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हरियाणा में ALL इंडिया सिविल सर्विसेज कबड्डी प्रतियोगिता पर उठे सवाल, हिमाचल की टीम को करना पड़ा भेदभाव का सामना - ऑल इंडिया सिविल सर्विस कबड्डी प्रतियोगिता

हरियाणा के भिवानी में खेली गई ऑल इंडिया सिविल सर्विस कबड्डी प्रतियोगिता पर कई सवाल खड़े हो चुके हैं, कबड्डी टीम के खिलाडियों के हिमाचल वापस लौटने पर मामले ने तूल पकड़ना शुरू कर दिया है. हिमाचल टीम के मैनेजर कम कोच की प्रदेश सरकार के माध्यम से खेल मंत्रालय को इस पूरे मामले के बारे में शिकायत भी दी गई है. यदि शिकायत सही पाई गई तो भविष्य में हरियाणा से इस प्रतियोगिता की मेजबानी भी छिन सकती है.

हिमाचल कबड्डी टीम
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Published : Sep 22, 2021, 3:59 PM IST

सोलन: हरियाणा के भिवानी में खेली गई ऑल इंडिया सिविल सर्विस कबड्डी प्रतियोगिता पर सवाल खड़े हो चुके हैं. हिमाचल से कबड्डी प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सदस्य का कहना है कि हरियाणा में हुई कबड्डी प्रतियोगिता में उनके साथ भेदभाव किया गया, उन्होंने कहा कि हरियाणा के खिलाफ सेमीफाइनल खेले जाने से पहले कथित रूप से खिलाड़ियों के ऊपर मानसिक दबाव बनाया गया जिससे हिमाचल की टीम को हार का सामना करना पड़ा.

हिमाचल कबड्डी टीम सदस्य राजेन्द्र सिंह पेजटा का कहना है कि हिमाचल टीम का सैमीफाइनल में पहुंचना हरियाणा को रास नहीं आ रहा था. उन्होंने बताया कि 19 सितबर को हिमाचल व महाराष्ट्र टीम के बीच में कबड्डी का क्वाटरफाइनल मैच खेला गया, यह मुकाबला कांटे का हुआ. हिमाचल 3 प्वाइंट से इस मैच जीतने में कामयाब रहा. हिमाचल की अंतिम रेड में रैडर दो प्वाइंट लेकर आया. महाराष्ट्र की टीम ने इन दो प्वांइट पर प्रोटेस्ट करते हुए कहा कि रैडर आउट है. महाराष्ट्र का प्रोटेस्ट खारिज हो गया और हिमाचल की टीम को विजेता घोषित कर दिया गया.

वीडियो.
उन्होंने बताया कि सोमवार को सैमीफाइनल में हिमाचल का मुकाबला हरियाणा से होना था. महाराष्ट्र की टीम इस निर्णय से संतुष्ट नहीं थी. उन्होंने भी अपने स्तर पर कमेटी पर दबाव बनाना शुरू कर दिया, इसका नतीजा यह हुआ कि सोमवार सुबह प्रदेश की टीम को महाराष्ट्र के साथ दुबारा से मैच खेलने के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया, नौबत धक्का मुक्की तक पहुंच गई. जैसे तैसे हिमाचल को सेमीफाइनल खेलने का मौका मिला लेकिन दिनभर हुए हाईवोल्टेज ड्रामा के कारण खिलाड़ी मानसिक व शारीरिक रूप से इतने थक चुके थे कि उन्हें हार का सामना करना पड़ा. वहीं, हिमाचल प्रदेश की सिविल सर्विस कबड्डी टीम के कोच सुदर्शन चौहान ने भी बताया कि रविवार को उनकी टीम महाराष्ट्र के साथ हुए मैच की विजेता रही. मैच का निर्णय रातोंरात बदल दिया गया. सोमवार सुबह हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के बीच सेमीफाइनल मैच घोषित भी कर दिया गया था, मगर कमेटी ने हिमाचल को महाराष्ट्र की टीम के साथ दोबारा मैच के खेलेने के लिए बाध्य करना शुरू कर दिया. विरोध करने पर उनके साथ धक्का-मुक्की की गई. जब खेल मंत्रालय से शिकायत की गई तो हिमाचल की टीम को सोमीफाइनल खेलने की अनुमति दी गई. उन्होंने कहा कि हरियाणा में हुए इस विवाद को हिमाचल सरकार के समक्ष रखते हुए खेल मंत्रालय के सामने रखा जाएगा ताकि अगली बार खिलाड़ियों के साथ इस तरह का दुर्व्यवहार ना हो .

बता दें कि ऑल इंडिया सिविल सर्विसेज खेल प्रतियोगिता में प्रदेश सरकार के सरकारी विभागों के कर्मचारी भाग लेते हैं, बहरहाल हिमाचल टीम द्वारा दी गई शिकायत पर खेल मंत्रालय क्या फैसला लेता है ये देखने लायक होगा.

ये भी पढ़ें : हमीरपुर जिला कांग्रेस ने उपायुक्त के माध्यम से राज्यपाल को भेजा ज्ञापन, उठाई ये मांग

सोलन: हरियाणा के भिवानी में खेली गई ऑल इंडिया सिविल सर्विस कबड्डी प्रतियोगिता पर सवाल खड़े हो चुके हैं. हिमाचल से कबड्डी प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सदस्य का कहना है कि हरियाणा में हुई कबड्डी प्रतियोगिता में उनके साथ भेदभाव किया गया, उन्होंने कहा कि हरियाणा के खिलाफ सेमीफाइनल खेले जाने से पहले कथित रूप से खिलाड़ियों के ऊपर मानसिक दबाव बनाया गया जिससे हिमाचल की टीम को हार का सामना करना पड़ा.

हिमाचल कबड्डी टीम सदस्य राजेन्द्र सिंह पेजटा का कहना है कि हिमाचल टीम का सैमीफाइनल में पहुंचना हरियाणा को रास नहीं आ रहा था. उन्होंने बताया कि 19 सितबर को हिमाचल व महाराष्ट्र टीम के बीच में कबड्डी का क्वाटरफाइनल मैच खेला गया, यह मुकाबला कांटे का हुआ. हिमाचल 3 प्वाइंट से इस मैच जीतने में कामयाब रहा. हिमाचल की अंतिम रेड में रैडर दो प्वाइंट लेकर आया. महाराष्ट्र की टीम ने इन दो प्वांइट पर प्रोटेस्ट करते हुए कहा कि रैडर आउट है. महाराष्ट्र का प्रोटेस्ट खारिज हो गया और हिमाचल की टीम को विजेता घोषित कर दिया गया.

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उन्होंने बताया कि सोमवार को सैमीफाइनल में हिमाचल का मुकाबला हरियाणा से होना था. महाराष्ट्र की टीम इस निर्णय से संतुष्ट नहीं थी. उन्होंने भी अपने स्तर पर कमेटी पर दबाव बनाना शुरू कर दिया, इसका नतीजा यह हुआ कि सोमवार सुबह प्रदेश की टीम को महाराष्ट्र के साथ दुबारा से मैच खेलने के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया, नौबत धक्का मुक्की तक पहुंच गई. जैसे तैसे हिमाचल को सेमीफाइनल खेलने का मौका मिला लेकिन दिनभर हुए हाईवोल्टेज ड्रामा के कारण खिलाड़ी मानसिक व शारीरिक रूप से इतने थक चुके थे कि उन्हें हार का सामना करना पड़ा. वहीं, हिमाचल प्रदेश की सिविल सर्विस कबड्डी टीम के कोच सुदर्शन चौहान ने भी बताया कि रविवार को उनकी टीम महाराष्ट्र के साथ हुए मैच की विजेता रही. मैच का निर्णय रातोंरात बदल दिया गया. सोमवार सुबह हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के बीच सेमीफाइनल मैच घोषित भी कर दिया गया था, मगर कमेटी ने हिमाचल को महाराष्ट्र की टीम के साथ दोबारा मैच के खेलेने के लिए बाध्य करना शुरू कर दिया. विरोध करने पर उनके साथ धक्का-मुक्की की गई. जब खेल मंत्रालय से शिकायत की गई तो हिमाचल की टीम को सोमीफाइनल खेलने की अनुमति दी गई. उन्होंने कहा कि हरियाणा में हुए इस विवाद को हिमाचल सरकार के समक्ष रखते हुए खेल मंत्रालय के सामने रखा जाएगा ताकि अगली बार खिलाड़ियों के साथ इस तरह का दुर्व्यवहार ना हो .

बता दें कि ऑल इंडिया सिविल सर्विसेज खेल प्रतियोगिता में प्रदेश सरकार के सरकारी विभागों के कर्मचारी भाग लेते हैं, बहरहाल हिमाचल टीम द्वारा दी गई शिकायत पर खेल मंत्रालय क्या फैसला लेता है ये देखने लायक होगा.

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