शिमला: ये तो हम सभी जानते हैं कि देवभूमि हिमाचल प्रदेश छोटा पहाड़ी राज्य है, लेकिन इस राज्य ने इस साल कई ऐसी उपलब्धियां हासिल की जिसके चलते पीएम नरेंद्र मोदी को भी तारीफ करनी पड़ी. पर्यटन और सेब के लिए हिमाचल प्रदेश देश-दुनिया में तो मशहूर है ही, इसके साथ ही विपरीत भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद इस साल हिमाचल ने कई उपलब्धियां भी हासिल की, जो देश के लिए रोल मॉडल साबित हुई. देश में शत प्रतिशत वैक्सीनेशन वाला पहला राज्य बनने पर एक ओर हिमाचल की तारीफ हुई. वहीं, दूसरी ओर हिमाचल ने इस साल बर्फानी तेंदुए का मूल्यांकन करने वाला देश का पहला राज्य बनने का गौरव भी हासिल किया. पैरालंपिक में ऊना के निषाद कुमार ने सिल्वर मेडल जीतकर भी देश को गौरवान्वित किया. इस साल साए सवा करोड़ पौधे लगाकर पहाड़ी राज्य ने एक और रिकॉर्ड बनाया. इसके साथ ही हिमाचल ने इस साल कई आयाम स्थापित किए जो काबिल-ए-गौर है. इससे पहले कि हम 2021 को अलविदा (Achievements of Himachal Pradesh in 2021 ) कहें, आइए एक नजर डालते हैं, पिछले एक साल में मिली बड़ी उपलब्धियों पर.
शत प्रतिशत वैक्सीनेशन वाला पहला राज्य बना था हिमाचल: यूं तो इस साल हिमाचल के नाम कई सारी उपलब्धियां रहीं, लेकिन इस साल हिमाचल के नाम सबसे बड़ी उपलब्धि अपनी शत प्रतिशत अबादी को देश भर में सबसे पहले वैक्सीन की दोनों डोज देने की रही. हिमाचल प्रदेश 5 दिसंबर को कोविड-19 (Covid-19) से बचाव के लिए राज्य के अर्हता प्राप्त सभी वयस्कों का टीकाकरण करने वाला देश का पहला राज्य बन गया था.
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इस संबंध में सरकार ने कहा था कि राज्य के अर्हता प्राप्त 53,86,393 व्यस्कों को टीके की दूसरी खुराक दे दी गई है. वहीं, वैक्सीनेशन की पहली दोज में भी हिमाचल में यही कमाल (Himachal fully vaccinated) दिखाते हुए पहला स्थान हासिल किया था. हिमाचल ने यह लक्ष्य अगस्त महीने के आखिर में प्राप्त कर किया था. वहीं, शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन का लक्ष्य पूरा करने के बाद हिमाचल प्रदेश में एक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया था, जिसमें केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया भी शामिल हुए थे.
दुनिया के सबसे ऊंचे मतदान केंद्र तक पहुंचाई हर घर नल से जल सुविधा: हिमाचल प्रदेश ने इस साल एक और बड़ी उपलब्ध अपने नाम की. हिमाचल ने दुनिया के सबसे ऊंचे मतदान केंद्र और शीत मरुस्थल लाहौल स्पीति में नल से जल की सुविधा पहुंचाई. प्रदेश के टशीगंग गांव (Tashiganj Village of spiti) स्थित इस मतदान केंद्र (Highest Polling Booth of world) में 24 सितंबर 2021 को जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) के तहत सर्वाधिक ऊंचाई पर पहला नल कनेक्शन स्थापित किया गया था. इसकी जानकारी खुद केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Union Jalshakti Minister Gajendra Singh Shekhawat) ने उस वक्त ट्वीट कर दी थी.
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बता दें कि टशीगंग गांव में दुनिया का सबसे ऊंचाई पर स्थित मतदान केंद्र (Tap connection to Tashiganj Village) है. जिसकी ऊंचाई 15,256 फीट है. बर्फबारी के दौरान यह इलाका छह महीने तक दुनिया से कट जाता है. यहां बर्फ पिघलाकर पीने लायक पानी की व्यवस्था करनी पड़ती थी, या फिर खच्चरों पर पानी लाना पड़ता था. भारत-तिब्बत सीमा (India-Tibet Border) से महज 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित टशीगंग में नल से जल पहुंचने के बाद पानी के लिए लोगों को कई किलोमीटर पैदल नहीं चलना पड़ेगा. पानी पहुंचने से सबसे बड़ी राहत गरीबों को मिली है, क्योंकि उन्हें मीलों दूर पैदल चलकर पानी लाना पड़ता था.
बर्फानी तेंदुए का मूल्यांकन करने वाला देश का पहला राज्य बन हिमाचल: हिमाचल प्रदेश के नाम इस साल एक उपलब्धि ये भी रही कि हिमाचल बर्फानी तेंदुए व इसके शिकार बनने वाले जानवरों का मूल्यांकन करने वाला देश (Snow leopard in Himachal) का पहला राज्य बना. हिमाचल के वन्य प्राणी प्रभाग ने प्रकृति संरक्षण फाउंडेशन बेंगलुरु के सहयोग से बर्फानी तेंदुए (Snow leopard in lahaul spiti) की आबादी पर इसी साल जनवरी में आकलन पूरा किया.
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पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के स्नो लैपर्ड पोपुलेशन असेसमेन्ट इन इंडिया के (Snow Leopard Population Assessment in India) प्रोटोकॉल के आधार पर बर्फानी तेंदुए का इस प्रकार का आकलन करने वाला हिमाचल प्रदेश पहला राज्य बना था. आकलन में यह भी सामने आया था की स्पीति, पिन घाटी और ऊपरी किन्नौर के हिमालयी क्षेत्रों में बर्फानी तेंदुए और उसके शिकार जानवरों आइबैक्स और भरल का घनत्व सबसे अधिक है.
महिला दिवस पर हुआ था विषेश कार्यक्रम, महिला कर्मियों ने संभाली थी सारी जिम्मेदारी: हिमाचल प्रदेश में इस साल अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International womens day) के अवसर पर एक खास कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. प्रदेश के इतिहास में पहली बार ऑल वुमन परेड करवाई गई थी और इसका गवाह शिमला का ऐतिहासिक रिज मैदान बना था. वहीं, कार्यक्रम के आयोजन (Himachal police on Womens day) का पूरा जिम्मा भी महिला पुलिस कर्मियों ने संभाला था.
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रिज पर हुए इस कार्यक्रम में महिला पुलिस कर्मियों ने हथियारों के साथ ड्रिल, बाइक स्टंट के साथ-साथ अन्य करतब कर लोगों को हैरान कर दिया था. कार्यक्रम के दौरान 30 महिलाओं को सम्मानित भी किया गया था. इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर प्रदेश भर में महिला पुलिस ने कानून व्यवस्था, यातायात नियंत्रण का जिम्मा संभालती नजर आईं थी. वहीं, देश भर में हिमाचल पुलिस के इस प्रयास की सराहना भी हुई थी.
नीति आयोग के सतत विकास सूचकांक में शिमला को मिला था शीर्ष स्थान: नीति आयोग (Niti Ayog) के सतत विकास लक्ष्य (Sustainable Development Goals) शहरी भारत सूचकांक 2021-22 में इस साल शिमला शीर्ष स्थान पर रहा. इस सूचकांक में सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय मापदंडों पर नीति आयोग ने 56 शहरों का मूल्यांकन (Sustainable Development Index NITI Aayog) किया था, जिसमें शिमला (Shimla) को श्रेष्ठ पाया गया था. शिमला को कुल 100 अंकों में से 75.50 अंक मिले थे. वहीं, शीर्ष स्थान हासिल करने पर हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने ट्वीट कर लोगों को बधाई दी थी.
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नीति आयोग ने 'इंडो-जर्मन डेवलपमेंट कोऑपरेशन' के अंतर्गत जीआईजेड और बीएमजेड के साथ मिलकर एसडीजी शहरी सूचकांक और ताजा जानकारी के लिए 'डैशबोर्ड' विकसित किया था. एसडीजी (Shimla top in Sustainable Development Index) शहरी सूचकांक और डैशबोर्ड 2021-22 में शीर्ष 10 शहरी क्षेत्र शिमला, कोयंबटूर, चंडीगढ़, तिरुवनंतपुरम, कोच्चि, पणजी, पुणे, तिरुचिरापल्ली, अहमदाबाद और नागपुर रहा था.
पैरालंपिक में ऊना के निषाद कुमार ने जीता था सिल्वर मेडल: हिमाचल प्रदेश के खिलाड़ियों ने भी इस साल बेहतरीन प्रदर्शन किया और कई प्रतियोगिताओं में मेडल भी अपने नाम किए. हिमाचल के ऊना जिले से संबंध रखने वाले निषाद कुमार ने इसी साल टोक्यो पैरालंपिक 2020 में टी-47 कैटेगिरी में 2.06 मीटर ऊंची कूद (high jump) में सिल्वर मेडल जीतकर इतिहास रच था. निषाद ने 2.06 मीटर ऊंची कूद लगाकर एशियन रिकॉर्ड बनाया (Nishad Kumar won silver in Paralympics) था. निषाद हिमाचल के पहले ऐसे खिलाड़ी बने हैं, जिसने पैरालंपिक में सिल्वर मेडल जीता है.
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बता दें कि निषाद अंब उपमंडल के बदायूं गांव के एक गरीब परिवार से संबंध रखते हैं. उनके पिता रछपाल सिंह किसान हैं, जबकि माता पुष्पा देवी गृहिणी हैं. निषाद जब आठ साल के थे, तब चारा काटते समय मशीन में उनका हाथ कट गया था. वहीं, प्रदेश सरकार ने निषाद को एक करोड़ रुपए की राशि देने की घोषणा भी थी. इसके अलावा हिमाचल के लाल वरुण कुमार भी ओलंपिक हॉकी में कांस्य पदक जीतने वाली टीम के (Hockey player varun kumar) सदस्य थे. हॉकी टीम के कांस्य पदक जीतने के बाद हिमाचल सरकार ने भारतीय हॉकी टीम के सदस्य वरुण कुमार को एक करोड़ रुपए देने की घोषणा की थी.
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बंदला में देश के पहले हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज का उद्घाटन: बिलासपुर के बंदला में बन रहे देश के पहले हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज का शुभारंभ भी इसी साल दिसंबर में हुआ. इसी वर्ष कॉलेज में कक्षाएं शुरू गई, जबकि प्रथम वर्ष के प्रवेश के लिए काउंसलिंग की प्रक्रिया पूरी कर इलेक्ट्रिकल और सिविल ट्रेड में सीटें भरी गई.
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16 दिसंबर को (Bilaspur Hydro Engineering College) तकनीकी शिक्षा एवं जनजातीय विकास मंत्री डॉ. राम लाल मारकंडा ने राजकीय हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज के नए परिसर में प्रथम वर्ष की कक्षाओं और कन्या छात्रावास का शुभारंभ किया था. इस नए परिसर का निर्माण एनएचपीसी और एनटीपीसी ने कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व योजना (first Hydro Engineering College of India) के तहत एनपीसीसी के माध्यम से करवाया है. उस दौरान डॉ. राम लाल मारकंडा ने कहा था कि तमाम चुनौतियों के बावजूद बंदला की कठिन पहाड़ी पर हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज का कार्य युद्ध स्तर पर करवाया जा रहा है.
टॉप 50 बेहतरीन ब्यूरोक्रेट की सूची में आया था अनिल खाची का नाम: हिमाचल प्रदेश से संबंध रखने वाले अनिल खाची का नाम इस साल बेहतरीन ब्यूरोक्रेट की सूची में आया था. हिमाचल प्रदेश के तत्कालीन मुख्य सचिव अनिल खाची और एक अन्य सेवानिवृत्त आईएएस तरुण कपूर को शीर्ष 50 प्रभावी भारतीय नौकरशाहों की सूचि में शामिल (Anil Khachi in top 50 bureaucrats) किया गया था. यह सर्वेक्षण फेम इंडिया पत्रिका द्वारा किया गया था. बता दें कि अनिल खाची 1986 बैच के एचपी कैडर के आईएएस, जबकि तरुण कपूर 1987 के एचपी कैडर के आईएएस अधिकारी रहे हैं. वहीं, ईमानदार छवि के अफसर अनिल खाची ने केंद्र सरकार में भी कई पदों पर अहम जिम्मेदारियां निभाई हैं. इसके अलावा तरुण कपूर ने भी कई पदों पर अपनी सेवाएं दी हैं.
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हिमाचल सरकार ने इस साल रिकॉर्ड सवा करोड़ पौधे लगाए: देवभूमि हिमाचल प्रदेश ने इस साल साए सवा करोड़ पौधे लगाकर एक और रिकॉर्ड बनाया. राज्य की 14 हजार हेक्टेयर भूमि पर वन विभाग (Forest department) ने बरसात के दौरान वन महोत्सव के माध्यम से एक करोड़ पौधे रोपे. वहीं, ग्रीन कवर के लिहाज से हिमाचल का रिकॉर्ड (Himachal government planted one crore saplings) देश में शानदार रहा.
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हिमाचल को एशिया के पहले कार्बन क्रेडिट स्टेट का गौरव भी मिल चुका है. साल दर साल यहां का ग्रीन कवर बढ़ रहा है. हिमाचल ने अपने ग्रीन कवर को 30 फीसदी करने का लक्ष्य रखा है. इस पूरे अभियान के दौरान दो दिन में 10 लाख पौधे रोपे गए. जबकि स्टेट रेड क्रॉस सोसाइटी (State Red Cross Society) ने अकेले ही स्थानीय संस्थाओं के सहयोग से एक लाख पौधे लगाए. तीन साल पूर्व हिमाचल में तीन दिन तक चले अभियान में स्कूली बच्चों, आम जनता, युवक मंडलों सहित अन्य संस्थानों ने 26.5 लाख पौधे लगाए थे.
इसी तरह वर्ष 2019 में भी वन महोत्सव के तहत 5 दिवसीय अभियान में 31.60 लाख पौधे लगाए गए थे और यही कारण है कि हिमाचल का ग्रीन कवर लगातार बढ़ रहा है. इसके अलावा हिमाचल प्रदेश समूचे एशिया में पहला ऐसा राज्य है, जिसे विश्व बैंक से कार्बन क्रेडिट मिला है. कार्बन क्रेडिट (carbon credit) का मतलब है कि वातावरण से कार्बन कम करना और ऑक्सीजन बढ़ाना.
शिमला में हुआ था देश भर के पीठासीन अधिकारियों का सम्मेलन: हिमाचल की संसदीय परंपरा के इतिहास में इस (Conference of assembly speakers in Shimla) साल एक नया अध्याय जुड़ा. इसी साल नवंबर माह में देश की पहली ई-विधानसभा (first e-assembly) में भारतीय लोकतंत्र के इतिहास का एक अनूठा आयोजन किया. जहां, देशभर के पीठासीन अधिकारी (Presiding Officer) हिमाचल की ई-विधानसभा प्रणाली (Himachal e-assembly system) के गवाह बने.
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खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) इस समारोह में वर्चुअल रूप से जुड़े. पीठासीन अधिकारियों का यह समारोह हिमाचल विधानसभा के काउंसिल चैंबर (Himachal Vidhan Sabha Council Chamber) में हुआ. उल्लेखनीय है कि हिमाचल विधानसभा देश की पहली ई विधानसभा है. यहां सारा काम पेपरलेस है. देश भर से आए मेहमानों को ई-विधान प्रणाली का सिस्टम भी समझा गया.
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