सोलन: चैत्र नवरात्र यानी वासंतिक नवरात्र की शुरुआत हो चुकी है. नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की पूजा की जाती है. वहीं, इस बार कोरोना वायरस के चलते मंदिरों में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर पाबंदी है. कोरोना वायरस के कारण देवभूमि हिमाचल के सभी प्रमुख देवी मंदिरों के पट भी बंद रहेंगे. इस वजह से भक्तों को घर पर रहकर ही मां की आराधना करना होगी.
इतिहास में पहली बार मां शूलिनी के कपाट बंद
इतिहास में पहली बार नवरात्रों में माता के कपाट भक्तों के लिए बंद हैं. जिला सोलन स्थित मां शूलिनी मंदिर में इस बार भक्तों की चहल-पहल देखने को नहीं मिलेगी. पहले नवरात्रों के समय मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती थी. शायद ऐसा पहली बार है जब इस बार नवरात्रों में भक्तों को माता के दर्शन नहीं होंगे.
इस बार सूने रहेंगे मां के दरबार
कोरोना वायरस के प्रति सतर्कता बरतते हुए प्रशासन ने नवरात्र से 7 दिन पूर्व ही सभी प्रमुख देवी मंदिरों को बंद करा दिया था. ऐसा पहली बार होगा जब माता के दरबार में भक्तों की चहल पहल नजर नहीं आएगी. सोलन शहर की कुलदेवी शूलिनी माता मंदिर में रियासतकाल से लगते आ रहे मेले के आयोजन को भी रद्द कर दिया गया है.
मंदिर में नहीं गूंजेंगे माता के जयकारे
कोरोना वायरस के चलते सरकार ने पूरे प्रदेश में कर्फ्यू लगाया है. इस वजह से माता शूलिनी के मंदिर में भक्त नहीं पहुंच सकेंगे. ऐसे में नवरात्रि के दौरान यहां भी दूरदराज से पहुंचने वाले भक्तों का आना प्रतिबंधित रहेगा. इस बार न मंदिरों में माता के नाम के जयकारे लगेंगे और न ही जगह-जगह भंडारे देखने को मिलेंगे.