ETV Bharat / city

कृषि विश्वविद्यालयों की रैंकिंग में नौणी विवि को देश में मिला 11वां स्थान - ys university solan

नौणी विश्वविद्यालय रैंकिंग को कृषि विश्वविद्यालयों की रैंकिंग में 11वां स्थान मिला है. इसे लेकर विवि कुलपति डॉ. परविंदर कौशल ने विश्वविद्यालय के छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों को इस उपलब्धि पर बधाई दी और कृषि समुदाय की बेहतरी के लिए उनके प्रयासों की सराहना की.

Nauni University
Nauni University
author img

By

Published : Dec 8, 2020, 3:55 PM IST

सोलनः डॉ. यशवंत सिंह परमार औदयानिकी व वानिकी विश्वविद्यालय नौणी को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) की कृषि विश्वविद्यालयों और संस्थानों की रैंकिंग में 11वां स्थान हासिल हुआ है. यह रैंकिंग पिछले सप्ताह नई दिल्ली में आईसीएआर द्वारा जारी की गई. विश्वविद्यालय की रैंकिंग में एक स्थान का सुधार हुआ है.

पिछले साल इस सूची में विश्वविद्यालय को 12वें स्थान पर रखा गया था. जहां तक ​​कि शीर्ष 11 की बात है, तो इसमें तीन संस्थान आईसीएआर के हैं और बाकि राज्य और केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय है. इस सूची में आईसीएआर नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्टीट्यूट, करनाल पहले, पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना और आईसीएआर-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं.

लगातार विश्विद्यालय की रैकिंग में हो रहा सुधार

साल 2016 में शुरू हुई इन रैंकिंग में विश्वविद्यालय लगातार प्रगति कर रहा है. उस समय विश्वविद्यालय को 51वां स्थान हासिल हुआ था, जिसे 2017 में सुधारकर 38 करने में विश्वविद्यालय कामयाब हुआ. पिछले साल, नौणी विवि इस रैंकिंग में 12वें स्थान पर रहा था. इस साल 11वें स्थान पर आने में विश्वविद्यालय कामयाब हुआ है.

इन मापदंडों पर आंका गया

आईसीएआर रैंकिंग देश में उच्च कृषि शिक्षा के मानक में सुधार के लिए शुरू की गई थी. इस साल रैंकिंग में भारत के 67 कृषि विश्वविद्यालयों और संस्थानों को सूची में शामिल किया गया है. कृषि विश्वविद्यालयों को छात्र और संकाय की प्रोफाइल, प्रकाशन, अनुसंधान, प्रौद्योगिकियों के हस्तांतरण आदि जैसे मापदंडों पर आंका गया है.

विश्वविद्यालय के छात्रों ने आईसीएआर नेट, जेआरएफ, एसआरएफ और अन्य राज्य और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं सहित विभिन्न मापदंडों पर काफी अच्छा प्रदर्शन किया है. गुणवत्ता प्रकाशन और परियोजनाएं, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण पहल, आईसीएआर डीन समिति की सिफारिशों को लागू करना, सार्वजनिक और निजी उद्यमों के साथ समझौते का इस सफलता में योगदान रहा है.

कुलपति ने दी बधाई

विवि कुलपति डॉ. परविंदर कौशल ने विश्वविद्यालय के छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों को इस उपलब्धि पर बधाई दी और कृषि समुदाय की बेहतरी के लिए उनके प्रयासों की सराहना की. डॉ. कौशल ने कहा कि विश्वविद्यालय ने पिछले एक साल में सभी मोर्चों पर प्रगति की है जिसने रैंकिंग में सुधार करने में मदद मिली है.

डॉ. कौशल ने कहा कि वैज्ञानिकों और कर्मचारियों के प्रयासों से पिछले वर्ष में विभिन्न फंडिंग एजेंसियों से लगभग 8 करोड़ रुपये की 22 शोध परियोजनाओं को हासिल करने में विश्वविद्यालय सफल हुआ है. विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित 25 करोड़ रुपये की एनएएचईपी आईडीपी परियोजना भी विश्वविद्यालय द्वारा प्राप्त की गई है. इस परियोजना से स्नातक शिक्षा में सुधार करने और छात्रों को वैश्विक अवसर प्रदान करने में मदद करेगी.

छात्रों के कौशल विकास में विवि कर रहा बेहतर कार्य

छात्रों के कौशल विकास के क्षेत्र को बेहतर बनाने और उन्हें वैश्विक संस्थानों के बराबर लाने के लिए शिक्षा, उद्योग और सरकारी निकायों के साथ संबंधों को और मजबूत किया गया है. हाल ही में वेस्टर्न सिडनी विश्वविद्यालय के साथ मिलकर छात्रों के लिए अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन पाठ्यक्रम के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं. किसान परिवारों के साथ छात्रों को जोड़ा गया, क्षेत्र की समस्याओं पर आधारित शोध और व्यावहारिक-आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम, पिछले वर्ष में की गई कुछ अन्य पहल में से हैं.

ये भी पढ़ें- सीएम जयराम ने पीएम मोदी को दी बधाई, कहा- प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व के कारण मिला पुरस्कार

सोलनः डॉ. यशवंत सिंह परमार औदयानिकी व वानिकी विश्वविद्यालय नौणी को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) की कृषि विश्वविद्यालयों और संस्थानों की रैंकिंग में 11वां स्थान हासिल हुआ है. यह रैंकिंग पिछले सप्ताह नई दिल्ली में आईसीएआर द्वारा जारी की गई. विश्वविद्यालय की रैंकिंग में एक स्थान का सुधार हुआ है.

पिछले साल इस सूची में विश्वविद्यालय को 12वें स्थान पर रखा गया था. जहां तक ​​कि शीर्ष 11 की बात है, तो इसमें तीन संस्थान आईसीएआर के हैं और बाकि राज्य और केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय है. इस सूची में आईसीएआर नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्टीट्यूट, करनाल पहले, पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना और आईसीएआर-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं.

लगातार विश्विद्यालय की रैकिंग में हो रहा सुधार

साल 2016 में शुरू हुई इन रैंकिंग में विश्वविद्यालय लगातार प्रगति कर रहा है. उस समय विश्वविद्यालय को 51वां स्थान हासिल हुआ था, जिसे 2017 में सुधारकर 38 करने में विश्वविद्यालय कामयाब हुआ. पिछले साल, नौणी विवि इस रैंकिंग में 12वें स्थान पर रहा था. इस साल 11वें स्थान पर आने में विश्वविद्यालय कामयाब हुआ है.

इन मापदंडों पर आंका गया

आईसीएआर रैंकिंग देश में उच्च कृषि शिक्षा के मानक में सुधार के लिए शुरू की गई थी. इस साल रैंकिंग में भारत के 67 कृषि विश्वविद्यालयों और संस्थानों को सूची में शामिल किया गया है. कृषि विश्वविद्यालयों को छात्र और संकाय की प्रोफाइल, प्रकाशन, अनुसंधान, प्रौद्योगिकियों के हस्तांतरण आदि जैसे मापदंडों पर आंका गया है.

विश्वविद्यालय के छात्रों ने आईसीएआर नेट, जेआरएफ, एसआरएफ और अन्य राज्य और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं सहित विभिन्न मापदंडों पर काफी अच्छा प्रदर्शन किया है. गुणवत्ता प्रकाशन और परियोजनाएं, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण पहल, आईसीएआर डीन समिति की सिफारिशों को लागू करना, सार्वजनिक और निजी उद्यमों के साथ समझौते का इस सफलता में योगदान रहा है.

कुलपति ने दी बधाई

विवि कुलपति डॉ. परविंदर कौशल ने विश्वविद्यालय के छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों को इस उपलब्धि पर बधाई दी और कृषि समुदाय की बेहतरी के लिए उनके प्रयासों की सराहना की. डॉ. कौशल ने कहा कि विश्वविद्यालय ने पिछले एक साल में सभी मोर्चों पर प्रगति की है जिसने रैंकिंग में सुधार करने में मदद मिली है.

डॉ. कौशल ने कहा कि वैज्ञानिकों और कर्मचारियों के प्रयासों से पिछले वर्ष में विभिन्न फंडिंग एजेंसियों से लगभग 8 करोड़ रुपये की 22 शोध परियोजनाओं को हासिल करने में विश्वविद्यालय सफल हुआ है. विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित 25 करोड़ रुपये की एनएएचईपी आईडीपी परियोजना भी विश्वविद्यालय द्वारा प्राप्त की गई है. इस परियोजना से स्नातक शिक्षा में सुधार करने और छात्रों को वैश्विक अवसर प्रदान करने में मदद करेगी.

छात्रों के कौशल विकास में विवि कर रहा बेहतर कार्य

छात्रों के कौशल विकास के क्षेत्र को बेहतर बनाने और उन्हें वैश्विक संस्थानों के बराबर लाने के लिए शिक्षा, उद्योग और सरकारी निकायों के साथ संबंधों को और मजबूत किया गया है. हाल ही में वेस्टर्न सिडनी विश्वविद्यालय के साथ मिलकर छात्रों के लिए अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन पाठ्यक्रम के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं. किसान परिवारों के साथ छात्रों को जोड़ा गया, क्षेत्र की समस्याओं पर आधारित शोध और व्यावहारिक-आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम, पिछले वर्ष में की गई कुछ अन्य पहल में से हैं.

ये भी पढ़ें- सीएम जयराम ने पीएम मोदी को दी बधाई, कहा- प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व के कारण मिला पुरस्कार

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.