शिमला: हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग ने एक बड़ा आदेश दिया है. हिमाचल में सोलन स्थित एक निजी मेडिकल यूनिवर्सिटी ने एमबीबीएस छात्रों से अब तक 103 करोड़ रुपए से अधिक की फीस अतिरिक्त तौर पर वसूली है. शिकायत मिलने पर निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग ने आदेश दिए हैं कि छात्र अतिरिक्त वसूली गई थी. वापस पाने के लिए यूनिवर्सिटी में आवेदन कर सकते हैं.
यह निजी विश्वविद्यालय सोलन जिला में स्थित है और महर्षि मार्कंडेश्वर यूनिवर्सिटी (Maharishi Markandeshwar University solan) के नाम से मशहूर है. दो छात्राओं ने आरोप लगाया था कि उनसे एमबीबीएस कोर्स की एक्स्ट्रा फीस वसूली गई. डॉ निवेदिता और डॉक्टर यामिनी ने शिकायत की थी कि उनसे क्रम से 6 लाख और 8.95 लाख रुपए अधिक वसूले गए. यह राशि ट्यूशन फीस हॉस्टल फीस यूनिवर्सिटी चार्जेस और डेवलपमेंट चार्जेस के नाम पर ली गई. इनमें साडे 4 साल की हॉस्टल फीस शामिल है. इस पर निजी शिक्षण नियामक आयोग ने 45 लाख रुपये पैनल्टी यूनिवर्सिटी पर लगाई थी. बाद में नियामक आयोग ने पाया कि एमएमयू ने एमबीबीएस के अन्य छात्रों से भी अतिरिक्त फीस वसूली है.
अब जांच में सामने आया कि यह रकम 103 करोड़ 96 लाख 53 हजार रुपए बनती है. नियामक आयोग ने आदेश जारी किए हैं कि जिन छात्रों से अतिरिक्त फीस वसूली गई है वह इसे वापस पाने के लिए कॉलेज प्रशासन से संपर्क कर सकते हैं. यह आदेश तुरंत प्रभाव से लागू माने जाएंगे. उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश में निजी शिक्षण संस्थान विवादों में रहे हैं. इन संस्थानों से अक्षर भारी भरकम और नियमों के खिलाफ फीस वसूलने की शिकायतें आती रहती थी. इसके बाद हिमाचल सरकार ने निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग की स्थापना की यह आयोग निजी शिक्षण संस्थानों से संबंधित शिकायतों को सुनने और उनका निपटारा करने का काम करता है. एमएमयू में छात्रों ने कई बार आरोप लगाया कि उनसे अधिक फीस वसूली जाती है.
शिकायतकर्ताओं से एक मद में 78 हजार रुपए अधिक वसूले गए हॉस्टल से लेकर अन्य मदों में अधिक वसूली की रकम 100 करोड़ का आंकड़ा पार कर गई निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग ने गुरुवार को इस संबंध में विस्तृत आदेश पारित किया है. यह आदेश पूरी तरह से आयोग की वेबसाइट पर भी अपलोड कर दिया गया है. यह केस निवेदिता एंड अदर वर्सेस एमएमयू सोलन के रूप में चल रहा था. आयोग के चेयरमैन मेजर जनरल अतुल कौशिक ने आदेश जारी किए हैं कि प्रभावित छात्र उनसे वसूली गई अतिरिक्त फीस वापस लेने के हकदार हैं और वे संबंधित संस्थान में उक्त रकम पाने के लिए संपर्क कर सकते हैं.