ही बैंक खातों में ट्रांसफर की गई. 5,729 विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति देने में तो आधार नंबर का प्रयोग ही नहीं किया गया है. छात्रवृत्ति आबंटन में निजी शिक्षण संस्थानों ने सभी नियमों को ताक पर रखा.