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ये कैसा विकास! ना सड़क ना एम्बुलेंस, पालकी से मरीजों को पहुंचाना पड़ता है अस्पताल

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Published : Aug 23, 2020, 5:33 PM IST

जिला सोलन के अर्की में अभी भी कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जहां पर लोगों को सड़क न होने के कारण भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हैं. यहां के कुछ क्षेत्रों में आज भी मरीजों को कई किलो मीटर दूर पालकी में बिठाकर सड़क तक पहुंचाया जाता है. बुजुर्ग हो या गर्भवती, इमरजेंसी में पालकी से मरीजों को अस्पताल पहुंचाना लोगों के लिए मजबूरी बन गया है.

Road problem in Bakhal village of Arki
सोलन के अर्की में सड़क सुविधाओं की कमी.

सोलन: प्रदेश सरकार ने सता में आते ही बड़े-बड़े वादे किए थे. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा था कि प्रदेश में विकास की नई इबारत लिखी जा रही है, लेकिन आज भी जमीनी हकीकत कुछ और ही है. प्रदेश में अभी कई गांव के लोग सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. सरकार की बात की जाए तो कांग्रेस हो या बीजेपी हमेशा ही लोगों को सिर्फ चुनाव के समय झूठा दिलासा दिया जाता है.

जिला के अर्की में अभी भी कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जहां पर लोगों को सड़क न होने के कारण भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हैं. यहां के कुछ क्षेत्रों में आज भी मरीजों को कई किलो मीटर दूर पालकी में बिठाकर सड़क तक पहुंचाया जाता है. बुजुर्ग हो या गर्भवती, इमरजेंसी में पालकी से मरीजों को अस्पताल पहुंचाना लोगों के लिए मजबूरी बन गया है.

वीडियो रिपोर्ट.

प्रदेश सरकार भले ही लोगों को सड़क सुविधा देने के हजार दावे कर रही हो, लेकिन धरातल पर स्थिति कुछ और ही बयां करती है. अर्की निर्वाचन क्षेत्र की बखालग पंचायत के गांव उपरली बागी और निचली बागी के करीब 150 लोग आज भी सड़क सुविधा से वंचित हैं. इस कारण गांव में बीमार होने वाले व्यक्ति को आज भी लोग मिलकर पालकी में अस्पताल पहुंचा रहे हैं.

वहीं, मधुमेह की गंभीर बीमारी से पीड़ित 64 वर्षीय अर्की के बखालग में उपरली बागी निवासी श्यामलाल जब चलने में असमर्थ हुए तो, सड़क सुविधा न होने से लोगों ने उन्हें पालकी में बैठाकर लगभग एक किलोमीटर दूर सड़क तक पहुंचाया. इसके बाद मरीज को वाहन से अस्पताल पहुंचा गया.

प्रदेश में जयराम की सरकार है और अर्की विधानसभा से इस समय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह विधायक हैं, लेकिन फिर भी क्षेत्र का विकास ना हो पाना लोगों की समस्याओं का एक और मुसीबत है. लोगों की मानें तो सरकार चाहे कांग्रेस की हो या बीजेपी की दोनों ही चुनाव के दिनों में सिर्फ दिलासे देते हैं.

मरीजों को पालकी में उठाकर लाना पड़ता है अस्पताल

उपरली बागी के स्थानीय लोगों का कहना कि उनके लिए 102 और 108 एंबुलेंस जैसी योजनाओं का कोई लाभ नहीं हुआ है. कोई अगर बीमार पड़ जाए तो उनकों पालकी में बैठाकर घंटों पैदल चलकर मुख्य सड़क तक पहुंचाना पड़ता है.

कई बार पालकी के लिए मजदूरों को भी बुलाना पड़ता है. सड़क सुविधा ना होने के कारण बच्चों को भी खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, उन्हें जंगल के रास्ते से स्कूल जाने में भारी दिक्कतें पेश आती है. सड़क न होने से यहां पर न तो गाड़ियां आ पाती है और ना ही कोई बस सुविधा ही नहीं मिल पा रही है.

ग्रामीण सड़क के लिए करेंगे आंदोलन

ग्रामीणों का कहना है कि प्रदेश में कई सरकारें आई और गई, लेकिन उन्हें सड़क के नाम पर केवल आश्वासन ही मिला है. चुनाव के समय सड़क देने के वादे किए जाते हैं. इसके बाद किसी भी दल का कोई नेता दिखाई नहीं देता. इस दौरान ग्रामिणों ने सरकार और प्रशासन से मांग की है कि उन्हें सड़क सुविधा से जोड़ा जाए. अन्यथा आने वाले दिनों में ग्रामीण अपने हक के लिए आंदोलन करेंगे. इसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन और सरकार की होगी.

वन भूमि की मंजूरी नहीं मिलने से सड़क निर्माण में अड़ंगा-

वहीं, इस बारे में ग्राम पंचायत बखालग के उपप्रधान सुरेंद्र पाठक से संपर्क किया गया. तो उन्होंने बताया कि उपरली बागी और निचली बागी के लिए एंबुलेंस सड़क मार्ग निर्माण के लिए पंचायत के पास राशि है. पंचायत ने सड़क निर्माण कामों को लेकर फाइलें तैयार रखी हैं, लेकिन इस कार्य में सरकारी भूमि आने से वन विभाग की मंजूरी नहीं मिलने से सड़क निर्माण कार्य अभी तक रूका हुआ है.

ये भी पढ़ें: हिमाचल प्रदेश स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में प्रथम स्थान पर रहा नैना देवी शहर

सोलन: प्रदेश सरकार ने सता में आते ही बड़े-बड़े वादे किए थे. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा था कि प्रदेश में विकास की नई इबारत लिखी जा रही है, लेकिन आज भी जमीनी हकीकत कुछ और ही है. प्रदेश में अभी कई गांव के लोग सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. सरकार की बात की जाए तो कांग्रेस हो या बीजेपी हमेशा ही लोगों को सिर्फ चुनाव के समय झूठा दिलासा दिया जाता है.

जिला के अर्की में अभी भी कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जहां पर लोगों को सड़क न होने के कारण भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हैं. यहां के कुछ क्षेत्रों में आज भी मरीजों को कई किलो मीटर दूर पालकी में बिठाकर सड़क तक पहुंचाया जाता है. बुजुर्ग हो या गर्भवती, इमरजेंसी में पालकी से मरीजों को अस्पताल पहुंचाना लोगों के लिए मजबूरी बन गया है.

वीडियो रिपोर्ट.

प्रदेश सरकार भले ही लोगों को सड़क सुविधा देने के हजार दावे कर रही हो, लेकिन धरातल पर स्थिति कुछ और ही बयां करती है. अर्की निर्वाचन क्षेत्र की बखालग पंचायत के गांव उपरली बागी और निचली बागी के करीब 150 लोग आज भी सड़क सुविधा से वंचित हैं. इस कारण गांव में बीमार होने वाले व्यक्ति को आज भी लोग मिलकर पालकी में अस्पताल पहुंचा रहे हैं.

वहीं, मधुमेह की गंभीर बीमारी से पीड़ित 64 वर्षीय अर्की के बखालग में उपरली बागी निवासी श्यामलाल जब चलने में असमर्थ हुए तो, सड़क सुविधा न होने से लोगों ने उन्हें पालकी में बैठाकर लगभग एक किलोमीटर दूर सड़क तक पहुंचाया. इसके बाद मरीज को वाहन से अस्पताल पहुंचा गया.

प्रदेश में जयराम की सरकार है और अर्की विधानसभा से इस समय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह विधायक हैं, लेकिन फिर भी क्षेत्र का विकास ना हो पाना लोगों की समस्याओं का एक और मुसीबत है. लोगों की मानें तो सरकार चाहे कांग्रेस की हो या बीजेपी की दोनों ही चुनाव के दिनों में सिर्फ दिलासे देते हैं.

मरीजों को पालकी में उठाकर लाना पड़ता है अस्पताल

उपरली बागी के स्थानीय लोगों का कहना कि उनके लिए 102 और 108 एंबुलेंस जैसी योजनाओं का कोई लाभ नहीं हुआ है. कोई अगर बीमार पड़ जाए तो उनकों पालकी में बैठाकर घंटों पैदल चलकर मुख्य सड़क तक पहुंचाना पड़ता है.

कई बार पालकी के लिए मजदूरों को भी बुलाना पड़ता है. सड़क सुविधा ना होने के कारण बच्चों को भी खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, उन्हें जंगल के रास्ते से स्कूल जाने में भारी दिक्कतें पेश आती है. सड़क न होने से यहां पर न तो गाड़ियां आ पाती है और ना ही कोई बस सुविधा ही नहीं मिल पा रही है.

ग्रामीण सड़क के लिए करेंगे आंदोलन

ग्रामीणों का कहना है कि प्रदेश में कई सरकारें आई और गई, लेकिन उन्हें सड़क के नाम पर केवल आश्वासन ही मिला है. चुनाव के समय सड़क देने के वादे किए जाते हैं. इसके बाद किसी भी दल का कोई नेता दिखाई नहीं देता. इस दौरान ग्रामिणों ने सरकार और प्रशासन से मांग की है कि उन्हें सड़क सुविधा से जोड़ा जाए. अन्यथा आने वाले दिनों में ग्रामीण अपने हक के लिए आंदोलन करेंगे. इसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन और सरकार की होगी.

वन भूमि की मंजूरी नहीं मिलने से सड़क निर्माण में अड़ंगा-

वहीं, इस बारे में ग्राम पंचायत बखालग के उपप्रधान सुरेंद्र पाठक से संपर्क किया गया. तो उन्होंने बताया कि उपरली बागी और निचली बागी के लिए एंबुलेंस सड़क मार्ग निर्माण के लिए पंचायत के पास राशि है. पंचायत ने सड़क निर्माण कामों को लेकर फाइलें तैयार रखी हैं, लेकिन इस कार्य में सरकारी भूमि आने से वन विभाग की मंजूरी नहीं मिलने से सड़क निर्माण कार्य अभी तक रूका हुआ है.

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