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टीबी रिपोर्ट-2020: हिमाचल को तीसरा स्थान, 2025 तक टीबी मुक्त भारत का सपना

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बुधवार को 2020 की टीबी रिपोर्ट जारी की है. साथ ही टीबी उन्मूलन की दिशा में बेहतरीन काम करने वाले राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश जैसे गुजरात, हिमाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, त्रिपुरा, नागालैंड, दमन दीव और दादर नगर हवेली को सम्मानित किया.

2020 TB report
Union Health Minister Dr. Harsh Vardhan
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Published : Jun 24, 2020, 8:03 PM IST

शिमला: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बुधवार को 2020 की टीबी रिपोर्ट जारी की है. साथ ही टीबी उन्मूलन की दिशा में बेहतरीन काम करने वाले राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश जैसे गुजरात, हिमाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, त्रिपुरा, नागालैंड, दमन दीव और दादर नगर हवेली को सम्मानित किया.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि 2025 तक भारत टीबी मुक्त होने के लक्ष्य को हासिल कर लेगा. उन्होंने बताया कि टीबी मरीजों को बेहतर पोषण मिल सके, इसलिए 45 लाख से ज्यादा मरीजों को 533 करोड़ रुपये सीधे उनके खाते में भेजे गए हैं.

वीडियो.

साथ ही टीबी के मरीजों का ऑनलाइन डेटा बनाया जा रहा है. देश में 23.9 लाख टीबी मरीजों को अधिसूचित किया गया है, जिनमें 6.2 लाख रोगी निजी क्षेत्र से हैं. हालांकि पिछले साल की तुलना में टीबी मरीजों की संख्या में 45 फीसदी तक बढ़ी है.

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि हर ब्लॉक में मॉलिक्यूलर डाइग्नोस्टिक मशीन लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. साथ ही सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में टीबी की स्क्रीनिंग से जांच हो रही है, ताकि लोगों को घर के पास इलाज की सुविधा मिल सके.

वीडियो.

उन्होंने ने कहा कि कोरोना जैसी महामारी में भी टीबी मरीज के इलाज और पहचान में कोई कमी नहीं आई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि टीबी रोग के लिए डाक विभाग की भी सेवाएं भी ली जा रही हैं और टीबी के मामलों का जल्द पता लगाने का टारगेट रखा गया है.

उन्होंने कहा कि हर साल 10 लाख टीबी के केस छूट जाते थे और वो जांच के दायरे में नहीं आ पाते थे, लेकिन जांच प्रक्रिया के बढ़ने से अब करीब 2 लाख लोग ही जांच से वंचित रह पाते हैं.

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि इस साल 23 राज्यों के 337 जिलों में 27 करोड़ से ज्यादा लोगों की स्क्रीनिंग की गई है, जिसमें 62 हजार से ज्यादा टीबी मरीजों की पहचान की गई.

उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने 2025 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य रखा है, लेकिन कुछ राज्य जैसे केरल 2020, हिमाचल प्रदेश 2021, सिक्किम और लक्षद्वीप 2022 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य पूरा करना चाहते हैं.

इसके अलावा छत्तीसगढ़, जम्मू कश्मीर, मध्यप्रदेश, तमिलनाडु, बिहार, झारखंड, पुडुचेरी, दादर अगर हवेली, दमन और दीव ने 2025 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य रखा है.

बता दें कि 2017 में केंद्र सरकार ने 2025 तक टीबी को खत्म करने के लक्ष्य के साथ-साथ इसके उन्मूलन के लिए राष्ट्रीय रणनीतिक योजना (NSP) विकसित की थी. 2019 में 24.04 लाख से अधिक टीबी रोगी चिन्हित किए गए, जो साल 2018 की तुलना में 14 प्रतिशत ज्यादा है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पहले टीबी के खिलाफ लड़ाई काफी कठिन थी, लेकिन अब हम 2025 से पहले टीबी के खिलाफ चल रही लड़ाई को जीत सकते हैं.

उन्होंने कहा कि टीबी रिपोर्ट में बताया गया है कि 2012 में निजी क्षेत्र में 3 हजार के मुकाबले पिछले साल सात लाख मामलों का पता लगाया है. साथ ही सफलता दर भी 79 प्रतिशत से बढ़कर 81 प्रतिशत हो गई है.

शिमला: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बुधवार को 2020 की टीबी रिपोर्ट जारी की है. साथ ही टीबी उन्मूलन की दिशा में बेहतरीन काम करने वाले राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश जैसे गुजरात, हिमाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, त्रिपुरा, नागालैंड, दमन दीव और दादर नगर हवेली को सम्मानित किया.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि 2025 तक भारत टीबी मुक्त होने के लक्ष्य को हासिल कर लेगा. उन्होंने बताया कि टीबी मरीजों को बेहतर पोषण मिल सके, इसलिए 45 लाख से ज्यादा मरीजों को 533 करोड़ रुपये सीधे उनके खाते में भेजे गए हैं.

वीडियो.

साथ ही टीबी के मरीजों का ऑनलाइन डेटा बनाया जा रहा है. देश में 23.9 लाख टीबी मरीजों को अधिसूचित किया गया है, जिनमें 6.2 लाख रोगी निजी क्षेत्र से हैं. हालांकि पिछले साल की तुलना में टीबी मरीजों की संख्या में 45 फीसदी तक बढ़ी है.

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि हर ब्लॉक में मॉलिक्यूलर डाइग्नोस्टिक मशीन लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. साथ ही सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में टीबी की स्क्रीनिंग से जांच हो रही है, ताकि लोगों को घर के पास इलाज की सुविधा मिल सके.

वीडियो.

उन्होंने ने कहा कि कोरोना जैसी महामारी में भी टीबी मरीज के इलाज और पहचान में कोई कमी नहीं आई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि टीबी रोग के लिए डाक विभाग की भी सेवाएं भी ली जा रही हैं और टीबी के मामलों का जल्द पता लगाने का टारगेट रखा गया है.

उन्होंने कहा कि हर साल 10 लाख टीबी के केस छूट जाते थे और वो जांच के दायरे में नहीं आ पाते थे, लेकिन जांच प्रक्रिया के बढ़ने से अब करीब 2 लाख लोग ही जांच से वंचित रह पाते हैं.

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि इस साल 23 राज्यों के 337 जिलों में 27 करोड़ से ज्यादा लोगों की स्क्रीनिंग की गई है, जिसमें 62 हजार से ज्यादा टीबी मरीजों की पहचान की गई.

उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने 2025 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य रखा है, लेकिन कुछ राज्य जैसे केरल 2020, हिमाचल प्रदेश 2021, सिक्किम और लक्षद्वीप 2022 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य पूरा करना चाहते हैं.

इसके अलावा छत्तीसगढ़, जम्मू कश्मीर, मध्यप्रदेश, तमिलनाडु, बिहार, झारखंड, पुडुचेरी, दादर अगर हवेली, दमन और दीव ने 2025 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य रखा है.

बता दें कि 2017 में केंद्र सरकार ने 2025 तक टीबी को खत्म करने के लक्ष्य के साथ-साथ इसके उन्मूलन के लिए राष्ट्रीय रणनीतिक योजना (NSP) विकसित की थी. 2019 में 24.04 लाख से अधिक टीबी रोगी चिन्हित किए गए, जो साल 2018 की तुलना में 14 प्रतिशत ज्यादा है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पहले टीबी के खिलाफ लड़ाई काफी कठिन थी, लेकिन अब हम 2025 से पहले टीबी के खिलाफ चल रही लड़ाई को जीत सकते हैं.

उन्होंने कहा कि टीबी रिपोर्ट में बताया गया है कि 2012 में निजी क्षेत्र में 3 हजार के मुकाबले पिछले साल सात लाख मामलों का पता लगाया है. साथ ही सफलता दर भी 79 प्रतिशत से बढ़कर 81 प्रतिशत हो गई है.

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