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जेसीसी की बैठक में सरकार ने कर्मचारियों के साथ किया छल: वीरेंद्र चौहान

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Published : Nov 27, 2021, 8:40 PM IST

प्रदेश सरकर ने जेसीसी की बैठक में पे स्केल देने की जो घोषणा की (Meeting Of JCC in Shimla) है, उसका हिमाचल राज्य अध्यापक संघ के अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने कड़ा विरोध किया (CM Jairam Thakur in JCC Meeting) है. वीरेंद्र चौहान का कहना है कि सरकार ने कर्मचारियों के साथ छल (Himachal State Teachers Association on JCC) किया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने जो अनुबंध का समय कम किया है, वह कर्मचारियों की मांग नहीं थी, जबकि जेसीसी की बैठक में कर्मचारियों की सभी मांगों को दरकिनार किया गया है.

Virendra Chauhan on JCC
जेसीसी पर वीरेंद्र चौहान

शिमला: प्रदेश सरकर ने जेसीसी की बैठक में पे स्केल देने की जो (JCC Meeting Shimla) घोषणा की है, उसका हिमाचल राज्य अध्यापक संघ के अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने कड़ा विरोध किया है. वीरेंद्र चौहान का कहना है कि सरकार ने कर्मचारियों के साथ छल किया है. उन्होंने कहा कि जो पे स्केल जो 2016 से दिया है, सरकार बताए की वह पे स्केल पंजाब के स्तर पर है या केंद्र के. उन्होंने कहा कि सरकार ने जो अनुबंध का समय कम किया है, वह (CM Jairam Thakur in JCC Meeting) कर्मचारियों की मांग नहीं थी.

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर बैठक में आए और 2 मिनट में घोषणा करके चले गए. यदि सरकार को वेतनमान ही देना था, तो जेसीसी की बैठक बुलाने की क्या जरूरत थी? उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम यह घोषणा कैबिनेट के दौरान भी कर सकते थे. लेकिन उन्होंने जेसीसी बुलाई और उसमें सिर्फ यही घोषणा की. उन्होंने कहा कि सरकार ने जो अनुबंध का समय कम किया है, वह कर्मचारियों की मांग नहीं थी. यह सरकार का विजन डॉक्यूमेंट था (Vision document Jairam Government) और इसकी घोषणा उसी दिन कर देनी चाहिए थी, जिस दिन सीएम जयराम ने शपथ ली थी. उन्होंने कहा कि सीएम ने जीसीसी में यह घोषणा कर कर्मचारियों के साथ छल किया है.

ये भी पढे़ं: मिशन रिपीट के लिए जयराम को हाईकमान की 'जय श्रीराम', CM पर कायम है नड्डा का भरोसा

वीरेंद्र चौहान ने कहा कि जेसीसी की बैठक में एक एजेंडा दिया जाता है और एजेंडे पर चर्चा होती है, लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि उनकी मांगों में 4-9-14 के टाइम स्केल को दोबारा से बहाल करना और इस संदर्भ में रूल 2009 की अधिसूचना के साथ जो छेड़छाड़ दिनांक 26 -2-013 एवं 7-7- 20 14 तथा 9-9-2014 की अधिसूचना के द्वारा की गई है, इन उपरोक्त तीनों अधिसूचनाओं को वापस लेकर वास्तविक 4-9-14 टाइम स्केल को बहाल करना है.

वीडियो.

उन्होंने कहा कि इसके अलावा सभी आउटसोर्स कर्मचारियों को पॉलिसी बनाकर नियमित करना (Outsource employees Himachal Pradesh), एसएमसी शिक्षकों के लिए पॉलिसी बनाना ,15 वर्षों तक पदोन्नति नहीं होने की स्थिति पर सभी शिक्षकों एवं कर्मचारियों को दो विशेष वेतन वृद्धि देना, सभी शिक्षकों एवं कर्मचारियों के लिए कैशलेस हेल्थ स्कीम (cashless health scheme for employees) जारी करना और प्रदेश के कर्मचारियों के लिए एलटीसी सुविधा फिर से बहाल करने जैसी मांगें कर्मचारियों ने उठाई थी. लेकिन सरकार ने यह सभी मांगे दरकिनार कर दी.

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शिमला: प्रदेश सरकर ने जेसीसी की बैठक में पे स्केल देने की जो (JCC Meeting Shimla) घोषणा की है, उसका हिमाचल राज्य अध्यापक संघ के अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने कड़ा विरोध किया है. वीरेंद्र चौहान का कहना है कि सरकार ने कर्मचारियों के साथ छल किया है. उन्होंने कहा कि जो पे स्केल जो 2016 से दिया है, सरकार बताए की वह पे स्केल पंजाब के स्तर पर है या केंद्र के. उन्होंने कहा कि सरकार ने जो अनुबंध का समय कम किया है, वह (CM Jairam Thakur in JCC Meeting) कर्मचारियों की मांग नहीं थी.

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर बैठक में आए और 2 मिनट में घोषणा करके चले गए. यदि सरकार को वेतनमान ही देना था, तो जेसीसी की बैठक बुलाने की क्या जरूरत थी? उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम यह घोषणा कैबिनेट के दौरान भी कर सकते थे. लेकिन उन्होंने जेसीसी बुलाई और उसमें सिर्फ यही घोषणा की. उन्होंने कहा कि सरकार ने जो अनुबंध का समय कम किया है, वह कर्मचारियों की मांग नहीं थी. यह सरकार का विजन डॉक्यूमेंट था (Vision document Jairam Government) और इसकी घोषणा उसी दिन कर देनी चाहिए थी, जिस दिन सीएम जयराम ने शपथ ली थी. उन्होंने कहा कि सीएम ने जीसीसी में यह घोषणा कर कर्मचारियों के साथ छल किया है.

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वीरेंद्र चौहान ने कहा कि जेसीसी की बैठक में एक एजेंडा दिया जाता है और एजेंडे पर चर्चा होती है, लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि उनकी मांगों में 4-9-14 के टाइम स्केल को दोबारा से बहाल करना और इस संदर्भ में रूल 2009 की अधिसूचना के साथ जो छेड़छाड़ दिनांक 26 -2-013 एवं 7-7- 20 14 तथा 9-9-2014 की अधिसूचना के द्वारा की गई है, इन उपरोक्त तीनों अधिसूचनाओं को वापस लेकर वास्तविक 4-9-14 टाइम स्केल को बहाल करना है.

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उन्होंने कहा कि इसके अलावा सभी आउटसोर्स कर्मचारियों को पॉलिसी बनाकर नियमित करना (Outsource employees Himachal Pradesh), एसएमसी शिक्षकों के लिए पॉलिसी बनाना ,15 वर्षों तक पदोन्नति नहीं होने की स्थिति पर सभी शिक्षकों एवं कर्मचारियों को दो विशेष वेतन वृद्धि देना, सभी शिक्षकों एवं कर्मचारियों के लिए कैशलेस हेल्थ स्कीम (cashless health scheme for employees) जारी करना और प्रदेश के कर्मचारियों के लिए एलटीसी सुविधा फिर से बहाल करने जैसी मांगें कर्मचारियों ने उठाई थी. लेकिन सरकार ने यह सभी मांगे दरकिनार कर दी.

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