शिमलाः प्रदेश के शीतकालीन स्कूलों को आज छात्रों की नियमित कक्षाओं के लिए खोल दिया गया है. सभी स्कूलों को आज तय आदेशों के तहत 5वीं से लेकर 12वीं कक्षा तक के छात्रों के लिए खोल दिया है.
स्कूल खुलने पर जो छात्र-छात्राएं स्कूल पहुंचे वह बेहद खुश और उत्साहित नजर आए. तय एसओपी का पालन करते हुए स्कूलों को खोला गया है और स्कूल प्रबंधन की ओर से भी सभी तरह के इंतजाम एसओपी के आधार पर ही किए गए हैं.
तय आदेशों के तहत आज शिमला में भी स्कूल खुले और छात्र अपनी कक्षाएं लगाने के लिए स्कूल पहुंचे. शिमला के राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक मॉडल पाठशाला पोर्टमोर में भी छात्राएं अपनी कक्षाएं लगाने के लिए स्कूल पहुंची. स्कूल प्रबंधन की ओर से छात्राओं की संख्या ज्यादा होने की वजह से आज पहले दिन नौंवी, दसवीं और 12वीं की छात्राओं को ही स्कूल में बुलाया गया था.
सोशल डिस्टेंसिंग का पालन
जो भी छात्राएं स्कूल पहुंची उन्हें स्कूल गेट पर ही थर्मल स्कैनिंग और हाथ सेनिटाइज करने के बाद प्रवेश दिया गया. कक्षाओं में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा सके, इसके लिए भी पूरा सिटिंग प्लान उसी तरह से तैयार किया गया था. वहीं, पहले ही दिन स्कूल खुलने पर छात्राओं के चेहरे पर भी खुशी नजर आई.
एक साल के बाद खुले स्कूल
छात्राओं ने बताया कि एक साल के बाद ही स्कूल खुले हैं तो उन्हें स्कूल आ कर बेहद अच्छा लग रहा है. उन्हें स्कूल खुलने का इंतजार था. भले ही पढ़ाई ऑनलाइन भी हो रही थी और शिक्षक बेहद ही अच्छे तरीके से उन्हें पढ़ा रहे थे, लेकिन नेटवर्क की दिक्कतों का चलते काफी परेशानी झेलनी पड़ रही थी.
कैंपस और क्लासरूम को सेनिटाइज
वहीं, स्कूल के प्रिंसिपल नरेंद्र सूद ने बताया कि स्कूल को खोलने से पहले कैंपस और क्लासरूम को सेनिटाइज करने की प्रक्रिया को पूरा किया गया था. स्कूल में छात्राओं की संख्या ज्यादा है, ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके.
इस क्लास की छात्राएं कल आएगी स्कूल
कल छठी, सातवीं, आठवीं और ग्यारहवीं कक्षा की छात्राएं स्कूल आएंगी. उन्होंने कहा कि अगले कुछ दिनों में व्यवस्था देखी जाएगी. सब ठीक रहा तो सभी कक्षाओं को एक साथ स्कूल में लगाया जाएगा. उन्होंने बताया कि आज पहले ही दिन मात्र 35 फीसदी के करीब ही छात्राएं स्कूल आई है, लेकिन अब यह जरूरी है कि सभी छात्राएं नियमित कक्षाएं लगाने स्कूल आए, ताकि परीक्षाओं से पहले उनके जो विषय कमजोर है या समझ नहीं आए है तो शिक्षकों के साथ कक्षाओं में वह अपने डाउट क्लीयर कर सकें.
यह नियम किए गए है तय
प्रदेश में 1 फरवरी से ग्रीष्मकालीन स्कूलों को छात्रों की नियमित कक्षाओं के लिए खोला गया था, तो आज से शीतकालीन स्कूलों को भी आज से खोल दिया गया है. सरकार और विभाग की ओर से जो एसओपी तय की गईं है. उसके तहत छात्रों पर स्कूल आने पर कोई दवाब नहीं बनाया जाएगा ना हाजरी अनिवार्य रहेगी. ऑनलाइन पढ़ाई भी जारी रहेगी. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के साथ ही सभी छात्रों,शिक्षकों ओर कर्मचारियों को मास्क पहनना अनिवार्य है.
स्कूल में नहीं होगी प्रार्थना सभा
ना तो स्कूल में प्रार्थना सभा होगी,ना ही कोई आयोजन होगा. वहीं जिन छात्रों में सर्दी, जुखाम और बुखार के लक्षण है. उन्हें स्कूल में प्रवेश नहीं दिया जाएगा और इन बच्चों को स्कूल ना भेजने की अपील अभिभावकों से भी की गई है.
इसके साथ ही अगर किसी स्कूल में कोई भी कोरोना पॉजिटिव का मामला सामने आता है तो उस स्कूल को जिला प्रशासन की अनुमति से 48 घंटों तक के लिए बंद करके सेनिटाइज किया जाएगा, जिसके बाद स्कूल दोबारा नियमित कक्षाओं के लिए खुलेंगे.
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