शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (Himachal Pradesh University) में छात्र संगठन के नेताओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने पर कांग्रेस ने कड़ा विरोध जताना शुरू कर दिया है. विश्व विद्यालय को राजनीति का अखाड़ा न बनाने की नसीहत दी है. वहीं, शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह (Congress MLA Vikramaditya Singh) ने विश्व विद्यालय के एनएसयूआई कार्यकर्ताओं के साथ किए जा रहे भेदभाव पर विश्व विद्यालय प्रशासन को चेतावनी दी कि प्रतिबंध को हटाया जाए.
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय पढ़ाई करने की जगह है, लेकिन इसे पॉलिटिकल अखाड़ा बना दिया गया है और एक विचारधारा को सामने रख कर काम किया जा रहा है. जिसे किसी भी सूरत में सहन नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि एनएसयूआई छात्रों को मुद्दों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रही थी, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों की आवाज दबाने की कोशिश कर रहा है और तीन छात्र नेताओं पर प्रतिबंध लगाया दिया गया. बता दें कि कुछ दिनों पहले एनएसयूआई ने विश्व विद्यालय परिसर में प्रदर्शन किया था. इसमे एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष छतर सिंह ठाकुर सहित अन्य दो बाहरी छात्र नेता भी शामिल हुए थे.
वहीं, विश्व विद्यालय प्रशासन ने इन तीन छात्र नेताओं पर, जहां आने पर रोक लगाई. वहीं, तीन पढ़ रहे छात्रों पर भी नजर रखी जा रही है. विश्व विद्यालय के फैसले के बाद छात्र संगठन एनएसयूआई की आवाज को उठाने कांग्रेस भी मैदान में उतर गई है. सोमवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने जल्द प्रतिबंध हटाने की मांग कर कहा था कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो आंदोलन किया जाएगा. जिसकी जिम्मेदारी विश्व विद्यालय के साथ सरकार की भी होगी.
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