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ऊना में पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा, बैरी से सोलह सिंगी धार तक 4 किलोमीटर का विहंगम नजारे वाला ट्रैकिंग रूट तैयार

ऊना के विस क्षेत्र कुटलैहड़ को पर्यटन के मानचित्र पर लाने के लिए वन विभाग ने 4 किलोमीटर लंबे ट्रैकिंग रूट को तैयार करने का काम शुरू कर दिया है. ये ट्रैक रूट बंगाणा के साथ लगते गांव बैरी से लेकर सोलह सिंगी धार पर स्थित प्राचीन किलों तक जाता है. पढ़ें इस रूट की और खास बातें....

Barry to Solah Singi Dhar trekking route
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Published : Sep 12, 2019, 9:20 AM IST

Updated : Sep 13, 2019, 10:21 AM IST

ऊनाः हिमाचल प्रदेश में दर्जनों पर्यटन स्थल है जहां सालभर देश-विदेश से लाखों सैलानी प्राकृतिक सुंदरता के दीदार करने आते हैं, लेकिन जिला ऊना पर्यटन की नजर से काफी पिछड़ा हुआ है. ऊना जिला को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए कोशिश शुरू हो गई है. इसकी शुरुआत कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र से हुई है.


यहां पर पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा कुटलैहड़ पर्यटन सोसायटी का भी गठन किया गया है. ये सोसायटी क्षेत्र में पर्यटन स्थलों को उजागर करके जिला प्रशासन को अपनी रिपोर्ट सौंप रही है. इसी कड़ी में वन विभाग ने पहल करते हुए इको टूरिज्म के तहत एक ट्रैक रूट तैयार करने का बीड़ा उठाया है, जिस पर तेजी से काम शुरू कर दिया गया है.

वीडियो.


ट्रैकिंग रूट बंगाणा-हमीरपुर मार्ग पर स्थित गांव बेरी से सोलह सिंगी धार के ऐतिहासिक किलों तक तैयार किया जा रहा है. जिसकी दूरी करीब 4 किलोमीटर है. इस पर ट्रैकिंग करते हुए सैलानी कुटलैहड़ की सुंदरता को निहार सकते हैं. पर्यटकों की सहूलियत के लिए रास्ते में साइन बोर्ड भी लगाए गए हैं, इसमें वाइल्डलाइफ के साथ-साथ जिला ऊना में पाए जाने वाले पशु-पक्षियों के बारे में बताया गया है.

विहंगम नजारे

Barry to Solah Singi Dhar trekking route
सोलह सिंगी धार किले से विहंगम नजारा


वहीं, इस ट्रैक के दौरान पर्यटक विभिन्न प्रकार के पेड़-पौधों के साथ-साथ झरझर बहते पानी का भी दीदार कर सकते हैं. रास्ते में वन विभाग द्वारा पर्यटकों के थकान दूर करने के लिए बांस के बेंच भी स्थापित किए जा रहे हैं. ट्रैक से प्राचीन किलों पर पहुंचकर सैलानी हमीरपुर और ऊना जिला के विभिन्न गांवों को देख सकेंगे. साथ ही किलों से गोबिंद सागर का विहंगम नजारे का लुत्फ भी उठा पाएंगे.

ये भी पढ़ें- हिमाचल के किले: वर्तमान पीढ़ी को बिना अपनी पहचान बताये जमींदोज हो रहा ऊना का सोलह सिंगी धार किला

ट्रैक रूट की पहचान ऐतिहासिक

Barry to Solah Singi Dhar trekking route
सोलह सिंगी धार किला

ट्रैक रूट को ऐतिहासिक धरोहर भी बताया जा रहा है. करीब 100 साल पहले ये रूट छोटे पगडंडी मार्ग के रूप में इस्तेमाल होता था. अब इसे वन विभाग विकसित करने में जुटा हुआ है. माना जाता है कि इसे कुटलैहड़ के पूर्व राजा महेंद्र पाल के पूर्वज काल से बनाया गया है. बता दें कि इस ट्रैकिंग रूट के तैयार होने के बाद पर्यटकों को इस पर ट्रैकिंग करने के लिए बकायदा परमिट जारी होगा, जिसे रेंज ऑफिसर बंगाणा द्वारा जारी किया जाएगा.


ट्रैकरों व स्थानीय लोगों में भारी उत्साह

Barry to Solah Singi Dhar trekking route
रूट से गुजरते ट्रैकर


ट्रैकरों की मानें तो यह एक बहुत खुबसूरत ट्रैक है और इस पर ट्रैकिंग करते हुए जंगल, पहाड़, पानी के साथ साथ पशु-पक्षी भी देखने को मिल रहे हैं. ट्रैकरों ने कहा कि सरकार को पर्यटन की दृष्टि से ऐसे कदम उठाते रहना चाहिए ताकि क्षेत्र में पर्यटन व्यवसाय विकसित हो सके. कुटलैहड़ क्षेत्र में पर्यटन शुरू होने से स्थानीय लोगों में भी उत्साह बना हुआ है. स्थानीय लोगों की मानें तो पर्यटन स्थलों के निर्माण से रोजगार के साधन उपलब्ध होंगे. साथ ही क्षेत्र का नाम भी पर्यटन मानचित्र पर उभरेगा.

Barry to Solah Singi Dhar trekking route
ट्रैकिंग रूट में लगे साइन बोर्ड

क्या कहते हैं अधिकारी


ऐतिहासिक रूट को वन विभाग के मंडलाधिकारी यशुदीप सिंह की इच्छाशक्ति के चलते पर्यटकों के लिए खोला गया है. यशुदीप सिंह ने बताया कि विभाग द्वारा इस ट्रैकिंग रूट को बेहतर तरीके से तैयार किया जा रहा है. यशुदीप सिंह ने बताया कि इस रूट पर सेल्फी पॉइंट भी बनाए जाएंगे. मंडलाधिकारी ने बताया कि कुटलैहड़ में जल्द ही कई अन्य ट्रैकिंग रूट तैयार करने का भी दावा किया.

ये भी पढ़ें- अनछुआ हिमाचल: हजारों लोगों की आस्था का केंद्र है गुमनाम बाहारा, प्रशासन की बेरुखी से नहीं आई 'बहार'

ये भी पढ़ें- अनछुआ हिमाचल: बाकि दर्रों से अलग है चंबा का जोत पर्यटन स्थल, यहां से दिखता है मणिमहेश का मनमोहक नजारा

ऊनाः हिमाचल प्रदेश में दर्जनों पर्यटन स्थल है जहां सालभर देश-विदेश से लाखों सैलानी प्राकृतिक सुंदरता के दीदार करने आते हैं, लेकिन जिला ऊना पर्यटन की नजर से काफी पिछड़ा हुआ है. ऊना जिला को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए कोशिश शुरू हो गई है. इसकी शुरुआत कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र से हुई है.


यहां पर पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा कुटलैहड़ पर्यटन सोसायटी का भी गठन किया गया है. ये सोसायटी क्षेत्र में पर्यटन स्थलों को उजागर करके जिला प्रशासन को अपनी रिपोर्ट सौंप रही है. इसी कड़ी में वन विभाग ने पहल करते हुए इको टूरिज्म के तहत एक ट्रैक रूट तैयार करने का बीड़ा उठाया है, जिस पर तेजी से काम शुरू कर दिया गया है.

वीडियो.


ट्रैकिंग रूट बंगाणा-हमीरपुर मार्ग पर स्थित गांव बेरी से सोलह सिंगी धार के ऐतिहासिक किलों तक तैयार किया जा रहा है. जिसकी दूरी करीब 4 किलोमीटर है. इस पर ट्रैकिंग करते हुए सैलानी कुटलैहड़ की सुंदरता को निहार सकते हैं. पर्यटकों की सहूलियत के लिए रास्ते में साइन बोर्ड भी लगाए गए हैं, इसमें वाइल्डलाइफ के साथ-साथ जिला ऊना में पाए जाने वाले पशु-पक्षियों के बारे में बताया गया है.

विहंगम नजारे

Barry to Solah Singi Dhar trekking route
सोलह सिंगी धार किले से विहंगम नजारा


वहीं, इस ट्रैक के दौरान पर्यटक विभिन्न प्रकार के पेड़-पौधों के साथ-साथ झरझर बहते पानी का भी दीदार कर सकते हैं. रास्ते में वन विभाग द्वारा पर्यटकों के थकान दूर करने के लिए बांस के बेंच भी स्थापित किए जा रहे हैं. ट्रैक से प्राचीन किलों पर पहुंचकर सैलानी हमीरपुर और ऊना जिला के विभिन्न गांवों को देख सकेंगे. साथ ही किलों से गोबिंद सागर का विहंगम नजारे का लुत्फ भी उठा पाएंगे.

ये भी पढ़ें- हिमाचल के किले: वर्तमान पीढ़ी को बिना अपनी पहचान बताये जमींदोज हो रहा ऊना का सोलह सिंगी धार किला

ट्रैक रूट की पहचान ऐतिहासिक

Barry to Solah Singi Dhar trekking route
सोलह सिंगी धार किला

ट्रैक रूट को ऐतिहासिक धरोहर भी बताया जा रहा है. करीब 100 साल पहले ये रूट छोटे पगडंडी मार्ग के रूप में इस्तेमाल होता था. अब इसे वन विभाग विकसित करने में जुटा हुआ है. माना जाता है कि इसे कुटलैहड़ के पूर्व राजा महेंद्र पाल के पूर्वज काल से बनाया गया है. बता दें कि इस ट्रैकिंग रूट के तैयार होने के बाद पर्यटकों को इस पर ट्रैकिंग करने के लिए बकायदा परमिट जारी होगा, जिसे रेंज ऑफिसर बंगाणा द्वारा जारी किया जाएगा.


ट्रैकरों व स्थानीय लोगों में भारी उत्साह

Barry to Solah Singi Dhar trekking route
रूट से गुजरते ट्रैकर


ट्रैकरों की मानें तो यह एक बहुत खुबसूरत ट्रैक है और इस पर ट्रैकिंग करते हुए जंगल, पहाड़, पानी के साथ साथ पशु-पक्षी भी देखने को मिल रहे हैं. ट्रैकरों ने कहा कि सरकार को पर्यटन की दृष्टि से ऐसे कदम उठाते रहना चाहिए ताकि क्षेत्र में पर्यटन व्यवसाय विकसित हो सके. कुटलैहड़ क्षेत्र में पर्यटन शुरू होने से स्थानीय लोगों में भी उत्साह बना हुआ है. स्थानीय लोगों की मानें तो पर्यटन स्थलों के निर्माण से रोजगार के साधन उपलब्ध होंगे. साथ ही क्षेत्र का नाम भी पर्यटन मानचित्र पर उभरेगा.

Barry to Solah Singi Dhar trekking route
ट्रैकिंग रूट में लगे साइन बोर्ड

क्या कहते हैं अधिकारी


ऐतिहासिक रूट को वन विभाग के मंडलाधिकारी यशुदीप सिंह की इच्छाशक्ति के चलते पर्यटकों के लिए खोला गया है. यशुदीप सिंह ने बताया कि विभाग द्वारा इस ट्रैकिंग रूट को बेहतर तरीके से तैयार किया जा रहा है. यशुदीप सिंह ने बताया कि इस रूट पर सेल्फी पॉइंट भी बनाए जाएंगे. मंडलाधिकारी ने बताया कि कुटलैहड़ में जल्द ही कई अन्य ट्रैकिंग रूट तैयार करने का भी दावा किया.

ये भी पढ़ें- अनछुआ हिमाचल: हजारों लोगों की आस्था का केंद्र है गुमनाम बाहारा, प्रशासन की बेरुखी से नहीं आई 'बहार'

ये भी पढ़ें- अनछुआ हिमाचल: बाकि दर्रों से अलग है चंबा का जोत पर्यटन स्थल, यहां से दिखता है मणिमहेश का मनमोहक नजारा

Intro:स्लग -- पर्यटन की दृष्टि से विकसित होगा कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र, प्रशासन ने कुटलैहड़ में पर्यटन क्षेत्र विकसित करने को तेज की कदमताल, बैरी से सोलाहसिंगी धार तक 4 किलोमीटर का ट्रेकिंग रूट तैयार, ट्रैक रुट शुरू होने से पहले ही सैलानी आना शुरू, वन विभाग बनाएगा कई और ट्रैक रूट, ट्रैक रूट बनने से स्थानीय लोगों में भी उत्साह।Body:एंकर -- जिला ऊना के कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए सरकार और प्रशासन ने कदमताल तेज कर दी है। कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र को पर्यटन के मानचित्र पर लाने के लिए वन विभाग ने पहल करते हुए इको टूरिज्म के तहत 4 किलोमीटर लंबे ट्रैकिंग रूट को तैयार करना शुरू कर दिया है। यह ट्रैक रूट बंगाणा के साथ लगते गांव बैरी से लेकर सोलहसिंगी धार पर स्थित प्राचीन किलों तक जाता है। चार किलोमीटर लंबे ट्रैक के दौरान सैलानी जंगल में कई तरह के पेड़ पौधों, झरझर बहते पानी और विभिन्न प्रजाति के पशु पक्षियों के भी दीदार कर सकते है। ट्रैक रूट को लेकर वन विभाग द्वारा अभी काम चल रहा है जबकि कई सैलानियों ने जहाँ आवाजाही भी शुरू कर दी है। वहीँ वन विभाग ने कुटलैहड़ क्षेत्र में कई और ट्रैकिंग रुट भी चिन्हित किये है जिन पर जल्द ही काम शुरू करने का दावा किया जा रहा है।

वी ओ 1 -- हिमाचल प्रदेश में दर्जनों पर्यटन स्थल है जहाँ सालभर देश विदेश से लाखों सैलानी प्राकृतिक सुंदरता के दीदार को पहुँचते है लेकिन हिमाचल प्रदेश का ही जिला ऊना पर्यटन क्षेत्र में काफी पिछड़ा हुआ है। ऊना जिला को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए अब प्रयास शुरू हो गए है। इसकी कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र से हुई है। कुटलैहड़ क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा कुटलैहड़ पर्यटन सोसायटी का भी गठन किया गया है यह सोसायटी क्षेत्र में पर्यटन स्थलों को चिन्हित करके जिला प्रशासन को अपनी रिपोर्ट सौंप रही है। इसी कड़ी में वन विभाग ने पहल करते हुए इको टूरिज्म के तहत एक ट्रेक रूट को तैयार करने का बीड़ा उठाया है जिस पर तेजी से काम भी शुरू कर दिया गया है। यह ट्रैकिंग रूट बंगाणा-हमीरपुर रोड़ पर स्थित गांव बेरी से सोलह सिंगी धार के एतिहासिक किलों तक तैयार किया जा रहा है, इसकी दूरी लगभग 4 किलोमीटर है। इस पर ट्रैकिंग करते हुए सैलानी कुटलैहड़ की सुंदरता को निहारते सकते हैं। पर्यटकों की सहूलियत के लिए इस रास्ते पर साइन बोर्ड लगाए गए हैं, इसमें वाइल्डलाइफ के साथ साथ जिला ऊना में पाए जाने वाले पशु-पक्षियों के बारे में बताया गया है। वहीँ इस ट्रैक के दौरान पर्यटक विभिन्न प्रकार के पेड़-पौधों के साथ-साथ झरझर बहते पानी का भी दीदार कर सकते है। वहीँ रास्ते में वन विभाग द्वारा बांस से बनाये गए बैंच बह स्थापित किये जा रहे है जिस पर बैठकर पर्यटक अपनी थकान दूर कर सकते है। वहीँ प्राचीन किलों पर पहुंचकर सैलानी हमीरपुर और ऊना जिला के विभिन्न गाँवों को देख सकेंगे वहीँ किलों से गोबिंद सागर का विहंगम नजारे का लुत्फ़ भी उठा पाएंगे। यह ट्रैक रूट भी एक ऐतिहासिक है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि यह 100 साल पुराना ट्रैकिंग रूट है, तब छोटे पगडंडी मार्ग के रूप में प्रयोग होता था। अब इसे वन विभाग ने कुछ बेहतर बना दिया है। इसे कुटलैहड़ के पूर्व राजा महेंद्र पाल के पूर्वज काल से बनाया गया है। इस ऐतिहासिक रूट को वन विभाग के युवा अधिकारी यशुदीप सिंह की इच्छाशक्ति के चलते पर्यटकों के लिए खोला गया है। इस ट्रैकिंग रूट के तैयार होने के बाद पर्यटकों को इस पर ट्रेकिंग करने के लिए वाकायदा परमिट जारी होगा जिसे रेंज ऑफिसर बंगाणा द्वारा जारी किया जायेगा।

बाइट -- यशुदीप सिंह (वन मंडलाधिकारी)
TRACK ROOT 6
वन मंडलाधिकारी यशुदीप सिंह ने बताया कि वन विभाग इस ट्रेकिंग रूट को बेहतर तरीके से तैयार किया जा रहा है। यशुदीप सिंह ने बताया कि इस रूट पर सेल्फी पॉइंट भी बनाये जायेंगे। वहीँ वन मंडलाधिकारी ने कुटलैहड़ में जल्द ही कई और ट्रेकिंग रुट तैयार करने का भी दावा किया।


बाइट -- राहुल (ट्रैकर)
TRACK ROOT 7

बाइट -- विजय (ट्रैकर)
TRACK ROOT 8

बेशक वन विभाग द्वारा अभी तक इस ट्रेक रूट को तैयार किया जा रहा है लेकिन जैसे जैसे पर्यटकों को इसकी जानकारी मिल रही है वो इस पर ट्रेकिंग के लिए आना शुरू भी हो गए है। ट्रैकरों की माने तो यह एक बहुत सुंदर ट्रैक है और इस पर ट्रेकिंग करते हुए जंगल, पहाड़, पानी के साथ साथ पशु पक्षी भी देखने को मिल रहे है। ट्रैकरों की माने तो सरकार को पर्यटन की दृष्टि से ऐसे कदम उठाते रहना चाहिए ताकि क्षेत्र में पर्यटन व्यवसाय विकसित हो सके।


बाइट -- ललित (स्थानीय वासी)
TRACK ROOT 9

बाइट -- अनमोल (स्थानीय वासी)
TRACK ROOT 10

वहीँ कुटलैहड़ क्षेत्र में पर्यटन शुरू होने की कदमताल से स्थानीय लोग भी खासे उत्साहित है। स्थानीय लोगों की माने तो पर्यटन स्थलों के निर्माण से रोजगार के साधन उपलब्ध होंगे वहीँ क्षेत्र का नाम भी पर्यटन मानचित्र पर उभरेगा।


पीटीसी -- अशोक राणा ( ईटीवी, संवाददाता)
TRACK ROOT 11Conclusion:
Last Updated : Sep 13, 2019, 10:21 AM IST
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