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दिव्यांग को परीक्षा में बैठने से रोका, उमंग फाउंडेशन जाएगा हाईकोर्ट - ETV Bharat Himachal Pradesh

हिमाचल प्रदेश राज्य दिव्यांगता सलाहकार बोर्ड के विशेषज्ञ सदस्य और उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रोफेसर अजय श्रीवास्तव ने कहा है कि गुरुवार को पंथाघाटी स्थित केंद्र में सी-टेट परीक्षा में बैठने से एक दृष्टिबाधित युवा रविकांत को गैर कानूनी ढंग से रोका गया.परीक्षा केंद्र ने सीबीएसई के स्पष्ट दिशा- निर्देशों को मानने से भी इंकार कर दिया. उन्होंने कहा कि वह इसके खिलाफ हाईकोर्ट में (Umang Foundation will go to HC)याचिका दायर करेंगे.वहीं, उन्होंने कहा मैक डिजिटल विजन नामक (MAC Digital Vision exam in Panthaghati)परीक्षा केंद्र में उससे कहा गया कि वह एक क्लास जूनियर राइटर लाए, जबकि सीबीएसई की वेबसाइट में स्पष्ट लिखा है कि दृष्टिबाधित एवं हाथ से लिखने में असमर्थ उम्मीदवारों के लिए 26 फरवरी 2013 की भारत सरकार की गाइडलाइंस ही मान्य होगी.

(Umang Foundation will go to HC
उमंग फाउंडेशन जाएगा हाईकोर्ट
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Published : Dec 16, 2021, 4:54 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश राज्य दिव्यांगता सलाहकार बोर्ड के विशेषज्ञ सदस्य और उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रोफेसर अजय श्रीवास्तव ने कहा है कि गुरुवार को पंथाघाटी स्थित केंद्र में सी-टेट परीक्षा में बैठने से एक दृष्टिबाधित युवा रविकांत को गैर कानूनी ढंग से रोक दिया गया. पंथाघाटी स्थित परीक्षा केंद्र में उसके साथ दुर्व्यवहार भी किया गया. परीक्षा केंद्र ने सीबीएसई के स्पष्ट दिशा- निर्देशों को मानने से भी इंकार कर दिया. उन्होंने कहा कि वह इसके खिलाफ हाईकोर्ट में (Umang Foundation will go to HC)याचिका दायर करेंगे.



अजय श्रीवास्तव ने बताया कि मंडी के रहने वाले दृष्टिबाधित रविकांत की दिव्यांगता 50 प्रतिशत है. परीक्षा में लिखने के लिए उसे राइटर की आवश्यकता होती है गुरुवार को पंथाघटी में मैक डिजिटल विजन नामक (MAC Digital Vision exam in Panthaghati)परीक्षा केंद्र में उससे कहा गया कि वह एक क्लास जूनियर राइटर लाए, जबकि सीबीएसई की वेबसाइट में स्पष्ट लिखा है कि दृष्टिबाधित एवं हाथ से लिखने में असमर्थ उम्मीदवारों के लिए 26 फरवरी 2013 की भारत सरकार की गाइडलाइंस ही मान्य होगी. इन गाइडलाइंस के अनुसार पात्र दिव्यांग व्यक्तियों के लिए कोई भी राइटर बन सकता. राइटर की शैक्षणिक योग्यता कि कोई शर्त नहीं लगाई जाएगी. रविकांत की राइटर की शैक्षिक योग्यता उसके ही बराबर थी.

उन्होंने बताया रविकांत से जानकारी मिलने पर स्वयं परीक्षा केंद्र के लैंडलाइन नंबर पर कई बार फोन किया, लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया. रविकांत और उसके साथ गई राइटर ने परीक्षा ड्यूटी वाले शिक्षकों से मेरी बात कराने का प्रयास किया, मगर उन्होंने बात करने से इंकार कर दिया. यही नहीं दृष्टिबाधित युवा को दुर्व्यवहार कर वहां से भगा दिया गया.
अजय श्रीवास्तव ने कहा कि यह दृष्टिबाधित व्यक्तियों के अधिकारों का खुला उल्लंघन है. उन्होंने कहा कि वह इस मामले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर करेंगे ,ताकि भविष्य में अन्य दिव्यांग व्यक्तियों के जीवन से खिलवाड़ न हो सके.

शिमला: हिमाचल प्रदेश राज्य दिव्यांगता सलाहकार बोर्ड के विशेषज्ञ सदस्य और उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रोफेसर अजय श्रीवास्तव ने कहा है कि गुरुवार को पंथाघाटी स्थित केंद्र में सी-टेट परीक्षा में बैठने से एक दृष्टिबाधित युवा रविकांत को गैर कानूनी ढंग से रोक दिया गया. पंथाघाटी स्थित परीक्षा केंद्र में उसके साथ दुर्व्यवहार भी किया गया. परीक्षा केंद्र ने सीबीएसई के स्पष्ट दिशा- निर्देशों को मानने से भी इंकार कर दिया. उन्होंने कहा कि वह इसके खिलाफ हाईकोर्ट में (Umang Foundation will go to HC)याचिका दायर करेंगे.



अजय श्रीवास्तव ने बताया कि मंडी के रहने वाले दृष्टिबाधित रविकांत की दिव्यांगता 50 प्रतिशत है. परीक्षा में लिखने के लिए उसे राइटर की आवश्यकता होती है गुरुवार को पंथाघटी में मैक डिजिटल विजन नामक (MAC Digital Vision exam in Panthaghati)परीक्षा केंद्र में उससे कहा गया कि वह एक क्लास जूनियर राइटर लाए, जबकि सीबीएसई की वेबसाइट में स्पष्ट लिखा है कि दृष्टिबाधित एवं हाथ से लिखने में असमर्थ उम्मीदवारों के लिए 26 फरवरी 2013 की भारत सरकार की गाइडलाइंस ही मान्य होगी. इन गाइडलाइंस के अनुसार पात्र दिव्यांग व्यक्तियों के लिए कोई भी राइटर बन सकता. राइटर की शैक्षणिक योग्यता कि कोई शर्त नहीं लगाई जाएगी. रविकांत की राइटर की शैक्षिक योग्यता उसके ही बराबर थी.

उन्होंने बताया रविकांत से जानकारी मिलने पर स्वयं परीक्षा केंद्र के लैंडलाइन नंबर पर कई बार फोन किया, लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया. रविकांत और उसके साथ गई राइटर ने परीक्षा ड्यूटी वाले शिक्षकों से मेरी बात कराने का प्रयास किया, मगर उन्होंने बात करने से इंकार कर दिया. यही नहीं दृष्टिबाधित युवा को दुर्व्यवहार कर वहां से भगा दिया गया.
अजय श्रीवास्तव ने कहा कि यह दृष्टिबाधित व्यक्तियों के अधिकारों का खुला उल्लंघन है. उन्होंने कहा कि वह इस मामले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर करेंगे ,ताकि भविष्य में अन्य दिव्यांग व्यक्तियों के जीवन से खिलवाड़ न हो सके.

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