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47.60 करोड़ रुपये की लागत से परवाणू में दो सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट होंगे तैयार

औद्योगिक क्षेत्र परवाणू के साथ लगती पंचायत के लोगों को जल्द ही ट्रीटमेंट प्लांट का लाभ (Two sewerage treatment plants in Parwanoo) मिलेगा. दरअसल 47.60 करोड़ की लागत से परवाणू में दो सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तैयार किए जाएंगे. जल शक्ति विभाग ने पहले चरण में करीब 27 करोड़ रुपये खर्च कर एक जोन में एचपीएमसी के समीप संयंत्र लगाया (Sewerage Treatment Plant in Parwanoo) है. नगर परिषद क्षेत्र में बड़ी सीवरेज पाइप बिछाने के बाद लोगों को सेप्टिक टैंक बनाने का झंझट नहीं होगा.

Two sewerage treatment plants in Parwanoo
परवाणू में दो सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट
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Published : Mar 21, 2022, 11:52 AM IST

सोलन: औद्योगिक क्षेत्र परवाणू को सेप्टिक टैंक और छोटी सीवरेज से मुक्त करने का कार्य किया जा रहा (Two sewerage treatment plants in Parwanoo) है. इसके लिए सरकार की ओर से करीब 47.60 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं. इस राशि से क्षेत्र में दो सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) बनाए जाएंगे. परवाणू क्षेत्र की आबादी समेत साथ लगती पंचायत के लोगों को ट्रीटमेंट प्लांट का लाभ मिलेगा. जल शक्ति विभाग ने पहले चरण में करीब 27 करोड़ रुपये खर्च कर एक जोन में एचपीएमसी के समीप संयंत्र लगाया (Sewerage Treatment Plant in Parwanoo) है. नगर परिषद क्षेत्र में बड़ी सीवरेज पाइप बिछाने के बाद लोगों को सेप्टिक टैंक बनाने का झंझट नहीं होगा.

जानकारी के अनुसार नगर परिषद परवाणू में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने का कार्य 2020 में शुरू कर दिया गया (Industrial Area Parwanoo) था. नगर परिषद परवाणू समेत साथ लगती पंचायत के कुछ क्षेत्र की आबादी (करीब 45 हजार) के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने का कार्य व्यवस्थित तरीके से करने हेतू जल शक्ति विभाग की ओर से खाका तैयार किया गया था. इस खाके के अनुसार कार्य को दो भागों में बांटा गया है. पहला चरण यानी जोन एक में सेक्टर एक ए, दो, तीन, चार, पांच, छह, समेत टकसाल पंचायत के धग्गड़ और टकसाल गांव को शामिल किया गया है. इस क्षेत्र में जल शक्ति विभाग ने सीवरेज पाइप लाइन बिछाने का कार्य भी करीब 80 फीसदी पूरा कर लिया है.

वहीं, जोन दो में फॉरेस्ट की स्वीकृति के बाद टीपरा गांव में दूसरा संयंत्र लगाया (Two sewerage treatment plants in Parwanoo) जाएगा. इस जोन में नगर परिषद परवाणू के सेक्टर तीन का कुछ क्षेत्र, सेक्टर एक, ऊंचा परवाणू, देली, कामली, खड़ीन, टीपरा को जोड़ा जाएगा. इस क्षेत्र में सीवरेज पाइप बिछाने का कार्य करीब 60 फीसदी पूरा कर लिया गया है. इसी के साथ टीपरा में संयंत्र लगाने के लिए स्टेज वन की अनुमति मिली है, जबकि स्टेज दो की अनुमति आना बाकी है.

मुख्यमंत्री ने परवाणू दौरे के दौरान किया था शिलान्यास: परवाणू क्षेत्र को सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शिलान्यास किया था. मुख्यमंत्री के परवाणू दौरे के दौरान कई प्रकार की सौगातें क्षेत्र को दी गई थी. इसके बाद से यह कार्य शुरू किया गया और अब लगभग कार्य पूरा होने की कगार में पहुंच गया है.

सितंबर माह में पूरा करने का लक्ष्य: जल शक्ति विभाग की ओर से दो जोन में कार्य करवाने के लिए वर्ष 2020 के मध्य में कार्य अवार्ड किया गया था. कोरोना काल में लॉकडाउन और लगातार बढ़ते मामलों के कारण कार्य काफी प्रभावित हुआ, लेकिन अब विभाग की ओर से कार्य को पूरा करने के लिए सितंबर माह का लक्ष्य रखा है, ताकि लोगों को जल्द इसकी सुविधा मिले.

शहर को नालियों में बहने वाली गंदगी से मिलेगा छुटकारा: आमतौर पर कई बार शहर की नालियों में सीवरेज की गंदगी बहने से लोगों को ही परेशानी झेलनी पड़ती है. वहीं, वर्तमान में बिछी हुई पाइप लाइन छोटी आबादी को देखते हुए छोटी पड़नी शुरू हो गई (Sewerage Treatment Plant in Parwanoo) है. इससे समय की मांग को देखते हुए ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जा रहा है. इससे नालियों में बहने वाली गंदगी से छुटकारा मिलेगा.

बजट में 13.88 करोड़ का प्रावधान: प्रदेश सरकार ने कार्य को लेकर बजट का प्रावधान किया है. इस कार्य के लिए पहले 32 करोड़ रुपये का बजट विभाग का पास आया था. इस राशि में करीब 27 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं, लेकिन कार्य में कोई बाधा न आए इसके लिए सरकार ने बजट में 13.88 करोड़ रुपये का और प्रावधान किया है. वित्त वर्ष 2022-23 में यह राशि विभाग के पास आएगी.

एमबीबीआर तकनीक से हो रहा कार्य: एचपीएमसी और टीपरा गांव के समीप लगने वाले ट्रीटमेंट प्लांट एमबीबीआर तकनीक से लगाए जा रहे हैं. इस तकनीक के माध्यम से आधुनिक मशीनों में सीवरेज को पानी में बदलकर साथ लगते खड्ड में गिराया जाएगा. प्रत्येक ट्रीटमेंट प्लांट में एक एमएलडी यानी दस लाख लीटर के टैंक बनेंगे.

आधुनिक तकनीक का किया जा रहा प्रयोग: अधिशासी अभियंता जल शक्ति विभाग ई. रविकांत शर्मा ने कहा कि परवाणू में सीवरेज ट्रीटमेंट का कार्य आधुनिक तकनीक से किया जा रहा है. एक जोन में एचपीएमसी के समीप ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जा चुका है. दूसरे जोन में फॉरेस्ट की अनुमति मिलने के बाद संयंत्र लगाया जाएगा. सीवरेज पाइप बिछाने का कार्य दोनों जोन में किया जा रहा है. सितंबर माह में कार्य पूरा करने का लक्ष्य है.

प्रदेश सरकार के प्रयासों से हुआ सफल: स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने कहा कि प्रदेश सरकार के सफल प्रयासों से कार्य हो रहा है. परवाणू प्रदेश का अहम क्षेत्र है और इसे बेहतर बनाने का कार्य किया जा रहा है. क्षेत्र में एसटीपी कार्य के लिए बजट में भी 13.88 करोड़ रुपये का प्रावधान मुख्यमंत्री ने किया है.


ये भी पढ़ें: हिमाचल प्रदेश: भाजपा के राज्यसभा उम्मीदवार डॉक्टर सिकंदर कुमार आज भरेंगे नामांकन

सोलन: औद्योगिक क्षेत्र परवाणू को सेप्टिक टैंक और छोटी सीवरेज से मुक्त करने का कार्य किया जा रहा (Two sewerage treatment plants in Parwanoo) है. इसके लिए सरकार की ओर से करीब 47.60 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं. इस राशि से क्षेत्र में दो सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) बनाए जाएंगे. परवाणू क्षेत्र की आबादी समेत साथ लगती पंचायत के लोगों को ट्रीटमेंट प्लांट का लाभ मिलेगा. जल शक्ति विभाग ने पहले चरण में करीब 27 करोड़ रुपये खर्च कर एक जोन में एचपीएमसी के समीप संयंत्र लगाया (Sewerage Treatment Plant in Parwanoo) है. नगर परिषद क्षेत्र में बड़ी सीवरेज पाइप बिछाने के बाद लोगों को सेप्टिक टैंक बनाने का झंझट नहीं होगा.

जानकारी के अनुसार नगर परिषद परवाणू में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने का कार्य 2020 में शुरू कर दिया गया (Industrial Area Parwanoo) था. नगर परिषद परवाणू समेत साथ लगती पंचायत के कुछ क्षेत्र की आबादी (करीब 45 हजार) के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने का कार्य व्यवस्थित तरीके से करने हेतू जल शक्ति विभाग की ओर से खाका तैयार किया गया था. इस खाके के अनुसार कार्य को दो भागों में बांटा गया है. पहला चरण यानी जोन एक में सेक्टर एक ए, दो, तीन, चार, पांच, छह, समेत टकसाल पंचायत के धग्गड़ और टकसाल गांव को शामिल किया गया है. इस क्षेत्र में जल शक्ति विभाग ने सीवरेज पाइप लाइन बिछाने का कार्य भी करीब 80 फीसदी पूरा कर लिया है.

वहीं, जोन दो में फॉरेस्ट की स्वीकृति के बाद टीपरा गांव में दूसरा संयंत्र लगाया (Two sewerage treatment plants in Parwanoo) जाएगा. इस जोन में नगर परिषद परवाणू के सेक्टर तीन का कुछ क्षेत्र, सेक्टर एक, ऊंचा परवाणू, देली, कामली, खड़ीन, टीपरा को जोड़ा जाएगा. इस क्षेत्र में सीवरेज पाइप बिछाने का कार्य करीब 60 फीसदी पूरा कर लिया गया है. इसी के साथ टीपरा में संयंत्र लगाने के लिए स्टेज वन की अनुमति मिली है, जबकि स्टेज दो की अनुमति आना बाकी है.

मुख्यमंत्री ने परवाणू दौरे के दौरान किया था शिलान्यास: परवाणू क्षेत्र को सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शिलान्यास किया था. मुख्यमंत्री के परवाणू दौरे के दौरान कई प्रकार की सौगातें क्षेत्र को दी गई थी. इसके बाद से यह कार्य शुरू किया गया और अब लगभग कार्य पूरा होने की कगार में पहुंच गया है.

सितंबर माह में पूरा करने का लक्ष्य: जल शक्ति विभाग की ओर से दो जोन में कार्य करवाने के लिए वर्ष 2020 के मध्य में कार्य अवार्ड किया गया था. कोरोना काल में लॉकडाउन और लगातार बढ़ते मामलों के कारण कार्य काफी प्रभावित हुआ, लेकिन अब विभाग की ओर से कार्य को पूरा करने के लिए सितंबर माह का लक्ष्य रखा है, ताकि लोगों को जल्द इसकी सुविधा मिले.

शहर को नालियों में बहने वाली गंदगी से मिलेगा छुटकारा: आमतौर पर कई बार शहर की नालियों में सीवरेज की गंदगी बहने से लोगों को ही परेशानी झेलनी पड़ती है. वहीं, वर्तमान में बिछी हुई पाइप लाइन छोटी आबादी को देखते हुए छोटी पड़नी शुरू हो गई (Sewerage Treatment Plant in Parwanoo) है. इससे समय की मांग को देखते हुए ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जा रहा है. इससे नालियों में बहने वाली गंदगी से छुटकारा मिलेगा.

बजट में 13.88 करोड़ का प्रावधान: प्रदेश सरकार ने कार्य को लेकर बजट का प्रावधान किया है. इस कार्य के लिए पहले 32 करोड़ रुपये का बजट विभाग का पास आया था. इस राशि में करीब 27 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं, लेकिन कार्य में कोई बाधा न आए इसके लिए सरकार ने बजट में 13.88 करोड़ रुपये का और प्रावधान किया है. वित्त वर्ष 2022-23 में यह राशि विभाग के पास आएगी.

एमबीबीआर तकनीक से हो रहा कार्य: एचपीएमसी और टीपरा गांव के समीप लगने वाले ट्रीटमेंट प्लांट एमबीबीआर तकनीक से लगाए जा रहे हैं. इस तकनीक के माध्यम से आधुनिक मशीनों में सीवरेज को पानी में बदलकर साथ लगते खड्ड में गिराया जाएगा. प्रत्येक ट्रीटमेंट प्लांट में एक एमएलडी यानी दस लाख लीटर के टैंक बनेंगे.

आधुनिक तकनीक का किया जा रहा प्रयोग: अधिशासी अभियंता जल शक्ति विभाग ई. रविकांत शर्मा ने कहा कि परवाणू में सीवरेज ट्रीटमेंट का कार्य आधुनिक तकनीक से किया जा रहा है. एक जोन में एचपीएमसी के समीप ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जा चुका है. दूसरे जोन में फॉरेस्ट की अनुमति मिलने के बाद संयंत्र लगाया जाएगा. सीवरेज पाइप बिछाने का कार्य दोनों जोन में किया जा रहा है. सितंबर माह में कार्य पूरा करने का लक्ष्य है.

प्रदेश सरकार के प्रयासों से हुआ सफल: स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने कहा कि प्रदेश सरकार के सफल प्रयासों से कार्य हो रहा है. परवाणू प्रदेश का अहम क्षेत्र है और इसे बेहतर बनाने का कार्य किया जा रहा है. क्षेत्र में एसटीपी कार्य के लिए बजट में भी 13.88 करोड़ रुपये का प्रावधान मुख्यमंत्री ने किया है.


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