सोलन/करसोग: हिमाचल में जिला परिषद कैडर के कर्मचारी एवं अधिकारी अपनी मांगों को लेकर चार दिनों से हड़ताल (district council employees on pen down strike in Himachal) पर हैं. कर्मचारियों एवं अधिकारियों की हड़ताल से आम जनता को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. कर्मचारियों के हड़ताल पर होने से कई पंचायतों में जन्म, मृत्यु, बीपीएल, परिवार नकल, 15 वित्त आयोग समेत कामकाज प्रभावित हो रहे हैं. वहीं, सोलन जिले में इसके चलते जिला की 246 पंचायतों में कार्य नहीं हुआ है.
इस कड़ी में जिला प्रशासन के माध्यम से हर जिले में कर्मचारियों को हड़ताल खत्म करने के आदेश जारी किए गए हैं, लेकिन कर्मचारियों ने सीधे शब्दों में हड़ताल बंद करने से इनकार कर दिया है. जिला परिषद कैडर महासंघ के प्रदेश उपाध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि सरकार से यह मांग पिछले कई सालों से की जा रही है, लेकिन अब तक पूरी नहीं की गई. सरकार जल्द उनकी मांगों को पूरा करे अन्यथा उन्हें शिमला सचिवालय के बाहर प्रदर्शन करने को मजबूर होना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि जहां तक हड़ताल खत्म करने का सवाल है ये हड़ताल जारी रहेगी जब तक लिखित आश्वासन कर्मचारियों को नहीं मिल जाता.
उन्होंने बताया कि विभिन्न पंचायतों में कार्यरत सचिव, कनिष्ठ अभियंता, तकनीकी सहायक (जिला परिषद कैडर अधिकारी/कर्मचारी) पिछले 22 वर्षों से ग्रामीण विकास विभाग या पंचायती राज विभाग में विलय की मांग उठा रहे हैं, लेकिन आज तक उनकी मांग पूरी नहीं हुई है. उन्होंने आरोप लगाया कि एक ही कार्यालय में बराबर के पदों पर कार्यरत अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए अलग-अलग पॉलिसी सरकार के सौतेले व्यवहार को दर्शाती है.
उन्होंने कहा कि हाल ही में ग्रामीण विकास विभाग या पंचायती राज विभाग के कर्मचारियों को छठे वेतनमान का लाभ मिला, लेकिन जिला परिषद कैडर के अधिकारी व कर्मचारी लाभ से वंचित हैं. उन्होंने कहा कि, 'हम कहने को पंचायतों के अधिकारी एवं कर्मचारी हैं, लेकिन उनका कोई भी इम्प्लाई कोड नहीं है, जिस कारण इस वर्ग को मेडिकल और पेंशन सहित अन्य लाभों से दूर रखा गया है.'
बता दें कि प्रशासन ने बुधवार को जिला परिषद कैडर के कर्मियों को पेन डाउन हड़ताल से वापस लौटने के आदेश जारी कर दिए थे. इसके लिए अतिरिक्त उपायुक्त जफर इकबाल ने महासंघ को नोटिस भेजा था. नोटिस में स्पष्ट किया गया था कि यदि कर्मचारी हड़ताल से वापस कार्य पर नहीं लौटते हैं तो उनके खिलाफ केंद्रीय नागरिक सेवाएं अधिनियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. इतना नहीं कर्मचारियों को वीरवार सुबह 10ः00 काम पर आने के लिए कहा गया था.
करसोग में पंचायत में नॉन एंप्लाइज का सर्टिफिकेट बनाने आई अलका को लौटना पड़ा खाली हाथ: जिला मंडी के तहत करसोग में जारी जिला परिषद कैडर के कर्मचारियों की कलम छोड़ हड़ताल अब आम जनता सहित बेरोजगारों पर भी भारी पड़ने लगी हैं. यहां विकासखंड चुराग के तहत वीरवार को अलका चौहान पत्नी प्रेम ठाकुर गांव नागड़ा ग्राम पंचायत चुराग नॉन एंप्लाइज का सर्टिफिकेट बनाने ग्राम पंचायत कार्यालय पहुंची थी, लेकिन यहां पहुंचने पर पता चला की पंचायत सचिव सहित जिला परिषद कैडर के तहत अन्य कर्मचारी कलम छोड़ हड़ताल पर बैठे हैं, ऐसे में अलका चौहान का सार्टिफिकेट नहीं बना और उसे निराश वापिस लौटना पड़ा.
13 जुलाई का जमा कराने हैं दस्तावेज: अलका चौहान ने हिमाचल स्टाफ सिलेक्शन कमीशन हमीरपुर (Himachal Staff Selection Commission Hamirpur) की ओर से वर्ष 2019 में आयोजित की गई जेबीटी की लिखित परीक्षा क्वालीफाई की है. ऐसे में 13 जुलाई को अब जरूरी दस्तावेज जमा करने की तारीख निर्धारित की गई है. जिसमें नॉन एंप्लाइज का भी एक सर्टिफिकेट पंचायत से भी बनना है, लेकिन पेन डाउन स्ट्राइक की वजह से सर्टिफिकेट नहीं बन सका. ये केवल अलका की परेशानी नहीं है, अन्य लोगों के जरूरी कार्य भी कलम छोड़ हड़ताल की वजह से लटक गए हैं. अलका चौहान ने बताया कि जेबीटी की लिखित परीक्षा क्वालीफाई की है. इसके लिए हमीरपुर में 13 जुलाई को नॉन एंप्लाइज का सर्टिफिकेट को जमा होना है, इसके लिए पंचायत आई थी, लेकिन यहां कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से सर्टिफिकेट नहीं बन पाया है.
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