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राज्यस्तरीय शूलिनी मेले में पहुंचना तो दूर बधाई तक देना भूल गए CM, टूटी बरसों पुरानी परपंरा

राज्यस्तरीय शूलिनी मेले की परंपरा है कि मां शूलिनी की पालकी को कंधा सूबे का मुखिया ही देता है. जिसके बाद शोभायात्रा को आगे बढ़ाया जाता है, लेकिन इस बार न राज्यपाल मेले में पहुंचे न ही मुख्यमंत्री.

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Published : Jun 23, 2019, 11:49 PM IST

सोलन: राज्यस्तरीय शूलिनी मेले की परंपरा है कि मां शूलिनी की पालकी को कंधा सूबे का मुखिया ही देता है. जिसके बाद शोभायात्रा को आगे बढ़ाया जाता है, लेकिन इस बार न राज्यपाल मेले में पहुंचे न ही मुख्यमंत्री.
मेले की बधाई तक देना भूले मुख्यमंत्री

अहम बात तो ये रही कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपने सोशल मीडिया अकॉउंट में कहीं भी मेले का जिक्र नहीं किया और न ही हिमाचल वासियों को मेले की बधाई दी. पहली बार ऐसा हुआ है कि कोई मुख्यमंत्री शूलिनी मेले की बधाई देना भूला हो.

cm jairam not involve in maa Shulini Mela
मां शूलिनी की पालकी.
मां शूलिनी मेले में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के न पहुंचने से शहरवासी मायूस हैं. मेले में सोलन की झोली खाली रह गई. शहर में किसी भी विकास योजना का इस बार शिलान्यास या उद्घाटन नहीं हो पाया. मुख्यमंत्री के आने से शहर की कई विकास योजनाओं को गति मिल सकती थी और जो योजनाएं पाइपलाइन में थी, उन्हें धरातल पर उतारा जा सकता था, लेकिन अब ये सब मुख्यमंत्री के आगामी दौरे तक टल गया है.

कांग्रेस विधानसभा चुनाव के बाद से ही सोलन की अनदेखी पर भाजपा को घेरती आई है. कांग्रेस का आरोप रहा है कि सत्ता में आने के बाद भाजपा ने सोलन शहर में न तो कोई उद्घघाटन और न ही कोई शिलान्यास किया है. मुख्यमंत्री 15 अप्रैल 2018 को डॉ. भीम राव अंबेडकर जयंती पर सोलन आए थे. इसी बीच उन्होंने यहां करीब 22 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास किया था, जिसमें कथेड़ में ट्रांसपोर्ट नगर की आधारशिला रखी थी.

cm jairam not involve in maa Shulini Mela
मां शूलिनी मेला.

कथेड़ में 171 वर्कशॉप बनाई जाएंगी और यहां उन लोगों को बसाए जाने की योजना है जो चंबाघाट में फोरलेन निर्माण की वजह से विस्थापित हुए हैं. जयराम ठाकुर ने सरकार के सौ दिन के एजेंडे की बात कही थी, लेकिन अभी तक ये मामला लटका हुआ है. उन्होंने सब्जी मंडी में कर्मचारी आवास, कैंटीन व पार्किंग की आधारशिला रखी थी, जिसका काम शुरू नहीं हो पाया है.इसके अलावा क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में चिकित्सकों के 10 पदों को भरने का भरोसा शहरवासियों को दिया था लेकिन अस्पताल में अभी भी चिकित्सकों की कमी चल रही है.

cm jairam not involve in maa Shulini Mela
मां शूलिनी मेला.

उपायुक्त विनोद कुमार का कहना है कि मुख्यमंत्री का शेड्यूल व्यस्त होने की वजह से वे मेले में नहीं आ पाए हैं. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के न आने की सूचना पहले ही दे दी गई थी.

सोलन: राज्यस्तरीय शूलिनी मेले की परंपरा है कि मां शूलिनी की पालकी को कंधा सूबे का मुखिया ही देता है. जिसके बाद शोभायात्रा को आगे बढ़ाया जाता है, लेकिन इस बार न राज्यपाल मेले में पहुंचे न ही मुख्यमंत्री.
मेले की बधाई तक देना भूले मुख्यमंत्री

अहम बात तो ये रही कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपने सोशल मीडिया अकॉउंट में कहीं भी मेले का जिक्र नहीं किया और न ही हिमाचल वासियों को मेले की बधाई दी. पहली बार ऐसा हुआ है कि कोई मुख्यमंत्री शूलिनी मेले की बधाई देना भूला हो.

cm jairam not involve in maa Shulini Mela
मां शूलिनी की पालकी.
मां शूलिनी मेले में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के न पहुंचने से शहरवासी मायूस हैं. मेले में सोलन की झोली खाली रह गई. शहर में किसी भी विकास योजना का इस बार शिलान्यास या उद्घाटन नहीं हो पाया. मुख्यमंत्री के आने से शहर की कई विकास योजनाओं को गति मिल सकती थी और जो योजनाएं पाइपलाइन में थी, उन्हें धरातल पर उतारा जा सकता था, लेकिन अब ये सब मुख्यमंत्री के आगामी दौरे तक टल गया है.

कांग्रेस विधानसभा चुनाव के बाद से ही सोलन की अनदेखी पर भाजपा को घेरती आई है. कांग्रेस का आरोप रहा है कि सत्ता में आने के बाद भाजपा ने सोलन शहर में न तो कोई उद्घघाटन और न ही कोई शिलान्यास किया है. मुख्यमंत्री 15 अप्रैल 2018 को डॉ. भीम राव अंबेडकर जयंती पर सोलन आए थे. इसी बीच उन्होंने यहां करीब 22 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास किया था, जिसमें कथेड़ में ट्रांसपोर्ट नगर की आधारशिला रखी थी.

cm jairam not involve in maa Shulini Mela
मां शूलिनी मेला.

कथेड़ में 171 वर्कशॉप बनाई जाएंगी और यहां उन लोगों को बसाए जाने की योजना है जो चंबाघाट में फोरलेन निर्माण की वजह से विस्थापित हुए हैं. जयराम ठाकुर ने सरकार के सौ दिन के एजेंडे की बात कही थी, लेकिन अभी तक ये मामला लटका हुआ है. उन्होंने सब्जी मंडी में कर्मचारी आवास, कैंटीन व पार्किंग की आधारशिला रखी थी, जिसका काम शुरू नहीं हो पाया है.इसके अलावा क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में चिकित्सकों के 10 पदों को भरने का भरोसा शहरवासियों को दिया था लेकिन अस्पताल में अभी भी चिकित्सकों की कमी चल रही है.

cm jairam not involve in maa Shulini Mela
मां शूलिनी मेला.

उपायुक्त विनोद कुमार का कहना है कि मुख्यमंत्री का शेड्यूल व्यस्त होने की वजह से वे मेले में नहीं आ पाए हैं. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के न आने की सूचना पहले ही दे दी गई थी.


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From: Ricky Yogesh <rickyyogesh000@gmail.com>
Date: Sun, Jun 23, 2019, 8:09 PM
Subject: राज्यस्तरीय शुलिनी मेले में पहुंचना तो दूर लेकिन बधाई देना भी भूले सूबे के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर
To: <rajneeshkumar@etvbharat.com>


राज्यस्तरीय शुलिनी मेले में पहुंचना तो दूर लेकिन बधाई देना भी भूले सूबे के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर

स्लग:-आखिर क्यों हुए सोलन वासी मायूस
मेले की बधाई देना भूले सूबे के मुखिया,
मुख्यमंत्री के नहीं आने से खाली रही झोली; न शिलान्यास न ही उद्घाटन


सोलन

पहली बार कुछ ऐसा हुआ, जिससे सोलनवासी हुए मायूस,
राज्यस्तरीय शुलिनी मेले की परंपरा है कि माँ शुलिनी की पालकी को कंधा सूबे का मुख्या देता है जिससे शोभायात्रा को आगे बढ़ाया जाता है,लेकिन इस बार ना राज्यपाल मेले में पहुंचे ना ही मुख्यमंत्री।

मेले की बधाई तक देना भूले मुख्यमंत्री:-
अहम बात तो यह रही कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपने सोशल मीडिया अकॉउंट में कहीं भी जिक्र नही किया है,ना ही हिमाचल वासियों को मेले की बधाई दी है।पहली बार ऐसा हुआ है कि कोई मुख्यमंत्री शुलिनी मेले की बधाई देना भूला हो



मुख्यमंत्री के नहीं आने से खाली रही झोली; न शिलान्यास न ही उद्घाटन
मां शूलिनी मेले में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नहीं पहुंचने से शहरवासी मायूस हैं। मेले में सोलन की झोली खाली रह गई। शहर में किसी भी विकास योजना का इस बार शिलान्यास या उद्घाटन नहीं हो पाया। मुख्यमंत्री के आने से शहर की कई विकास योजनाओं को गति मिल सकती थी। जो योजनाएं पाइपलाइन में थी, उन्हें धरातल पर उतारा जा सकता था। लेकिन अब यह सब मुख्यमंत्री के आगामी दौरे तक टल गई हैं। साथ ही कांग्रेस के हाथ भी बड़ा मुद्दे लग गया है। 

कांग्रेस का आरोप भाजपा सरकार कर रही सोलन की अनदेखी:-
कांग्रेस विधानसभा चुनाव के बाद से ही सोलन की अनदेखी पर भाजपा को घेरती आई है। कांग्रेस का यह भी आरोप रहा है कि सत्ता में आने के बाद भाजपा ने सोलन शहर में न तो कोई उद्घाटन किया और न ही कोई शिलान्यास सरकार कर पाई है। इससे सोलन शहर लगातार पिछड़ रहा है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर अधिकारिक रूप से 15 अप्रैल 2018 को डॉ. भीम राव अंबेडकर जयंती पर सोलन आए थे। उस दौरान उन्होंने यहां करीब 22 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास किया था। इसमें कथेड़ में ट्रांसपोर्ट नगर की आधारशिला रखी थी। 

कथेड़ में 171 वर्कशॉप बनाई जानी है। यहां उन लोगों को बसाए जाने की योजना है जो चंबाघाट में फोरलेन निर्माण की वजह से विस्थापित हुए हैं। उस समय जयराम ठाकुर ने सरकार के सौ दिन के एजेंडे की बात कही थी लेकिन अभी तक यह मामला लटका हुआ है। उन्होंने सब्जी मंडी में कर्मचारी आवास, कैंटीन व पार्किंग की आधारशिला रखी थी जिसका काम शुरू नहीं हो पाया है। मुख्यमंत्री ने उसी दौरे में क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में चिकित्सकों के 10 पदों को भरने का भरोसा शहरवासियों को दिया था लेकिन अस्पताल में अभी भी चिकित्सकों की कमी चल रही है। 

उधर, उपायुक्त विनोद कुमार का कहना है कि मुख्यमंत्री का शेड्यूल व्यस्त होने की वजह से वे मेले में नहीं आ पाए हैं। इसकी पूर्व में ही सूचना दे दी गई है।

फ़ाइल फोटो:-शुलिनी माता,शोभायात्रा
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