शिमला: होटलों में साफ और पौष्टिक भोजन परोसने के साथ ही खाने को व्यर्थ ना फेंका जाए, इसलिए विशेष योजना बनाना जरूरी है. ये बात टूरिज्म इंडस्ट्री स्टेक होल्डर्स की ओर से फूड सेफ्टी सुपरविजन पर आयोजित 3 दिवसीय कार्यशाला के समापन पर विशेषज्ञों ने कही.
कार्यशाला में किस तरह का खाना होटल्स, रेस्टोरेंट और फूड वेंडर्स को बनना, साफ सफाई व पौष्टिकता को किस तरह से ध्यान में रखना, नियमों का उल्लंघन करने पर किस तरह की सजा का प्रावधान है इस पर सारी जानकारी दी गई. इसके अलावा कार्यशाला में इस बात पर भी चर्चा की गई की जो भी खाना होटलों, रेस्टोरेंट में बचता है वो खाना गरीबों में बांटा जाना चाहिए. कार्यशाला में स्ट्रीट फूड क्लीनिंग पर भी ध्यान दिया गया और बताया गया कि सबसे पहले स्ट्रीट फूड वेंडर्स को इस बात की शिक्षा देना जरूरी है कि किस तरह से साफ-सुथरा खाना बनाकर परोसा जाए.
आर.डी धीमान ने बताया कि साफ-सुथरा खाना आज की आवश्यकता है और जो खाना बच जाता है उसे फेंकने के बजाए गरीबों में बांटा जाना चाहिए. वहीं निदेशक एन.के लट्ठ ने कहा कि भारतीय खाद्य सुरक्षा व मानक प्राधिकरण में अब होटलों के लिए नए निर्देश दिए गए हैं, जिसके तहत खाद्य व्यवसाय से जुड़े होटलों और स्ट्रीट फूड वेंडर्स को भी साफ-सुथरा खाना देना होगा.
कार्यशाला का आयोजन करने वाले टूरिस्ट इंडस्ट्री स्टैक होल्डर्स के अध्यक्ष मोहिंद्र सेठ ने कहा कि इस कार्यशाला में फूड सेफ्टी एक्ट 2006 के तहत जागरूकता होटल व्यवसायियों के साथ ही रेस्टोरेंट व्यवसायियों ने भी भाग लिया. उन्होंने कहा कि अभी ये पहला चरण है आगामी समय ने इस मुहिम के साथ स्ट्रीट फूड वेंडर्स को भी शामिल किया जाएगा.
बता दें कि तीन दिवसीय कार्यशाला जिसका समापन बुधवार को हुआ, जिसमें 196 होटल व्यवसाय से जुड़े लोगों ने भाग लिया. कार्यशाला के समापन पर अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य केन्द्र आरडी धीमान बतौर मुख्यातिथि के रुप में मौजूद रहे.