सोलन: बढ़ती महंगाई के कारण भाजपा सरकार लोगों के बीच लंबे समय से घिर रही थी, पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ते बढ़ते हर चीज पर महंगाई का असर होता चला जा रहा था, खाने के तेल के साथ-साथ एलपीजी गैस सिलेंडर, सीमेंट व खाद्यान्न सब कुछ महंगा होता चला गया. गुरुवार को सरकार ने दिवाली के त्योहार के मौके पर जैसे ही पेट्रोल डीजल के दामों पर से एक्साइज ड्यूटी कम की तो पेट्रोल-डीजल के दाम 5 और 10 रुपये कम हुए. वहीं, हिमाचल सरकार ने भी पेट्रोल-डीजल के दामों पर प्रदेश में 12 और 17 रुपये कम किया. सोलन की अगर बात की जाएं तो सोलन में पेट्रोल के दाम 94.49 और डीजल 79.40 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है.
दाम कम होने से जहां आम लोगों को थोड़ी राहत मिली है. वहीं, लोगों के बीच एक और चर्चा शुरू हो चुकी है. लोगों का मानना है कि चुनाव में मिली हार के बाद सरकार नींद से जागी है और मजबूरी में दामों में कटौती की गई. वहीं, लोगों में यह चर्चा भी है कि पेट्रोल के दामों में कमी आई है तो सभी जरूरत की वस्तुओं के दाम भी कम होने चाहिए.
ओल्ड बस स्टैंड सोलन के साथ लगते पेट्रोल पंप पर पेट्रोल भरवाने आए इंद्र सिंह, दीपांशु और सुशील चौधरी ने बताया कि पेट्रोल डीजल के दाम कम हुए हैं, लेकिन सरकार को सिलेंडर के दाम भी भी कम करने चाहिए. उन्होंने कहा कि खाने के तेल के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं. पेट्रोल के साथ-साथ खाद्य पदार्थों के दाम कम करना भी सरकार के लिए जरूरी है.
उन्होंने कहा कि सरकार सभी चीजों के दामों को नियंत्रित करें, उनका कहना है कि सरकार का पेट्रोल के दामों को कम करना एक अच्छा कदम है और यह बहुत जरूरी भी हो गया था. क्योंकि हर चीज के दाम बढ़ने से आम जनता को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. सुशील चौधरी ने कहा कि चुनाव में मिली हार के कारण सरकार ने यह कदम उठाया है. सरकार की नीतियों के खिलाफ लोगों में काफी रोष था जो सरकार को अब समझ में आ चुका है.
बहरहाल, सरकार ने पेट्रोल डीजल के दाम घटाने का कदम चुनाव के बाद लिया है. इससे जनता को थोड़ी राहत जरूर मिली है, लेकिन लोगों को असली राहत तब मिलेगी जब हर वस्तु के दाम में गिरावट आएगी. अब देखना दिलचस्प होगा कि पेट्रोल-डीजल के दामों के कम होने से लोगों को कितनी राहत मिलती है और सरकार महंगाई को कितना नियंत्रित कर पाती है.
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