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डॉ. प्रमोद शर्मा को मलेशिया में मिला युवा शोधकर्ता पुरस्कार, 65 देशों के वैज्ञानिकों ने लिया हिस्सा - युवा शोधकर्ता पुरस्कार

(Young Researcher Award in Malaysia) नौणी विश्वविद्यालय के फल विभाग के वैज्ञानिक डॉ. प्रमोद शर्मा को मलेशिया में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन पीजीपीआर युवा शोधकर्ता पुरस्कार से सम्मानित किया (Dr Pramod Sharma receives Young Researcher Award ) गया.

डॉ. प्रमोद शर्मा
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Published : Sep 14, 2022, 9:38 AM IST

सोलन: (Young Researcher Award in Malaysia) नौणी विश्वविद्यालय के फल विभाग के वैज्ञानिक डॉ. प्रमोद शर्मा को मलेशिया में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन पीजीपीआर युवा शोधकर्ता पुरस्कार से सम्मानित किया (Dr Pramod Sharma receives Young Researcher Award ) गया. डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी के फल विज्ञान विभाग में वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. प्रमोद शर्मा को हाल ही में मलेशिया के कुआलालंपुर में आयोजित सतत कृषि पर 7वें एशियाई अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में 'पीजीपीआर में उत्कृष्ट युवा शोधकर्ता पुरस्कार' मिला. सम्मेलन का आयोजन एशियन पीजीपीआर (Asian PGPR Society) सोसायटी (एपीएसएसए) और मलेशियाई पीजीपीआर सोसाइटी द्वारा यूनिवर्सिटी पुत्रा मलेशिया में आयोजित किया गया.

इस सम्मेलन का विषय फसल उत्पादकता और सुरक्षा में सुधार के लिए लाभकारी सूक्ष्मजीवों के साथ कृषि’ रहा. सम्मेलन का उद्घाटन मलेशिया के कृषि और खाद्य उद्योग मंत्री वाईबी दातुक सेरी डॉ. रोनाल्ड कियांडी और प्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉ एमएस रेड्डी ने किया. इस सम्मेलन के दौरान सोसायटी ने डॉ. शर्मा की सेवा, वैज्ञानिक नवाचारों और महत्वपूर्ण उपलब्धियों के आधार पर इस पुरस्कार से उन्हें नवाजा. दुनिया भर के 65 देशों के 175 से अधिक वैज्ञानिकों ने इस सम्मेलन में भाग लिया.

सम्मेलन के दौरान डॉ. शर्मा को 'स्ट्रॉबेरी के उत्पादन पर जिंक नैनो-फर्टिलाइजेशन और जिंक सॉल्युबलाइजिंग पीजीपीआर का प्रभाव' नामक शोध पत्र पर मौखिक प्रस्तुति के लिए 'प्रशंसा पत्र' से भी सम्मानित किया गया. इस शोध पत्र पर डॉ. प्रमोद कुमार, डॉ. नवीन चंद शर्मा, डॉ डीपी शर्मा, सिमरन सैनी, दिव्या जोशी और डी बालचंदर ने कार्य किया है. इस सम्मेलन में उन हालिया वैज्ञानिक खोजों को शामिल किया गया, जो भविष्य में राइजोस्फेयर माइक्रोबायोम अनुसंधान सहित लाभकारी रोगाणुओं की भूमिका को कृषि अनुसंधान के लिए नए द्वार खोलने के रूप में महत्वपूर्ण हैं.

पीजीपीआर पौधों की वृद्धि को बढ़ावा देने वाले राइजोस्फेयर बैक्टीरिया हैं, जिनकी पौधों की वृद्धि के लिए फलों की खेती में व्यापक स्वीकार्यता है. नौणी विवि के कुलपति प्रोफेसर राजेश्वर सिंह चंदेल ने डॉ. प्रमोद शर्मा को उनके प्रयासों और इस उपलब्धि के लिए बधाई दी. इस मौके पर विवि के स्टाफ और छात्रों ने भी डॉ. शर्मा को बधाई दी.

सोलन: (Young Researcher Award in Malaysia) नौणी विश्वविद्यालय के फल विभाग के वैज्ञानिक डॉ. प्रमोद शर्मा को मलेशिया में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन पीजीपीआर युवा शोधकर्ता पुरस्कार से सम्मानित किया (Dr Pramod Sharma receives Young Researcher Award ) गया. डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी के फल विज्ञान विभाग में वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. प्रमोद शर्मा को हाल ही में मलेशिया के कुआलालंपुर में आयोजित सतत कृषि पर 7वें एशियाई अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में 'पीजीपीआर में उत्कृष्ट युवा शोधकर्ता पुरस्कार' मिला. सम्मेलन का आयोजन एशियन पीजीपीआर (Asian PGPR Society) सोसायटी (एपीएसएसए) और मलेशियाई पीजीपीआर सोसाइटी द्वारा यूनिवर्सिटी पुत्रा मलेशिया में आयोजित किया गया.

इस सम्मेलन का विषय फसल उत्पादकता और सुरक्षा में सुधार के लिए लाभकारी सूक्ष्मजीवों के साथ कृषि’ रहा. सम्मेलन का उद्घाटन मलेशिया के कृषि और खाद्य उद्योग मंत्री वाईबी दातुक सेरी डॉ. रोनाल्ड कियांडी और प्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉ एमएस रेड्डी ने किया. इस सम्मेलन के दौरान सोसायटी ने डॉ. शर्मा की सेवा, वैज्ञानिक नवाचारों और महत्वपूर्ण उपलब्धियों के आधार पर इस पुरस्कार से उन्हें नवाजा. दुनिया भर के 65 देशों के 175 से अधिक वैज्ञानिकों ने इस सम्मेलन में भाग लिया.

सम्मेलन के दौरान डॉ. शर्मा को 'स्ट्रॉबेरी के उत्पादन पर जिंक नैनो-फर्टिलाइजेशन और जिंक सॉल्युबलाइजिंग पीजीपीआर का प्रभाव' नामक शोध पत्र पर मौखिक प्रस्तुति के लिए 'प्रशंसा पत्र' से भी सम्मानित किया गया. इस शोध पत्र पर डॉ. प्रमोद कुमार, डॉ. नवीन चंद शर्मा, डॉ डीपी शर्मा, सिमरन सैनी, दिव्या जोशी और डी बालचंदर ने कार्य किया है. इस सम्मेलन में उन हालिया वैज्ञानिक खोजों को शामिल किया गया, जो भविष्य में राइजोस्फेयर माइक्रोबायोम अनुसंधान सहित लाभकारी रोगाणुओं की भूमिका को कृषि अनुसंधान के लिए नए द्वार खोलने के रूप में महत्वपूर्ण हैं.

पीजीपीआर पौधों की वृद्धि को बढ़ावा देने वाले राइजोस्फेयर बैक्टीरिया हैं, जिनकी पौधों की वृद्धि के लिए फलों की खेती में व्यापक स्वीकार्यता है. नौणी विवि के कुलपति प्रोफेसर राजेश्वर सिंह चंदेल ने डॉ. प्रमोद शर्मा को उनके प्रयासों और इस उपलब्धि के लिए बधाई दी. इस मौके पर विवि के स्टाफ और छात्रों ने भी डॉ. शर्मा को बधाई दी.

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