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शारदीय नवरात्रों के लिए शूलिनी मंदिर में सजा माता का दरबार, पुलिस प्रशासन भी अलर्ट

शारदीय नवरात्र मेलों के लिए सोलन के शूलिनी मंदिर में तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. इस बार नवरात्र 29 सितंबर से शुरू होकर 7 अक्टूबर तक रहेंगे.

Maa Shoolini temple
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Published : Sep 27, 2019, 7:59 PM IST

सोलनः शारदीय नवरात्र मेलों के लिए सोलन के शूलिनी मंदिर में तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. जिले का शुलिनी मंदिर प्रदेशभर के लोगों के लिए आस्था का केंद्र है. नवरात्रों में हर साल यहां भारी संख्या में श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए आते हैं. वहीं, मंदिर में सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस प्रशासन ने भी सतर्कता बढ़ा दी है.

शुलिनी माता मंदिर के खास बात यह है कि यहां श्रद्धालुओं की मन्नत पूरी होने पर श्रद्धालु भंडारा देते हैं. वहीं, इस बार भी नवरात्रों में आठों दिन भंडारों का आयोजन किया जाएगा. मंदिर के पुजारी रामस्वरूप शर्मा ने बताया कि नवरात्रों को लेकर मंदिर प्रशासन द्वारा तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.

Maa Shoolini temple navratri
शूलिनी माता मंदिर

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शिवकुमार शर्मा ने बताया कि नवरात्र में भीड़ होने के कारण धार्मिक स्थलों के चारों तरफ पुलिस फोर्स तैनात की जाएगी. वहीं, सोलन में जितने भी आस्था के केंद्र हैं, उन पर पुलिस की कड़ी निगरानी रहेगी.

शिवकुमार शर्मा ने लोगों से आह्वान किया कि वे खुद भी कानून व्यवस्था बनाए रखने और असामाजिक तत्वों को गलत गतिविधियों पर ध्यान रखें. उन्होंने कहा कि अगर लोगों को भीड़ में किसी भी संदिग्ध वस्तु या आदमी पर संदेह होता है तो तुरंत पुलिस को जानकारी दें.

वीडियो.

क्यों खास है शारदीय नवरात्रि
साल में 4 नवरात्रि आती हैं जिनमें दो गुप्त और दो प्रकट नवरात्र होते हैं. सभी नवरात्रों में से इस शारदीय नवरात्र का खास महत्व माना जाता है जो कि बार 29 सितंबर से शुरू होकर 7 अक्टूबर तक रहेंगे. वहीं, 8 अक्टूबर को देवी का विसर्जन किया जाएगा.

कैसे हुई थी शारदीय नवरात्रों की शुरुआत
माना जाता है कि इस नवरात्रि की शुरुआत सबसे पहले भगवान राम ने की थी. भगवान राम जब लंकापति रावण का वध करने जा रहे थे तो उन्होंने नौ दिनों तक देवी मां की विधिवत पूजा की. उसके बाद दसवें दिन रावण का वध कर दिया. इसलिए नवरात्रि के अगले दिन दशहरा मनाया जाता है, जो बुराई पर अच्छाई का प्रतीक है.

कुछ मान्यताओं के अनुसार इन दिनो देवी दुर्गा ने महिषासुर नाम के राक्षस का वध किया था, तो कुछ लोगों का मानना है कि इन नौ दिनों में देवी मां अपने मायके आती है. ऐसे में इन दिनों को दुर्गा उत्सव के रूप में मनाया जाता है.

सोलनः शारदीय नवरात्र मेलों के लिए सोलन के शूलिनी मंदिर में तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. जिले का शुलिनी मंदिर प्रदेशभर के लोगों के लिए आस्था का केंद्र है. नवरात्रों में हर साल यहां भारी संख्या में श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए आते हैं. वहीं, मंदिर में सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस प्रशासन ने भी सतर्कता बढ़ा दी है.

शुलिनी माता मंदिर के खास बात यह है कि यहां श्रद्धालुओं की मन्नत पूरी होने पर श्रद्धालु भंडारा देते हैं. वहीं, इस बार भी नवरात्रों में आठों दिन भंडारों का आयोजन किया जाएगा. मंदिर के पुजारी रामस्वरूप शर्मा ने बताया कि नवरात्रों को लेकर मंदिर प्रशासन द्वारा तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.

Maa Shoolini temple navratri
शूलिनी माता मंदिर

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शिवकुमार शर्मा ने बताया कि नवरात्र में भीड़ होने के कारण धार्मिक स्थलों के चारों तरफ पुलिस फोर्स तैनात की जाएगी. वहीं, सोलन में जितने भी आस्था के केंद्र हैं, उन पर पुलिस की कड़ी निगरानी रहेगी.

शिवकुमार शर्मा ने लोगों से आह्वान किया कि वे खुद भी कानून व्यवस्था बनाए रखने और असामाजिक तत्वों को गलत गतिविधियों पर ध्यान रखें. उन्होंने कहा कि अगर लोगों को भीड़ में किसी भी संदिग्ध वस्तु या आदमी पर संदेह होता है तो तुरंत पुलिस को जानकारी दें.

वीडियो.

क्यों खास है शारदीय नवरात्रि
साल में 4 नवरात्रि आती हैं जिनमें दो गुप्त और दो प्रकट नवरात्र होते हैं. सभी नवरात्रों में से इस शारदीय नवरात्र का खास महत्व माना जाता है जो कि बार 29 सितंबर से शुरू होकर 7 अक्टूबर तक रहेंगे. वहीं, 8 अक्टूबर को देवी का विसर्जन किया जाएगा.

कैसे हुई थी शारदीय नवरात्रों की शुरुआत
माना जाता है कि इस नवरात्रि की शुरुआत सबसे पहले भगवान राम ने की थी. भगवान राम जब लंकापति रावण का वध करने जा रहे थे तो उन्होंने नौ दिनों तक देवी मां की विधिवत पूजा की. उसके बाद दसवें दिन रावण का वध कर दिया. इसलिए नवरात्रि के अगले दिन दशहरा मनाया जाता है, जो बुराई पर अच्छाई का प्रतीक है.

कुछ मान्यताओं के अनुसार इन दिनो देवी दुर्गा ने महिषासुर नाम के राक्षस का वध किया था, तो कुछ लोगों का मानना है कि इन नौ दिनों में देवी मां अपने मायके आती है. ऐसे में इन दिनों को दुर्गा उत्सव के रूप में मनाया जाता है.

Intro:सोलन में शारदीय नवरात्रों के लिए शूलिनी मंदिर में तैयारियां हुई पूरी, पुलिस प्रशासन भी पूरी तरह अलर्ट

:-29 सितंबर से शुरू होकर 7 अक्टूबर तक रहेगी नवरात्रि , 8 अक्टूबर को होगा देवी विसर्जन

:-धार्मिक स्थलों पर पुलिस रहेगी जगह-जगह तैनात
:- सोलन पुलिस का लोगों से आह्वान असामाजिक तत्वों पर रखे नजर

शारदीय नवरात्र मेलों के लिए सोलन के शूलिनी मंदिर में तैयारियां पूरी कर ली गई है।सोलन का शुलिनी मंदिर सोलन वासियों और प्रदेशभर से आने वाले सभी लोगों के लिए आस्था का केंद्र है ,वही मान्यता है कि जो भी शुलिनी मंदिर में दर्शन करने के लिए आता है उसकी दर्द पीड़ा दूर हो जाती है। वही जो श्रद्धालु एक बार दर्शन करने यहां आता है वो बार-बार यहां आता। वही नवरात्रों में हर साल यहां पर भीड़ देखने को मिलती है जिसके लिए पुलिस प्रशासन और मंदिर प्रशासन दोनों तैयार है।




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क्या कहते है मन्दिर के पुजारी:-
शुलिनी माता मंदिर के खास बात यह है कि यहां श्रद्धालुओं की मन्नत पूरी होने पर श्रद्धालु भंडारा देते हैं। वहीं इस बार भी नवरात्रों में आठों दिन भंडारों का आयोजन किया जाएगा।वही मंदिर के पुजारी रामस्वरूप शर्मा ने बताया कि नवरात्रों को लेकर पमंदिर प्रशासन द्वारा तैयारियां पूरी कर ली गई है ,वहीं श्रद्धालुओं का तांता हर साल दूर-दूर से दर्शन करने के लिए यहां लगा रहता है।


तैयार है पुलिस प्रशासन:-
नवरात्रों के लिए सोलन पुलिस में तैयार है पुलिस के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शिवकुमार शर्मा ने बताया कि नवरात्र में भीड़ होने के कारण धार्मिक स्थलों के चारों तरफ पुलिस फोर्स तैनात की जाएगी। वही सोलन में जितने भी आस्था के केंद्र हैं उन पर पुलिस की कड़ी निगरानी रखी जाएगी।
वहीं उन्होंने लोगों से भी आह्वान किया है कि वे खुद भी कानून व्यवस्था बनाए रखने और असामाजिक तत्वों को गलत गतिविधियों पर ध्यान रखें। वहीं अगर उन्हें भीड़ में किसी संदिग्ध वस्तु या आदमी पर संदेह होता है तो पुलिस को सचेत करें।





Conclusion:क्यों खास है शारदीय नवरात्रि:-
साल में 4 नवरात्रि आती है जिनमें दो गुप्त और दो प्रकट नवरात्रि होती है सभी नवरात्रों में से इस शारदीय नवरात्रि का खास महत्व माना जाता है जो कि 29 सितंबर से शुरू होकर 7 अक्टूबर तक रहेगी वहीं 8 अक्टूबर को देवी का विसर्जन किया जाएगा।

कैसे हुई थी शारदीय नवरात्रों की शुरुआत:-

माना जाता है कि इस नवरात्रि की शुरुआत सबसे पहले भगवान राम ने की थी। श्री राम जब लंका पति रावण का वध करने जा रहे थे तो उन्हें 9 दिनों तक देवी मां की विधिवत पूजा की उसके बाद दसवें दिन रावण का वध कर दिया इसलिए नवरात्रि के अगले दिन दशहरा मनाया जाता है, जो बुराई पर अच्छाई का प्रतीक है ।


कुछ मान्यताओं के अनुसार इन दिनो देवी दुर्गा ने महिषासुर नाम के राक्षस का वध किया था, तो कुछ लोगों का मानना है कि इन 9 दिनों में देवी मां अपने मायके आती है,ऐसे में 9 दिनों को दुर्गा उत्सव के रूप में मनाया जाता है।


बाइट:-रामस्वरूप शर्मा:-शुलिनी मंदिर के पुजारी
बाइट:-डॉ शिव कुमार शर्मा:- ASP सोलन पुलिस
शॉट:- शुलिनी मन्दिर सोलन
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