सोलन: हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर शुक्रवार (Governor Rajendra Vishwanath Arlekar) को सोलन के कोठों स्थित इंडियन एसोसिएशन ऑफ मस्कुलर डिस्ट्रॉफी केन्द्र मानव मंदिर पहुंचे. उन्होंने वहां मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से पीड़ित बच्चों के उपचार के लिए की जा रही विभिन्न गतिविधियों का जायजा लिया और मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से पीड़ित बच्चों से बातचीत की. उन्होंने कहा कि वर्ष 1992 से आईएएमडी द्वारा इस गम्भीर रोग से पीड़ित बच्चों के पुनर्वास के लिए सराहनीय कार्य किया जा रहा है.
मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से पीड़ित बच्चों से (Indian Association of Muscular Dystrophy Solan ) मिलकर राज्यपाल भावुक हो उठे. उन्होंने कहा कि इस गम्भीर बीमारी से जो पीड़ित है उनकी देखभाल का जिम्मा न केवल परिवार का है, बल्कि पूरे समाज का यह दायित्व है कि उनकी देखभाल करें. इसलिए मानव मंदिर का निर्माण हुआ है. यह हम सब का दायित्व है कि हम इस तरह के मानव मंदिर में अपना योगदान दें. उन्होंने कहा कि यह एक तरह का ‘तीर्थ’ क्षेत्र है. उन्होंने कहा कि यहां आकर समाज में मानव कल्याण के लिए कार्य करने की प्रेरणा मिलती है और जो उदाहरण आईएएमडी ने समाज के समक्ष रखा है वे प्रेरणादायक हैं, इसलिए हम सब को योगदान देने के लिए पीछे नहीं रहना चाहिए.
उन्होंने बताया कि वे स्वयं भी गोवा राज्य में दिव्यांग बच्चों के लिए एक स्कूल चलाते हैं इसलिए वह भली-भांति परिचित हैं कि इस परिस्थिति से जूझ रहे परिवार किस कठिनाई का सामना करते हैं. लेकिन जो उन्हें सहयोग देते हैं वे सौभाग्यशाली हैं और वह अपने को भी सौभाग्यशाली मानते हैं कि वह भी इस कार्य से जुड़े हैं. उन्होंने आश्वासन दिया कि वह भविष्य में जल्द ही पूरा दिन का समय इन बच्चों के साथ बिताएंगे. इस अवसर पर आईएएमडी की अध्यक्ष संजना गोयल ने मानव मंदिर के इतिहास और यहां आयोजित की जा रही गतिविधियों की विस्तृत जानकारी प्रदान की. आईएएमडी के महासचिव विपुल गोयल ने भी राज्यपाल का स्वागत किया. राज्यपाल ने तदोपरांत जटोली महादेव मंदिर में सभी के कल्याणार्थ पूजा अर्चना की.