सोलन: शहर को नगर निगम का दर्जा मिलने के बाद नगर निगम ग्रामीण संघर्ष समीति सरकार व प्रशासन के खिलाफ मुर्ख हो गई है. ग्रामीण पहले से इस बात के लिए संघर्ष कर रहे थे कि उनकी पंचायतों को नगर निगम में ना जोड़ा जाये, लेकिन आठ पंचायतों के कुछ क्षेत्रों को नगर निगम में जोड़े जाने की बात कही जा रही है. जिसके चलते ग्रामीणों में रोष हैं.
नगर निगम ग्रामीण संघर्ष समीति ने रविवार को सोलन में एक बैठक की. इस दौरान सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया है कि सरकार व प्रशासन की ऐसी तानाशाही कतई बर्दाशत नहीं की जायेगी. साथ ही ग्रामीण सोमवार को शहर में धरना प्रदर्शन करेंगे.
वहीं, कई लोग आमरण अनशन पर जाने की तैयारी भी कर रहे हैं, ताकि सरकार प्रशासन सहित सोलन के नेताओं को चेताया जा सके की आप अपनी राजनीति मुट्ठी भर लोगों में चमका सकते हो, लेकिन आठ पंचायतों सहित साथ लगती पंचायतों के लोग आपके विरोध है. जिसका खामियाजा आपको आगामी चुनावों में भुगतना पड़ेगा.
ग्रामीण संघर्ष समीति के सदस्य मनोज ने बताया कि वह सोलन में ग्रामीण क्षेत्रों को नगर निगम में जोड़ने सरकार प्रशासन सहित स्थानीय नेताओं के खिलाफ धरना प्रर्दशन करेंगे.
उन्होंने कहा कि अभी तक आपकी नगर परिषद तो कार्य करने के काबिल नहीं थी तो नगर निगम में उनके गांवों का खाक विकास होगा. उन्होंने बीजेपी के स्थानीय नेताओं के खिलाफ रोष जताते हुए कहा कि उन्हें जनता स्वीकार नहीं करती.
उन्होंने कहा कि ऐसी तानाशाही बर्दाशत नहीं की जाएगी. उन्होंने कहा कि जब सरकार के पास पंचायतों से अनापत्तियां गई थी, तो वहां क्यों ग्रामीणों के हकों को नहीं देखा जा रहा है. उन्होंने कहा कि आंदोलन की चिंगारी सुलगेगी, जिसके लिए स्वयं सत्ताधारी सरकार प्रशासन व स्थानीय नेता जिम्मेदार होंगे.