सोलन: देवभूमि में प्रत्येक व्यक्ति को जीवन देने और लोगों के जीवन की रक्षा करने वाली जीवनदायिनी 108 एंबुलेंस सेवा (108 ambulance service in himachal) ने हिमाचल में 11 साल का सफर पूरा कर लिया (108 ambulance service 11 years) है. प्रत्येक नागरिक को जीवन रक्षा का अधिकार प्रदान करने के व्यापक मिशन में शामिल हो कर अग्रणी रहन वाली जीवीके ईएमआरआई ने हिमाचल प्रदेश सरकार के साथ सार्वजनिक एवं निजी भागीदारी के तहत हिमाचल प्रदेश में 108 नेशनल एंबुलेंस सर्विस की शरुआत 25 दिसंबर 2010 को की थी और समस्त हिमाचल प्रदेश में सफलतापूर्वक सेवाएं प्रदान कर रही है.
108 एंबुलेंस सेवा के तहत हर 35 सेकेंड में 1 कॉल का जवाब दिया जाता है. हर चौथे मिनट में 1 एंबुलेंस डिस्पैच होती है. हर चौथे मिनट में 1 आपातकालीन मामला दर्ज होता है, हर 15 घंटे में आपात में फंसी 1 जिंदगी का बचाव किया जाता (11 Years of 108 in himachal) है. हर दिन 386 आपातकालीन कॉल का जवाब दिया जाता है. वहीं, हर 8वें घंटे 108 के स्टाफ की निगरानी में नई जिंदगी का जन्म होता (himachal pradesh 108 ambulance service) है.
11 सालों में 15,49,375 आपातकालीन मामलों का किया गया निपटारा: हिमाचल प्रदेश में 204 एंबुलेंसों के साथ 108 नेशनल एंबुलेंस सर्विस ने पिछले 11 साल के दरम्यान कुल 15,49,375 आपातकालीन मामलों का निवारण किया है. जिनमें 15,49,375 चिकित्सा संबंधी मामले, 34,632 पुलिस संबंधित मामले एवं 8,647 अग्नि संबंधित मामलों का सफलतापूर्वक निवारण कर प्रदेश की जनता को राहत पहुंचाई है.
गर्भवती महिलाओं और सड़क दुर्घटनाओं के मामलों में वरदान साबित हुई है 108: यह सेवा गर्भवती महिलाओं तथा सड़क दुर्घटनाओं से संबंधित आपातकालीन मामलों में एक वरदान सिद्ध हुई है. 25 दिसंबर 2010 से अब तक 3,12,381 गर्भ संबंधी केस 108 आपातकालीन प्रबंधन केंद्र (ईआरसी) दर्ज किए गए हैं. इस कार्यकाल के दौरान 108 में कार्यरत कुशल इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन ने 12,947 से अधिक सफल प्रसव करवाएं हैं और कुल 82,569 सड़क दुर्घटनाओं में दुर्घटना ग्रस्त लागों को आपातकालीन सेवा प्रदान की है तथा उन्हें सफलता पूर्वक प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों में अब तक भर्ती करवाया है.
प्रतिदिन औसतन 2468 कॉल्स की जाती है दर्ज: आपातकालीन प्रबंधन केंद्र पर की गई कोई भी कॉल जान बचाने जैसी आपातकालीन कॉल के रूप में ली जाती है. सोलन स्थित आपातकालीन प्रबंधन केन्द्र में प्रतिदिन औसतन 2468 कॉल दर्ज की जाती है. जिनमें से 99 प्रतिशत कॉल का तत्क्षण उत्तर दिया जाता है. एंबुलेंस भेजने की इस प्रक्रिया में कोई त्रुटि न रह जाए यह सुनिश्चित करने के लिए प्रबंधन केंद्र में कार्यरत आपातकालीन प्रतिक्रिया अधिकारी तथ्यों को एकत्रित करता है.
हर एंबुलेंस होती है GPS यंत्र से लैस: हर एंबुलेंस एक GPS यंत्र से लैस होती है जिसके परिणामस्वरूप नजदीकी वाहन को गूगल मैप (GOOGLEMAP) में देखकर नजदीकी एंबुलेंस को जल्द से जल्द घटनास्थल पर भेजता है, जिसके परिणामस्वरूप पीडित को 'Golden Hour' के भीतर उचित अस्पताल में लाया जाता है, जोकि हिमाचल में सतत विकास लक्ष्यों (Sustainable Development Goals) को पूरा करने में सहायक सिद्ध हुई है.
कोरोना काल में वरदान साबित हुई है 108 आपातकालीन सेवा: एंबुलेंस को घटनास्थल पर भेजने की पूरी प्रक्रिया केवल 87 सेकेंड में ही पूर्ण कर ली जाती है. दुर्गम और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों वाले इस प्रदेश में ऐसी सेवाएं प्रदान करना अपने आप में बहुत बड़ी चुनौती है. यह सेवा बाहरी इलाकों में औसतन 13 मिनट व 35 सेकेंड और ग्रामीण इलाकों में 38 मिनट व 49 सेकेंड के भीतर पहुंचकर जरूरी उपचार देकर विश्व में स्थापित 'Golden Hour' के कॉन्सेप्ट को पूर्ण करने में सफल रही है. 108 आपातकालीन सेवा COVID- 19 के मुश्किल वक्त में प्रदेशवासियों के लिए आशा और विश्वास की एक सच्ची साधी बनी हुई है. यह सेवा प्रदेशवासियों के लिए कोविड-19 के मुश्किल दौर में निःसंदेह एक वरदान सिद्ध हुई है.
अब तक 108 ने संभाले 44,745 कोरोना मामले: 108 आपातकालीन सेवा द्वारा संभाले गये कोविड-19 (Suspected/Confirmed) संबंधी 44,745 आपातकालीन मामलों का अब तक का जिलावार ब्यौरा- (Data period-1 March 2020 to 25th December 2021), 108 एंबुलेंस द्वारा अब तक सबसे अधिक कोविड-19 संबंधी केस जिला उना में 9121 (20%) उसके बाद जिला कांगड़ा में 6763 (15%), जिला सोलन में 5637(13%), जिला मंडी में 5044 (11%) और जिला शिमला में 3947 (9%) किए गए तथा हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिले (Tribal Districts of Himachal Pradesh) किन्नौर में 337 तथा लाहौल-स्पीति में 521 कोविड-19 संबंधी केस किए. अब तक 108 एंबुलेंस सेवा द्वारा जो भी कोविड-19 संबंधी केस निपटाए गए उनमें 65 % पुरुष थे तथा 35 % महिला है.
ये बोले जीवीके ईएमआरआई के स्टेट हेड: वहीं, 11 साल पूरे होने पर मेहूल सुकुमारन स्टेट हेड, जीवीके ईएमआरआई, ने हिमाचल प्रदेश ने समस्त जीवीके टीम को इस उपलब्धि पर बधाई दी व साथ ही उन्होंने कहा कि हम हिमाचल प्रदेश सरकार एवं एन.एच.एम., मुख्य चिकित्सा अधिकारियों तथा जिला चिकित्सा अधिकारियों का कोविड-19 के दौरान निरंतर सहयोग प्रदान करने के लिए सादर आभारी है. उन्होंने कहा कि 108 एंबुलेंस सेवा के कर्मचारी पूर्णरूप से निपुण हैं और वह किसी भी प्रकार की आपातकालीन स्थिति को सफलतापूर्वक निपटाने में सक्षम है.
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