बद्दीः औद्योगिक क्षेत्र बद्दी बरोटीवाला नालागढ़ में आए दिन कोई न कोई उद्योगपति पर्यावरण को दूषित कर रहा हैं. एनजीटी के दखल देने के बावजूद भी बीबीएन के उद्योगपति प्रदूषण फैलाने से बाज नहीं आ रहें है. वहीं, ताजा मामला नालागढ़ के जगतखाना खड़ से सामने आया है. जहां उद्योग से लगातार गंदा जहरीला पानी नदी में छोड़ा जा रहे हैं. प्रशासन भी ऐसे उद्योगपतियों पर शिकंजा कसने में नाकाम साबित होता नजर आ रहा है.
उद्योगों से नदी में छोड़ा जा रहा जहरीला पानी
गांव के ग्रामीणों का कहना है कि इस पानी से वह अपने सैकड़ों बिग्गा उपजाऊ भूमि में सिंचाई करते हैं. उद्योग की ओर से लगातार नदी में गंदा पानी बार-बार छोड़ने से नदी का पानी पूरी तरह से दूषित हो गया है, जिससे खेतों में काम करने के दौरान उनके शरीर में कई बार एलर्जी हो चुकी है.
दूषित पानी पीने से कई पशु और मछलियां मरी
उनका कहना है कि कई ग्रामीण कैंसर जैसे रोगों से भी पीड़ित हो चुके हैं. प्रशासन के सुस्त रवैया के चलते इस नदी में कई बार ग्रामीणों के दुधारू पशु और मछलियां तक मर चुकी हैं. बावजुद इसके प्रशासन ऐसे उद्योगपतियों पर कड़ी कार्रवाई करने के बजाय उनका हौसला बढ़ा रहें है. जिसका खामियाजा गांव के ग्रामीण और बेजुबान जीव जंतु झेल रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि बार-बार प्रशासन को अवगत करवाने के बाद भी कार्रवाई ना होने के चलते सैकड़ों बीघा उपजाऊ भूमि बंजर होने की कगार में पहुंच गई है.
शिकायत पर दूषण विभाग ने भरें सैंपल
इस दौरान प्रदूषण विभाग के एससी प्रवीण गुप्ता से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जैसे ही उन्हें इस बारे में सूचना मिली तो अपनी टीम के साथ मौके पर गए और वहां से सैंपल एकत्रित किए गए. इसके अलावा सहारा टैक्सटाइल के भी सैंपल भरे गए हैं.
सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश
उन्होंने कहा कि उद्योग प्रबंधन को उद्योग के बाहर पानी की निकासी की जगह सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश भी दिए गए हैं. वहीं, जब इस पूरे मामले पर सहारा टेक्सटाइल के एचआर राजेश ठाकुर से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उनके उद्योग की ओर से किसी भी प्रकार का केमिकल खड के पानी में नहीं छोड़ा गया है. उन्होंने कहा कि जिस भी उद्योग द्वारा यह गलती की गई हैं, उस पर कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएं.
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