रामपुर/शिमला: हिमाचल के वयोवृद्ध एवं कांग्रेस के कद्दावर नेता पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का अंतिम संस्कार रामपुर बुशहर के जोगनी बाग स्थित राज परिवार के श्मशान घाट में राजसी परंपरा के साथ आज होगा. वीरभद्र सिंह की मौत की खबर सुनते ही पूरे रामपुर में गम की लहर दौड़ पड़ी. अपने चहेते नेता की मौत की खबर के बाद व्यापारियों ने तीन दिन के लिए रामपुर बाजार को बंद रखा गया है.
हिमाचल के छह बार मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह का 13 वर्ष की उम्र में बुशहर रियासत के 122वें राजा के रूप में राजतिलक हुआ था. रामपुर रियासत में यह प्रथा रही है कि राजा का अंतिम संस्कार तब तक नहीं होता, जब तक अगले उत्तराधिकारी का राजतिलक न हो, क्योंकि राज गद्दी को खाली नहीं छोड़ा जाता. वीरभद्र के अंतिम संस्कार से पहले आज पुरानी परंपराओं का निर्वहन करते हुए विक्रमादित्य सिंह का राज महल में राजगद्दी पर राजतिलक किया जाएगा. उसके बाद अंतिम संस्कार की प्रक्रिया शुरू होगी.
हिमाचल प्रदेश ब्राह्मण सभा के सलाहकार पुज्या देव शर्मा ने बताया कि परंपरा के अनुसार पहले विक्रमादित्य सिंह को राज तिलक लगाया जाएगा. राजपुरोहीत द्वारा राजतिलक मंत्रों का उच्चारण करके लगाया जाएगा. मंत्रों द्वारा शक्ति प्रदान की जाएगी. उसके बाद बाहर चार ठहरी का बाज बजाया जाएगा, फिर जयकारा लगाया जाएगा. उसके पश्चात वीरभद्र सिंह के पार्थिव शरीर राज दरबार के सभागार में रखा गया है. फिर घोषित किया जाएगा की राजा का देहांत हो चुका है.
पूर्व मुख्यमंत्री के अंतिम संस्कार में 4 ठहरी यानी शिंगला, शनेरी, लालसा और डंसा के वाद्य यंत्रों को भी आमंत्रित किया गया है. यह वाद्य यंत्र पहले विक्रमादित्य सिंह के राजतिलक के दौरान खुशी का एहसास कराने वाले धुनों से गूजेंगे, इसके बाद शोक धुनों के साथ वाद्य यंत्र वीरभद्र सिंह की शव यात्रा में शरीक होंगे. रामपुर के जोगनी बाग स्थित राज परिवार के श्मशान घाट में वीरभद्र सिंह का अंतिम संस्कार होगा.
बता दें कि वीरभद्र सिंह कई दिनों से बीमार चल रहे थे. शिमला के आईजीएमसी में उनका इलाज चल रहा था. वीरवार को इलाज के दौरान उनका देहांत हो गया था.
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