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किसान आंदोलन खत्म, लेकिन सोलन में किसानों की मांगों को लेकर जारी रहेगा आंदोलन : सयुंक्त किसान मोर्चा - SAMYUKT KISAN MORCHA PRESS CONFERENCE

SAMYUKT KISAN MORCHA PRESS CONFERENCE SOLAN: सोलन में संयुक्त किसान मोर्चा ने देश में किसान आंदोलन की समाप्ति पर प्रेस वार्ता करके यह बयान दिया है कि किसान आंदोलन भले ही खत्म हुआ है, लेकिन सोलन के (kisan andolan in Solan) किसानों का आंदोलन तो अभी जारी है. किसान आंदोलन पर प्रतिक्रिया देते हुए संयुक्त किसान मोर्चा के सह संयोजक मोहित वर्मा ने बताया कि देश के किसान आंदोलन से सरकार बैकफुट पर आई और एक बार फिर किसानों की जीत हुई. वहीं, उन्होंने कहा कि देशव्यापी किसान आंदोलन भले ही खत्म हो गया हो, लेकिन हिमाचल प्रदेश में इस आंदोलन को जारी रखा जाएगा.

SAMYUKT KISAN MORCHA PRESS CONFERENCE IN SOLAN
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Published : Dec 9, 2021, 8:19 PM IST

सोलन: जिला सोलन में संयुक्त किसान मोर्चा ने देश में किसान आंदोलन की समाप्ति (farmers protest end) पर प्रेस वार्ता करके यह बयान दिया है कि किसान आंदोलन भले ही खत्म हुआ है, लेकिन सोलन के किसानों का आंदोलन तो अभी जारी है. सोलन का किसान आज भी अपनी बरसों पुरानी मांगों को लेकर चल रहा है जिसमें फसलों का उचित मूल्य और फ़ूड प्रोसेसिंग यूनिट शामिल है.

इसके अलावा किसानों ने इस दौरान एक बड़ा ऐलान भी किया है जिसमे उन्होंने 2022 चुनावों में किसान विरोधी रवैया अपनाने वाले उम्मीदवार के खिलाफ और समर्थन की बात करने वाले उम्मीदवार का साथ देने की बात कही है. देश में किसान आंदोलन की एक बड़ी जीत (Samyukt Kisan Morcha Solan on farmer protest) के बाद प्रदेश के किसानों का आत्मविश्वास भी उफान पर है ऐसे में इन्हें हलके में भी नहीं लिया जा सकता.

हिमाचल और सोलन के किसानों की मांगों को लेकर प्रदेश में जारी रहेगा आंदोलन: किसान आंदोलन पर प्रतिक्रिया देते हुए संयुक्त किसान मोर्चा के सह संयोजक मोहित वर्मा ने बताया कि देश के किसान आंदोलन से सरकार बैकफुट पर आई और एक बार फिर किसानों की जीत हुई. इससे पहले 2014 में सरकार ने भूमि अधिग्रहण कानून भी किसानों के दबाव के चलते वापस लिया था.

वहीं, उन्होंने कहा कि देशव्यापी किसान आंदोलन भले ही खत्म हो गया हो, लेकिन हिमाचल प्रदेश में (kisan andolan in Solan) इस आंदोलन को जारी रखा जाएगा. सोलन में टमाटर मुख्य नगदी फसल है जिसका न तो उचित दाम मिलता है और ना ही प्रोसेसिंग यूनिट लगाया जाता है. सरकार महंगे टमाटर होने का हवाला देते हुए इसके ना लगाए जाने के पीछे तर्क देती है, लेकिन किसान का वह टमाटर जो निम्न दर्जे का है वह प्रोसेसिंग यूनिट के अंदर इस्तेमाल किया जा सकता है.

किसानों के हक्क की बात करने वाले को मिलेगा 2022 में किसानों साथ: इसके अलावा किसानों ने यहां ये भी ऐलान किया है कि आने वाले विधानसभा चुनावों में किसानों के हक़ की बात करने वाले उम्मीदवार को समर्थन दिया जाएगा और खिलाफत करने वाले के खिलाफ प्रचार होगा. हालांकि उन्होंने यह भी साफ किया कि किसान अपना कोई उम्मीदवार नहीं उतारेंगे. किसान मोर्चा गांव-गांव जाकर अपने आंदोलन को मज़बूत कर रहा है और ताकत को बढ़ा रहा है.

ये भी पढ़ें- 27 दिसंबर को प्रस्तावित है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हिमाचल दौरा, मंडी जिला प्रशासन ने कसी कमर

सोलन: जिला सोलन में संयुक्त किसान मोर्चा ने देश में किसान आंदोलन की समाप्ति (farmers protest end) पर प्रेस वार्ता करके यह बयान दिया है कि किसान आंदोलन भले ही खत्म हुआ है, लेकिन सोलन के किसानों का आंदोलन तो अभी जारी है. सोलन का किसान आज भी अपनी बरसों पुरानी मांगों को लेकर चल रहा है जिसमें फसलों का उचित मूल्य और फ़ूड प्रोसेसिंग यूनिट शामिल है.

इसके अलावा किसानों ने इस दौरान एक बड़ा ऐलान भी किया है जिसमे उन्होंने 2022 चुनावों में किसान विरोधी रवैया अपनाने वाले उम्मीदवार के खिलाफ और समर्थन की बात करने वाले उम्मीदवार का साथ देने की बात कही है. देश में किसान आंदोलन की एक बड़ी जीत (Samyukt Kisan Morcha Solan on farmer protest) के बाद प्रदेश के किसानों का आत्मविश्वास भी उफान पर है ऐसे में इन्हें हलके में भी नहीं लिया जा सकता.

हिमाचल और सोलन के किसानों की मांगों को लेकर प्रदेश में जारी रहेगा आंदोलन: किसान आंदोलन पर प्रतिक्रिया देते हुए संयुक्त किसान मोर्चा के सह संयोजक मोहित वर्मा ने बताया कि देश के किसान आंदोलन से सरकार बैकफुट पर आई और एक बार फिर किसानों की जीत हुई. इससे पहले 2014 में सरकार ने भूमि अधिग्रहण कानून भी किसानों के दबाव के चलते वापस लिया था.

वहीं, उन्होंने कहा कि देशव्यापी किसान आंदोलन भले ही खत्म हो गया हो, लेकिन हिमाचल प्रदेश में (kisan andolan in Solan) इस आंदोलन को जारी रखा जाएगा. सोलन में टमाटर मुख्य नगदी फसल है जिसका न तो उचित दाम मिलता है और ना ही प्रोसेसिंग यूनिट लगाया जाता है. सरकार महंगे टमाटर होने का हवाला देते हुए इसके ना लगाए जाने के पीछे तर्क देती है, लेकिन किसान का वह टमाटर जो निम्न दर्जे का है वह प्रोसेसिंग यूनिट के अंदर इस्तेमाल किया जा सकता है.

किसानों के हक्क की बात करने वाले को मिलेगा 2022 में किसानों साथ: इसके अलावा किसानों ने यहां ये भी ऐलान किया है कि आने वाले विधानसभा चुनावों में किसानों के हक़ की बात करने वाले उम्मीदवार को समर्थन दिया जाएगा और खिलाफत करने वाले के खिलाफ प्रचार होगा. हालांकि उन्होंने यह भी साफ किया कि किसान अपना कोई उम्मीदवार नहीं उतारेंगे. किसान मोर्चा गांव-गांव जाकर अपने आंदोलन को मज़बूत कर रहा है और ताकत को बढ़ा रहा है.

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