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'होटलों में बने साफ और पौष्टिक भोजन, बचा हुआ खाना गरीबों में बंटे' - हिमाचल न्यूज

टूरिज्म इंडस्ट्री स्टेक होल्डर्स की ओर से आयोजित फूड सेफ्टी सुपरविजन पर आयोजित 3 दिवसीय कार्यशाला के समापन पर रेस्टोरेंट और फूड वेंडर्स को खाना बनना, साफ सफाई व पौष्टिकता को किस तरह से ध्यान में रखना, नियमों का उल्लंघन करने पर किस तरह की सजा का प्रावधान के बारे में जानकारी दी गई.

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Published : Sep 4, 2019, 9:22 PM IST

शिमला: होटलों में साफ और पौष्टिक भोजन परोसने के साथ ही खाने को व्यर्थ ना फेंका जाए, इसलिए विशेष योजना बनाना जरूरी है. ये बात टूरिज्म इंडस्ट्री स्टेक होल्डर्स की ओर से फूड सेफ्टी सुपरविजन पर आयोजित 3 दिवसीय कार्यशाला के समापन पर विशेषज्ञों ने कही.

कार्यशाला में किस तरह का खाना होटल्स, रेस्टोरेंट और फूड वेंडर्स को बनना, साफ सफाई व पौष्टिकता को किस तरह से ध्यान में रखना, नियमों का उल्लंघन करने पर किस तरह की सजा का प्रावधान है इस पर सारी जानकारी दी गई. इसके अलावा कार्यशाला में इस बात पर भी चर्चा की गई की जो भी खाना होटलों, रेस्टोरेंट में बचता है वो खाना गरीबों में बांटा जाना चाहिए. कार्यशाला में स्ट्रीट फूड क्लीनिंग पर भी ध्यान दिया गया और बताया गया कि सबसे पहले स्ट्रीट फूड वेंडर्स को इस बात की शिक्षा देना जरूरी है कि किस तरह से साफ-सुथरा खाना बनाकर परोसा जाए.

आर.डी धीमान ने बताया कि साफ-सुथरा खाना आज की आवश्यकता है और जो खाना बच जाता है उसे फेंकने के बजाए गरीबों में बांटा जाना चाहिए. वहीं निदेशक एन.के लट्ठ ने कहा कि भारतीय खाद्य सुरक्षा व मानक प्राधिकरण में अब होटलों के लिए नए निर्देश दिए गए हैं, जिसके तहत खाद्य व्यवसाय से जुड़े होटलों और स्ट्रीट फूड वेंडर्स को भी साफ-सुथरा खाना देना होगा.

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कार्यशाला का आयोजन करने वाले टूरिस्ट इंडस्ट्री स्टैक होल्डर्स के अध्यक्ष मोहिंद्र सेठ ने कहा कि इस कार्यशाला में फूड सेफ्टी एक्ट 2006 के तहत जागरूकता होटल व्यवसायियों के साथ ही रेस्टोरेंट व्यवसायियों ने भी भाग लिया. उन्होंने कहा कि अभी ये पहला चरण है आगामी समय ने इस मुहिम के साथ स्ट्रीट फूड वेंडर्स को भी शामिल किया जाएगा.

बता दें कि तीन दिवसीय कार्यशाला जिसका समापन बुधवार को हुआ, जिसमें 196 होटल व्यवसाय से जुड़े लोगों ने भाग लिया. कार्यशाला के समापन पर अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य केन्द्र आरडी धीमान बतौर मुख्यातिथि के रुप में मौजूद रहे.

शिमला: होटलों में साफ और पौष्टिक भोजन परोसने के साथ ही खाने को व्यर्थ ना फेंका जाए, इसलिए विशेष योजना बनाना जरूरी है. ये बात टूरिज्म इंडस्ट्री स्टेक होल्डर्स की ओर से फूड सेफ्टी सुपरविजन पर आयोजित 3 दिवसीय कार्यशाला के समापन पर विशेषज्ञों ने कही.

कार्यशाला में किस तरह का खाना होटल्स, रेस्टोरेंट और फूड वेंडर्स को बनना, साफ सफाई व पौष्टिकता को किस तरह से ध्यान में रखना, नियमों का उल्लंघन करने पर किस तरह की सजा का प्रावधान है इस पर सारी जानकारी दी गई. इसके अलावा कार्यशाला में इस बात पर भी चर्चा की गई की जो भी खाना होटलों, रेस्टोरेंट में बचता है वो खाना गरीबों में बांटा जाना चाहिए. कार्यशाला में स्ट्रीट फूड क्लीनिंग पर भी ध्यान दिया गया और बताया गया कि सबसे पहले स्ट्रीट फूड वेंडर्स को इस बात की शिक्षा देना जरूरी है कि किस तरह से साफ-सुथरा खाना बनाकर परोसा जाए.

आर.डी धीमान ने बताया कि साफ-सुथरा खाना आज की आवश्यकता है और जो खाना बच जाता है उसे फेंकने के बजाए गरीबों में बांटा जाना चाहिए. वहीं निदेशक एन.के लट्ठ ने कहा कि भारतीय खाद्य सुरक्षा व मानक प्राधिकरण में अब होटलों के लिए नए निर्देश दिए गए हैं, जिसके तहत खाद्य व्यवसाय से जुड़े होटलों और स्ट्रीट फूड वेंडर्स को भी साफ-सुथरा खाना देना होगा.

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कार्यशाला का आयोजन करने वाले टूरिस्ट इंडस्ट्री स्टैक होल्डर्स के अध्यक्ष मोहिंद्र सेठ ने कहा कि इस कार्यशाला में फूड सेफ्टी एक्ट 2006 के तहत जागरूकता होटल व्यवसायियों के साथ ही रेस्टोरेंट व्यवसायियों ने भी भाग लिया. उन्होंने कहा कि अभी ये पहला चरण है आगामी समय ने इस मुहिम के साथ स्ट्रीट फूड वेंडर्स को भी शामिल किया जाएगा.

बता दें कि तीन दिवसीय कार्यशाला जिसका समापन बुधवार को हुआ, जिसमें 196 होटल व्यवसाय से जुड़े लोगों ने भाग लिया. कार्यशाला के समापन पर अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य केन्द्र आरडी धीमान बतौर मुख्यातिथि के रुप में मौजूद रहे.

Intro:होटलों में साफ सुथरा ओर पौष्टिक भोजन परोसने के साथ ही खाने को व्यर्थ ना फैंका जाए इसके लिए कोई विशेष योजना बनाई जानी जरूरी है। यह बात शिमला में फ़ूड सेफ्टी सुपरविजन पर आयोजित 3 दिवसीय कार्यशाला में निकल कर आई है। इस कार्यशाला का आयोजन टूरिज्म इंडस्ट्री स्टेक होल्डर्स की ओर से हेल्थ सेफ्टी एंड रेगुलेशन विभाग के सहयोग से आयोजित की गई। इस तीन दिवसीय कार्यशाला जिसका समापन बुधवार को हुआ उसमें 196 होटल व्यवसाय से जुड़े लोगों ने भाग लिया। कार्यशाला के समापन अवसर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य आरडी धीमान बतौर मुख्यातिथि उपस्थित रहे। वहीं फ़ूड सेफ्टी निदेशक एन.के लट्ठ भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।


Body:कार्यशाला में किस तरह का खाना होटलों, रेस्टोरेंट ओर फ़ूड वेंडर्स को बनना चाहिए। उसमें साफ सफाई और पौष्टिकता के किस तरह से ध्यान रखा जाना चाहिए। नियमों का उल्लंघन करने पर किस तरह की सज़ा का प्रावधान फ़ूड सेफ्टी एक्ट के तहत है इस बारे में पूरी जानकारी दी गईं। कार्यशाला में इस बात पर भी चर्चा की गई की जो भी खाना होटलों,रेस्टोरेंट में बच जाता है वह खाना गरीबों में बांटा जा सके इसके लिए कोई योजना बनाई जानी चाहिए। कार्यशाला में स्ट्रीट फूड क्लीनिंग पर भी ध्यान दिया गया। इस दौरान कहा गया की सबसे पहले तो स्ट्रीट फूड वेंडर्स को इस बात की शिक्षा देना जरूरी है कि किस तरह से साफ सुथरा खाना बनाकर परोसा जाए। कार्यशाला में उपस्थित आर.डी धीमान ने कहा कि साफ सुथरा खाना आज की आवश्यकता है। इसके साथ ही जो खाना बच जाता है उसे फैंकने के बजाए गरीबों में बांटा जाना चाहिए। वहीं निदेशक एन.के लट्ठ ने कहा कि भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण में अब होटलो के लिए नए निर्देश दिए है । निर्देशों के तहत खाद्य व्यवसाय से जुड़े होटलों ओर स्ट्रीट फूड वेंडर्स को भी साफ सुथरा खाना देने के निर्देश जारी किए गए है। इसी को लेकर कार्यशाला में इन सब बातों को लेकर जागरूक किया गया है।


Conclusion:कार्यशाला का आयोजन करने वाले टूरिस्ट इंडस्ट्री स्टैक होल्डर्स के अध्यक्ष मोहिंद्र सेठ ने कहा कि इस कार्यशाला में फ़ूड सेफ्टी एक्ट 2006 के तहत जागरूकता होटल व्यवसायियों के साथ ही रेस्टोरेंट व्यवसायियों ने भी भाग लिया। उन्होंने कहा कि अभी यह पहला चरण है आगामी समय ने इस मुहिम के साथ स्ट्रीट फूड वेंडर्स को भी शामिल कर उन्हें भी साफ भोजन परोसने के साथ ही फ़ूड सेफ्टी एक्ट के बारे में जानकारी दी जाएगी।
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