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ऊना: सहकारी सभाओं में चल रहे गड़बड़झाले, जमाकर्ता पहुंचे अधिकारियों के पास

ऊना जिले की सहकारी सभाओं में एक के बाद एक (Sahkari Sabha Una) गड़बड़झाले सामने आने लगे हैं. एक तरफ जहां कुछ सहकारी समितियों में चल रहे घोटालों की जांच हिमाचल प्रदेश स्टेट विजिलेंस एंड एंटी करप्शन ब्यूरो की टीमें कर रही हैं वहीं, दूसरी तरफ अन्य समितियों से भी इसी तरह की शिकायतें आने लगी हैं. ताजा मामले में जिला मुख्यालय की नजदीकी कृषि सहकारी सभा नंगल सलांगड़ी के जमाकर्ताओं ने सभा के प्रबंधन और सचिव पर गंभीर आरोप जड़ते हुए सहकारी सभाओं की पंजीकरण अथॉरिटी के पास शिकायत पत्र दे दिया है. सहकारी सभा में जमा अपने खून पसीने की कमाई को बचाने के लिए जमाकर्ताओं ने संघर्ष समिति का भी गठन किया है.

krishi Sahkari Sabha Nangal Salangdi
कृषि सहकारी सभा नंगल सलांगड़ी
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Published : Mar 4, 2022, 8:00 PM IST

ऊना: कृषि सहकारी सभा नंगल सलांगड़ी के (krishi Sahkari Sabha Nangal Salangdi) जमाकर्ताओं ने सभा की प्रबंधन समिति और सचिव पर गोलमाल के आरोप जड़ते हुए सहायक पंजीयक सहकारी सभाएं को शिकायत सौंपी है. सहकारी समिति के जमाकर्ताओं ने अपनी जमा पूंजी को बचाने के लिए संघर्ष समिति तक का गठन कर दिया है. जिला मुख्यालय पर अधिकारियों से मिलने पहुंची संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने आरोप जड़ा कि समिति के जमाकर्ता अपनी जमा पूंजी मांगने के लिए सहकारी सभा के सचिव से मांग कर रहे हैं, की उनकी जमा पूंजी उन्हें नहीं मिल पा रही.

संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने आरोप जड़ा है कि (Sahkari Sabha Una) उनकी जमा पूंजी का दुरुपयोग किया गया है. यहां तक कि कुछ खाताधारकों के नाम फर्जी लोन भी बनवाए गए हैं. उन्होंने इस पूरे प्रकरण में सचिव की भूमिका को संदेहास्पद करार दिया है. संघर्ष समिति पदाधिकारियों का आरोप है कि समिति में करोड़ों रुपए की जमा पूंजी खाता धारकों द्वारा जमा करवाई गई है. आज उन्हें अपने ही हक हलाल की कमाई नहीं मिल पा रही है.

कृषि सहकारी सभा नंगल सलांगड़ी


वहीं, सहायक पंजीयक सहकारी सभाएं का कहना है कि पिछले साल के ऑडिट के अनुसार इस सभा में करीब 3 करोड़ रुपये की पूंजी खाता धारकों द्वारा जमा करवाई गई है जबकि इसी ऑडिट नोट के अनुसार करीब ढाई करोड़ के लोन लोगों को दिए गए हैं. वहीं, सहकारिता के नियम के अनुसार जमा पूंजी से केवल मात्र 30 फीसदी राशि तक ही ऋण दिया जा सकता है ताकि समय पड़ने पर लोगों को उनकी मांग के अनुसार उनका पैसा वापस दिया जाए.

इस सहकारी सभा द्वारा नियमों को ताक पर रखकर कोताही बरती गई है. जिसके लिए वहां की प्रबंधन समिति और सचिव पूरी तरह से जिम्मेदार हैं. उन्होंने कहा कि इस संबंध में प्रबंधन समिति को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है. यदि प्रबंधन समिति द्वारा कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया जाता है तो फिर विभाग सहकारी सभा का काम अपने हाथ में ले लेगा.

ये भी पढे़ं : बिलासपुर में सीसीटीवी कैमरों से स्थानीय जनता को हो रही परेशानी: आशीष ठाकुर

ऊना: कृषि सहकारी सभा नंगल सलांगड़ी के (krishi Sahkari Sabha Nangal Salangdi) जमाकर्ताओं ने सभा की प्रबंधन समिति और सचिव पर गोलमाल के आरोप जड़ते हुए सहायक पंजीयक सहकारी सभाएं को शिकायत सौंपी है. सहकारी समिति के जमाकर्ताओं ने अपनी जमा पूंजी को बचाने के लिए संघर्ष समिति तक का गठन कर दिया है. जिला मुख्यालय पर अधिकारियों से मिलने पहुंची संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने आरोप जड़ा कि समिति के जमाकर्ता अपनी जमा पूंजी मांगने के लिए सहकारी सभा के सचिव से मांग कर रहे हैं, की उनकी जमा पूंजी उन्हें नहीं मिल पा रही.

संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने आरोप जड़ा है कि (Sahkari Sabha Una) उनकी जमा पूंजी का दुरुपयोग किया गया है. यहां तक कि कुछ खाताधारकों के नाम फर्जी लोन भी बनवाए गए हैं. उन्होंने इस पूरे प्रकरण में सचिव की भूमिका को संदेहास्पद करार दिया है. संघर्ष समिति पदाधिकारियों का आरोप है कि समिति में करोड़ों रुपए की जमा पूंजी खाता धारकों द्वारा जमा करवाई गई है. आज उन्हें अपने ही हक हलाल की कमाई नहीं मिल पा रही है.

कृषि सहकारी सभा नंगल सलांगड़ी


वहीं, सहायक पंजीयक सहकारी सभाएं का कहना है कि पिछले साल के ऑडिट के अनुसार इस सभा में करीब 3 करोड़ रुपये की पूंजी खाता धारकों द्वारा जमा करवाई गई है जबकि इसी ऑडिट नोट के अनुसार करीब ढाई करोड़ के लोन लोगों को दिए गए हैं. वहीं, सहकारिता के नियम के अनुसार जमा पूंजी से केवल मात्र 30 फीसदी राशि तक ही ऋण दिया जा सकता है ताकि समय पड़ने पर लोगों को उनकी मांग के अनुसार उनका पैसा वापस दिया जाए.

इस सहकारी सभा द्वारा नियमों को ताक पर रखकर कोताही बरती गई है. जिसके लिए वहां की प्रबंधन समिति और सचिव पूरी तरह से जिम्मेदार हैं. उन्होंने कहा कि इस संबंध में प्रबंधन समिति को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है. यदि प्रबंधन समिति द्वारा कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया जाता है तो फिर विभाग सहकारी सभा का काम अपने हाथ में ले लेगा.

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