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हिमाचल प्रदेश दवा उद्योगों में 23 दवाओ के सैंपल फेल, संबंधित फार्मा कंपनी को नोटिस जारी

सीडीएसओ के अप्रैल माह के ड्रग अलर्ट में इस बार हिमाचल के 12 उद्योगों में निर्मित 23 तरह की दवाएं सब्सटेंडर्ड पाई गई है, इनमें से आधा दर्जन दवाएं अकेले सिरमौर के कलाम स्थित डिजिटल विजन उद्योग में निर्मित है.

himachal pradesh pharmaceutical industries fail sample of 23 drugs
हिमाचल प्रदेश दवा उद्योगों में 23 दवाएं सब्सटेंडर्ड पाई गई
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Published : May 18, 2020, 8:24 PM IST

Updated : May 18, 2020, 9:01 PM IST

सोलनः केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन सीडीएसओ की जांच में देश के अलग-अलग राज्यों में निर्मित 59 तरह की दवाएं सब्सटेंडर्ड पाई गई हैं. इन सूची में हिमाचल के दवा उद्योगों में निर्मित 23 तरह की दवाएं भी शामिल हैं, जो दवाई गुणवत्ता के पैमाने पर खरी नहीं उतरी हैं, इनमें हाई बीपी, हृदय रोग, दर्द निवारक, एलर्जी, डायबिटीज, सर्दी जुखाम, संक्रमण, गैस्ट्रिक, बीपी, के उपचार में इस्तेमाल होने वाली दवाएं सहित हैंड सेनिटाइजर व शैंपू शामिल हैं.

सीडीएसओ के अप्रैल माह के ड्रग अलर्ट में इस बार हिमाचल के 12 उद्योगों में निर्मित 23 तरह की दवाएं सब्सटेंडर्ड पाई गई हैं, इनमें से आधा दर्जन दवाएं अकेले सिरमौर के कलाम स्थित डिजिटल विजन उद्योग में निर्मित है, गत माह दवा के सेवन से बच्चों की मौत के मामले में सुर्खियों में रहे डिजिटल विजन फार्मा इंडस्ट्री को राज्य दवा नियंत्रण प्राधिकरण पहले ही कार्रवाई करते हुए सील कर चुकी है.

वीडियो.

सीडीएसओ ने जारी अप्रैल माह के ड्रग अलर्ट के बाद राज्य के नियंत्रण प्राधिकरण ने हरकत में आते हुए तमाम संबंधित दवा उद्योगों को नोटिस जारी कर बाजार से फेल हुए दवा उत्पादों का पूरा बैच हटाने के आदेश जारी कर दिए हैं, इसके अलावा प्राधिकरण से संबंधित क्षेत्र के दौरा निरीक्षकों को उद्योग का निरीक्षण कर विस्तृत रिपोर्ट सौंपने को भी कहा गया है.

जानकारी के मुताबिक सीडीएसओ ने जारी ड्रग अलर्ट में देश के विभिन्न राज्यों में निर्मित अलग-अलग कंपनियों के 59 दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं इसमें नामी कंपनियों में निर्मित दवा सम्मिलित है देश की 59 दवाओं में 23 दवाएं हिमाचल के 12 उद्योगों में तैयार की गई है.

यह उद्योग ऊना, नालागढ़, बद्दी, कालाअंब, पांवटा साहिब में स्थापित हैं, इसके अलावा उत्तराखंड, पंजाब, राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली सहित अन्य राज्यों के दवा उद्योगों में निर्मित दवाओं के सैंपल भी फेल हुए हैं.

बता दें कि केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने मार्च माह में देश भर के अलग-अलग राज्यों से 460 दवाओं के सैंपल एकत्रित किए थे. जिनमें से जांच के दौरान 59 दवाएं सब्सटेंडर्ड पाई गई. जबकि 491 दवाएं गुणवत्ता के पैमाने पर सही पाई गई है. दवाओं के यह सैंपल सीडीएसओ के विभिन्न कार्यालयों ने देश के अलग-अलग राज्यों से जांच के लिए जुटाए गए थे. जिनका सीडीएल की लैब में परीक्षण करवाया गया जहां 59 दवाएं सब्सटेंडर्ड पाई गई थी.

इस बार लॉकडाउन का असर सैंपल की तादाद पर भी पड़ा है. पहले हर महीने एक हजार से ज्यादा सैंपल लिए जाते थे, लेकिन इस बार यह आंकड़ा 460 के आसपास रहा इसमें भी हिमाचल के सबसे ज्यादा सैंपल लिए गए. राज्य दवा नियंत्रण अधिकारी के बद्दी स्थित डिप्टी ड्रग कंट्रोलर मनीष कपूर ने बताया कि जिन दवा उद्योगों में निर्मित दवाएं सब्सटेंडर्ड पाई गई हैं, उन्हें नोटिस जारी कर दिए गए हैं, जबकि सिरमौर स्थित डिजिटल विजन फार्मा कंपनी गत महीने सील की जा चुकी है, उन्होंने बताया कि प्राधिकरण गुणवत्तापूर्ण दवा निर्माण में पूरी ऐहतियात बरत रहा है. उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की अवहेलना बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

सोलनः केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन सीडीएसओ की जांच में देश के अलग-अलग राज्यों में निर्मित 59 तरह की दवाएं सब्सटेंडर्ड पाई गई हैं. इन सूची में हिमाचल के दवा उद्योगों में निर्मित 23 तरह की दवाएं भी शामिल हैं, जो दवाई गुणवत्ता के पैमाने पर खरी नहीं उतरी हैं, इनमें हाई बीपी, हृदय रोग, दर्द निवारक, एलर्जी, डायबिटीज, सर्दी जुखाम, संक्रमण, गैस्ट्रिक, बीपी, के उपचार में इस्तेमाल होने वाली दवाएं सहित हैंड सेनिटाइजर व शैंपू शामिल हैं.

सीडीएसओ के अप्रैल माह के ड्रग अलर्ट में इस बार हिमाचल के 12 उद्योगों में निर्मित 23 तरह की दवाएं सब्सटेंडर्ड पाई गई हैं, इनमें से आधा दर्जन दवाएं अकेले सिरमौर के कलाम स्थित डिजिटल विजन उद्योग में निर्मित है, गत माह दवा के सेवन से बच्चों की मौत के मामले में सुर्खियों में रहे डिजिटल विजन फार्मा इंडस्ट्री को राज्य दवा नियंत्रण प्राधिकरण पहले ही कार्रवाई करते हुए सील कर चुकी है.

वीडियो.

सीडीएसओ ने जारी अप्रैल माह के ड्रग अलर्ट के बाद राज्य के नियंत्रण प्राधिकरण ने हरकत में आते हुए तमाम संबंधित दवा उद्योगों को नोटिस जारी कर बाजार से फेल हुए दवा उत्पादों का पूरा बैच हटाने के आदेश जारी कर दिए हैं, इसके अलावा प्राधिकरण से संबंधित क्षेत्र के दौरा निरीक्षकों को उद्योग का निरीक्षण कर विस्तृत रिपोर्ट सौंपने को भी कहा गया है.

जानकारी के मुताबिक सीडीएसओ ने जारी ड्रग अलर्ट में देश के विभिन्न राज्यों में निर्मित अलग-अलग कंपनियों के 59 दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं इसमें नामी कंपनियों में निर्मित दवा सम्मिलित है देश की 59 दवाओं में 23 दवाएं हिमाचल के 12 उद्योगों में तैयार की गई है.

यह उद्योग ऊना, नालागढ़, बद्दी, कालाअंब, पांवटा साहिब में स्थापित हैं, इसके अलावा उत्तराखंड, पंजाब, राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली सहित अन्य राज्यों के दवा उद्योगों में निर्मित दवाओं के सैंपल भी फेल हुए हैं.

बता दें कि केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने मार्च माह में देश भर के अलग-अलग राज्यों से 460 दवाओं के सैंपल एकत्रित किए थे. जिनमें से जांच के दौरान 59 दवाएं सब्सटेंडर्ड पाई गई. जबकि 491 दवाएं गुणवत्ता के पैमाने पर सही पाई गई है. दवाओं के यह सैंपल सीडीएसओ के विभिन्न कार्यालयों ने देश के अलग-अलग राज्यों से जांच के लिए जुटाए गए थे. जिनका सीडीएल की लैब में परीक्षण करवाया गया जहां 59 दवाएं सब्सटेंडर्ड पाई गई थी.

इस बार लॉकडाउन का असर सैंपल की तादाद पर भी पड़ा है. पहले हर महीने एक हजार से ज्यादा सैंपल लिए जाते थे, लेकिन इस बार यह आंकड़ा 460 के आसपास रहा इसमें भी हिमाचल के सबसे ज्यादा सैंपल लिए गए. राज्य दवा नियंत्रण अधिकारी के बद्दी स्थित डिप्टी ड्रग कंट्रोलर मनीष कपूर ने बताया कि जिन दवा उद्योगों में निर्मित दवाएं सब्सटेंडर्ड पाई गई हैं, उन्हें नोटिस जारी कर दिए गए हैं, जबकि सिरमौर स्थित डिजिटल विजन फार्मा कंपनी गत महीने सील की जा चुकी है, उन्होंने बताया कि प्राधिकरण गुणवत्तापूर्ण दवा निर्माण में पूरी ऐहतियात बरत रहा है. उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की अवहेलना बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

Last Updated : May 18, 2020, 9:01 PM IST
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