शिमला: एप्पल स्टेट हिमाचल (apple state himachal) में आम बागवान ही नहीं वीवीआईपी भी सेब के प्यार में गिरफ्तार हैं. मंडी में सीएम जयराम ठाकुर का अपने गृह क्षेत्र में बागीचा है तो बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर का बागीचा करसोग में है. हिमाचल के अधिकांश राजनेताओं ने सेब बागवानी (apple orchard in himachal) में शौक दिखाया है. कई नेताओं के पास पुश्तैनी बाग हैं तो कुछ ने बाद में जमीन खरीदकर बागीचे (vvip apple gardener of himachal) तैयार किए. हिमाचल में भाजपा, कांग्रेस और माकपा से जुड़े नेताओं के भी अपने बागीचे हैं. यही नहीं हिमाचल की ब्यूरोक्रेसी भी बागवानी से जुड़ी है.
बड़ी बात यह है कि शिमला में छराबड़ा स्थित राष्ट्रपति के ग्रीष्मकालीन निवास रिट्रीट के पास बागीचे में सेब के पौधे (apple garden in president house) लगाए गए हैं. यहीं आसपास कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की बेटी प्रियंका वाड्रा (priyanka vadra house himachal) का मकान है. प्रियंका ने भी कुछ सेब के पौधे लगाए हैं. इस तरह कहा जा सकता है कि हिमाचल में बागवान भी वीवीआईपी हैं और वीवीआईपी बागवान भी हैं. इस कड़ी में नामी डॉक्टर भी शामिल हैं. आइए, हिमाचल में सेब के इस वीवीआईपी कल्चर के रोचक पहलुओं के बारे में जानते हैं.
पहाड़ी राज्य हिमाचल में हर साल चार हजार करोड़ से अधिक का सेब कारोबार (himachal apple bussiness) होता है. 100 साल से ज्यादा के सेब उत्पादन के सफर में हिमाचल ने कई आयाम छुए हैं. शिमला जिला में राज्य में सबसे अधिक सेब (apple production in shimla) होता है. राज्य में हर साल तीन से चार करोड़ पेटी सेब की पैदावार होती है. हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का परिवार बागवानी से जुड़ा (cm jairam owned apple orchard) है. सीएम की माता ब्रिकमू देवी उम्र के इस पड़ाव में भी सेब बागवानी का गहरा शौक रखती हैं. कुछ समय पहले शिमला से युवा बागवानों का एक दल मुख्यमंत्री के गांव पहुंचा तो ब्रिकमू देवी ने उनसे सेब की लेटेस्ट किस्मों के बारे में उत्सुकता से पूछा. मुख्यमंत्री के बड़े भाई वीर सिंह ठाकुर भी अपने बागीचे को संवारने के लिए टिप्स लेने को ऊपरी शिमला के बागवानों के पास गए थे.
हिमाचल के मौजूदा बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर का बागीचा भी काफी बड़ा है. दिलचस्प बात है कि महेंद्र सिंह ठाकुर अपने बागीचे के सेब दिल्ली में भाजपा व कांग्रेस के अपने मित्र नेताओं को हर साल बिना नागा भेजते हैं. पूर्व में बागवानी मंत्री रहे स्व. नरेंद्र बरागटा के परिवार के पास भी विशाल बागीचा है. जिन नेताओं के सेब बागीचे हैं उनमें पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता स्व. वीरभद्र सिंह, कांग्रेस की वरिष्ठ नेता विद्या स्टोक्स, पूर्व मंत्री मनसा राम, पूर्व मुख्यमंत्री स्व. रामलाल ठाकुर के परिजन और विधायक रोहित ठाकुर, कांग्रेस के बड़े नेता स्व. जेबीएल खाची, विधायक नंदलाल ठाकुर, विधायक सुंदर ठाकुर, पूर्व मंत्री स्व. राज कृष्ण गौड़, पूर्व मंत्री स्व. कर्ण सिंह ठाकुर, विधायक जगत सिंह नेगी, पूर्व विधायक रवि ठाकुर, विधायक मोहन लाल ब्राक्टा, पूर्व विधायक मस्त राम, कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप राठौर और रजनीश किमटा सहित कई पदाधिकारियों के पास पुश्तैनी बाग हैं. विद्या स्टोक्स का परिवार तो हिमाचल में सेब का संस्थापक परिवार का गौरव हासिल किए हुए हैं.
वहीं, भाजपा नेताओं के पास भी अपने विशालकाय सेब के बाग हैं. मुख्यमंत्री और बागवानी मंत्री के अलावा पूर्व सांसद महेंश्वर सिंह ठाकुर, शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर, विधायक बलवीर वर्मा, पूर्व विधायक स्व. राकेश वर्मा, पूर्व विधायक तेजवंत नेगी, पूर्व विधायक खुशी राम बालनाहटा, पर्व मंत्री खिम्मी राम शर्मा, विधायक सुरेंद्र शौरी सहित कई नाम ऐसे हैं जो बागवानी में रुचि रखते हैं. वहीं, माकपा विधायक राकेश सिंघा और शिमला के पूर्व मेयर संजय चौहान भी कुशल बागवान हैं.
हिमाचल सरकार में बड़े आईएएस अफसर भी बागीचों के मालिक हैं. पूर्व मुख्य सचिव पार्थसारथी मित्रा, वीसी फारका और पूर्व मुख्य सचिव अनिल खाची, पूर्व आईएएस एसकेबीएस नेगी के पास भी बागीचे हैं. इसके अलावा आईएएस अफसर नरेंद्र चौहान, आईएएस जगदीश चंद्र शर्मा, सुदेश मोक्टा सहित कई बड़े अफसर सेब बागानों के मालिक हैं.
हिमाचल के कई बड़े डॉक्टर्स भी सेब उत्पादन से जुड़े हैं. आईजीएमसी अस्पताल के सर्जरी डिपार्टमेंट के प्रोफेसर और विख्यात सर्जन आरएस झोबटा, आईजीएमसी अस्पताल के पूर्व एमएस और स्वास्थ्य विभाग के उप निदेशक डॉ. रमेश चंद, आईजीएमसी अस्पताल के पूर्व एमएस स्व. डॉ. हरदयाल चौहान, आईजीएमसी अस्पताल के चर्मरोग विशेषज्ञ डॉ. जीके वर्मा, आर्थो सर्जन लोकेंद्र रॉकी, डॉ. अमन मधैक आदि कई नामी डॉक्टर्स बागवानी में भी कुशल हैं. इसके अलावा मीडिया जगत से जुड़े लोगों के पास भी अपने बागीचे हैं.
हिमाचल प्रदेश में शिमला, मंडी, कुल्लू, किन्नौर, लाहौल स्पीति, चंबा में सेब होते हैं. पूरे राज्य का 80 फीसदी सेब शिमला जिला में होता है. पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के दिग्गज नेता शांता कुमार ने सेब से आई समृद्धि पर कहा था कि ऊपरी शिमला में आलिशान मकानों की छतें चांदी की तरह चमकती हैं. सेब ने हिमाचल के बागवानों को समृद्ध बनाया है.
सेब के कारण शिमला के दो गांव क्यारी और मड़ावग एशिया के सबसे अमीर गांव में शुमार (asia richest village in himachal) रहे. हिमाचल में कुल फल क्षेत्र का 49 फीसदी सेब उत्पादन के खाते में दर्ज है. वर्ष 1950-51 में हिमाचल में 400 हेक्टेयर में सेब उगाया जाता था. अब यह बढ़कर सवा लाख हेक्टेयर के करीब पहुंचने वाला है. बागावनी मंत्री महेंद्र ठाकुर का कहना है कि राज्य सरकार एचपी शिवा प्रोजेक्ट (shiva project of himachal government) के जरिए प्रदेश में बागवानी की तस्वीर को बदलेगी.