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औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन में नहीं थम रहा मजदूरों का शोषण, न्याय की लगाई गुहार

औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन में मजदूरों का शोषण थमने का नाम नहीं ले रहा है. कुछ दिन पहले रोजगार मंत्री ने उद्योग पर कार्रवाई करने के आदेश दिए थे, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई.

laborer protest will start in solan
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Published : Aug 2, 2019, 8:47 PM IST

सोलन: औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन में मजदूरों का शोषण थमने का नाम नहीं ले रहा है. पहले तो उद्योगपति नहीं सुनते थे लेकिन अब तो मंत्री भी नहीं सुनते हैं. दरअसल बीबीएन में काम कर रहे मजदूरों को कंपनी के अंदर नहीं आने दिया जा रहा है, जिससे सभी मजदूर कंपनी के बाहर बैठे हुए हैं.

मजदूर उद्योग के बाहर भूखे प्यासे न्याय की आस लगाए उद्योग के गेट पर बैठे हैं और बारिश की वजह से कर्मचारियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में महिला कर्मचारियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

मजदूरों ने सरकार और प्रशासन को चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही उनका फैसला नहीं किया गया तो, वो आमरण अनशन पर बैठेंगे.

वीडियो

बता दें कि कुछ दिन पहले उद्योग मंत्री विक्रम सिंह के दौरे के दौरान कृष्णपुरा में होटल ली मेरिट मैं उद्योग संघ द्वारा आयोजित कार्यक्रम के दौरान उद्योगी क्षेत्र नालागढ़ के ओमेगा उद्योग के कुछ कामगारों ने उद्योग मंत्री को उद्योग द्वारा उनके शोषण को लेकर एक ज्ञापन सौंपा था. इसके बाद तकनीकी मंत्री विक्रम सिंह ने लेबर ऑफिसर को उद्योग के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए थे, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गए.

सोलन: औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन में मजदूरों का शोषण थमने का नाम नहीं ले रहा है. पहले तो उद्योगपति नहीं सुनते थे लेकिन अब तो मंत्री भी नहीं सुनते हैं. दरअसल बीबीएन में काम कर रहे मजदूरों को कंपनी के अंदर नहीं आने दिया जा रहा है, जिससे सभी मजदूर कंपनी के बाहर बैठे हुए हैं.

मजदूर उद्योग के बाहर भूखे प्यासे न्याय की आस लगाए उद्योग के गेट पर बैठे हैं और बारिश की वजह से कर्मचारियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में महिला कर्मचारियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

मजदूरों ने सरकार और प्रशासन को चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही उनका फैसला नहीं किया गया तो, वो आमरण अनशन पर बैठेंगे.

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बता दें कि कुछ दिन पहले उद्योग मंत्री विक्रम सिंह के दौरे के दौरान कृष्णपुरा में होटल ली मेरिट मैं उद्योग संघ द्वारा आयोजित कार्यक्रम के दौरान उद्योगी क्षेत्र नालागढ़ के ओमेगा उद्योग के कुछ कामगारों ने उद्योग मंत्री को उद्योग द्वारा उनके शोषण को लेकर एक ज्ञापन सौंपा था. इसके बाद तकनीकी मंत्री विक्रम सिंह ने लेबर ऑफिसर को उद्योग के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए थे, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गए.

Intro:औद्योगिक क्षेत्र बीबी एन में नहीं थम रहा मजदूरों का शोषण पहले तो प्रशासन और उद्योगपति नहीं सुनते थे अब तो मंत्री भी नहीं सुनते Body:बता दें कि कुछ दिन पहले उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह के दौरे के दौरान कृष्णपुरा मैं होटल ली मेरिट मैं उद्योग संघ द्वारा आयोजित कार्यक्रम के दौरान उद्योगी क्षेत्र नालागढ़ के ओमेगा उद्योग के कुछ कामगारों ने उद्योग मंत्री को उद्योग द्वारा उनके शोषण को लेकर एक ज्ञापन सौंपा था तत्पश्चात मंत्री जी ने लेबर ऑफिसर को उद्योग के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए थे मगर आज दिन तक उद्योग के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है और मजदूर उद्योग के बाहर भूखे प्यासे न्याय की आस लगाए उद्योग के गेट पर बैठे हैं और जैसे आपको मालूम है कि आजकल हिमाचल मे बरसात के दिन है जिसके चलते मजबूरन कर्मचारियों को बारिश के दौरान गेट के बाहर काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है और उद्योग प्रबंधन है कि ना तो महिला मजदूरों को उद्योग परिसर में बाथरूम करने की इजाजत नहीं देता देखा जाए तो आज से 10 15 साल पहले जब बीबीएन में उद्योग लगने आरंभ हुए थे और सरकार द्वारा पैकेज दिया गया था तब तक तो उद्योग पतियों को यह मजदूर अपने लगते थे और जैसे ही सरकार द्वारा पैकेज खत्म कर दिया गया और जीएसटी लागू कर दिया गया उसके पश्चात उद्योग बी बी एन से पलायन करने लग गए हैं और वही मजदूर जिन्होंने इन्हें करोड़ों का मुनाफा दिलाया है वह उनके लिए कीड़े मकोड़े जैसे हैं जिन्हें धूप गर्मी और बारिश में बेसहारा गेट के बाहर छोड़ दिया गया है और वही अधिकारियों के अड़ियल रवैया के चलते और ना तो अधिकारियों एसी की हवा को छोड़कर मजदूरों के साथ खड्डे होने तक का वक्त उनके पास है पहले मजदूरों को सरकार से उम्मीद थी कि वह उनकी बात सुनेगी मगर उद्योग मंत्री के दौरे के बाद भी जब लेबर ऑफिसर ने कोई कार्रवाई नहीं की तो वह उम्मीद की किरण भी खत्म हो गई है अगर प्रशासन और नेता भी मजदूरों से इस प्रकार मुंह मोड़ने लगे तो मजदूर कहां जाएगा वही मंत्री अपने दौरे के दौरान उद्योगों के निवेश की बड़ी-बड़ी बातें तो कर जाते हैं मगर जमीनी स्तर पर जो मजदूरों के साथ शोषण उद्योगपति करते हैं उस बारे में ना तो आज दिन तक प्रशासन ने कुछ किया और ना ही मंत्री मंडल ने अगर मजदूरों के साथ इस प्रकार का शोषण बंद नहीं किया गया तो एक दिन ऐसा भी आएगा जब उद्योग तो होंगे पर उद्योगों में काम करने के लिए मजदूरी नहीं होगा
वहीं अब ओमेगा उद्योग के कर्मचारी भी भूख हड़ताल पर बैठने को मजबूर है और उन्होंने सरकार और प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर जल्द ही उनका फैसला नहीं किया गया तो वह आमरण अनशन पर बैठेंगे और अगर किसी मजदूर को इस दौरान कुछ भी होता है तो उसकी सीधी जिम्मेवारी लेवल ऑफिसर बद्दी और हिमाचल सरकार की होगी.Conclusion:
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