सोलन: ईरान की प्रतिबंधित कीवी इन दिनों अवैध तरीके से भारत में पहुंच (Iran Kiwi banned in India) रही है, जिससे हिमाचल सहित देश के कीवी ग्रोवर्स को बेहतर दाम नहीं मिल पा रहे हैं. वहीं, जो कीवी ईरान से वाया हॉन्ग कॉन्ग शिपिंग के माध्यम से भारत लाई जा रही है वह भी लोगों की सेहत के लिए फायदेमंद नहीं है. इसी मुद्दे को लेकर वीरवार को सोलन में कीवी ग्रोवर्स द्वारा एक प्रेस वार्ता का (Kiwi Growers press conference in Solan) आयोजन किया गया.
कीवी ग्रोवर्स प्रकाश राणा ने कहा कि भारत सरकार (Kiwi Import from Iran to India) द्वारा ईरान की कीवी को नेशनल प्लांट प्रोटक्शन ऑर्गेनाइजेशन के अधीन इंडियन एग्रीकल्चर मिनिस्ट्री द्वारा प्रतिबंधित किया गया है जो कि अक्टूबर 2021 में की गई थी. बावजूद उसके दिल्ली की आजादपुर मंडी में कई आढ़ती इसे मुंबई पोर्ट करवाते हुए वाया हॉन्ग कॉन्ग लेकर आ रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि आढ़ती इलीगल तरीके से कीवी को प्लम और एप्पल के कन्टेनरों में छुपा कर ला रहे हैं.
प्रकाश राणा ने कहा कि प्रतिबंधित ईरानी कीवी, व्यक्ति के स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है. खपत के अलावा वे अपनी कीवी की कटाई बहुत कम करते हैं,जो कि कच्ची है. कीवी की गुणवत्ता में उनकी कोई भी तुलना नहीं है. स्वाद, गुणवत्ता और चिकित्सा में भारतीय कीवी फायदेमंद है. प्रकाश राणा ने कहा कि हिमाचल में करीब 500 टन से ज्यादा कीवी का उत्पादन हो रहा है लेकिन कीवी के सही दाम ना मिल पाने के कारण इन दिनों किसान परेशान हैं.
उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की है कि जल्द से जल्द ईरान की प्रतिबंधित कीवी को भारत आने से रोका जाए ताकि देश और हिमाचल के किसानों को किवी के बेहतर दाम मिल सकें. उन्होंने कहा कि देश में पैदा हुई कीवी स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है वहीं, दूसरी तरफ जो ईरानी कीवी भारत में पहुंच रही है वह छोटी है और सेहत के लिए भी हानिकारक है. प्रकाश राणा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश एक पहाड़ी राज्य है और नई दिल्ली से बहुत दूर है. ऐसे में यहां के किसान सड़क संपर्क की कमी के कारण लागत के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं कर सकते हैं.
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार कीवी को बढ़ावा देने के लिए अपने किसानों को सब्सिडी में हजारों करोड़ रुपये खर्च करती है. सरकार कीवी के पौधों और कोणों पर भी सब्सिडी देती है. लेकिन वर्तमान में अवैध ईरानी कीवी का आयात भारतीय कीवी की फसल को नष्ट कर रहा है. उन्होंने कहा कि वे भारत सरकार और कृषि मंत्रालय से अपील करते हैं कि कीवी के इस अवैध आयात को रोकने के लिए सख्त कदम उठाया जाए.
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