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कार्डियोलॉजी विभाग सर्वे: मई महीने में 113 लोगों ने गंवाई थी जान, 107 ने नहीं लगवाई थी वैक्सीन

आईजीएमसी के कार्डियोलॉजी विभाग के सर्वे में बड़ा खुलासा हुआ है. विभाग की टीम ने यह सर्वे 4 मई से 27 मई के बीच का किया था, जिसमें पाया गया कि मई महीने में 113 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी, जिसमें 107 लोग ऐसे थे, जिन्होंने वैक्सीन की एक भी डोज नहीं लगवाई थी. जबकि इसमें केवल 6 लोग ऐसे थे, जिनकी वैक्सीन लगने के बाद भी मौत हुई थी.

आईजीएमसी शिमला.
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Published : Sep 11, 2021, 6:59 PM IST

Updated : Sep 11, 2021, 7:11 PM IST

शिमला: कोरोना महामारी जब शुरू हुई थी तो लोगों के पास इससे बचने के लिए केवल अकेलापन ही एक विकल्प था. भीड़भाड़ में जाने से कोरोना लोगों को अपनी चपेट में ले रहा था. शुरुआत में लोग इसी परेशानी में रहे कि कब वैक्सीन आएगी और कब लोग इससे सुरक्षित होंगे.

आखिर इस साल 16 जनवरी में वैक्सीन लगना भी शुरू हो गया था. अब जब वैक्सीन आए हुए आठ माह हो चुके हैं तो भी कई लोग अभी भी वैक्सीन लगवाने से डर रहे हैं, लेकिन वैक्सीन कितनी जरूरी है इसका खुलासा आईजीएमसी के कार्डियोलॉजी विभाग के सर्वे में हुआ है.

विभाग की टीम ने यह सर्वे 4 मई से 27 मई के बीच का किया था, जिसमें पाया गया कि मई महीने में 113 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी, जिसमें 107 लोग ऐसे थे, जिन्होंने वैक्सीन की एक भी डोज नहीं लगवाई थी. जबकि इसमें केवल 6 लोग ऐसे थे, जिनकी वैक्सीन लगने के बाद भी मौत हुई थी.

आईजीएमसी के कार्डियोलॉजी विभाग के विशेषज्ञ डॉ. राजीव मरवाह ने बताया कि मई के इस आंकड़े में ज्यादातर मरीज ऐसे थे, जिन्हें दस दिनों से कोरोना के लक्षण थे. हालांकि इन मरीजों में कोरोना के साथ-साथ अन्य बीमारी जैसे डायबिटीज और किडनी के गंभीर मरीज भी शामिल हैं.

उन्होंने लोगों से वैक्सीन लगाने की अपील की है जिससे कि महामारी से बचा जा सके. उन्होंने बताया कि यदि वैक्सीन लगने के बाद कोरोना हो जाता है तो भी डरने की जरूरत नहीं है. वैक्सीन गंभीर स्थिति तक नहीं पहुंचने देती. वहीं, गंभीर बीमारी हो तो ऐसे मरीजों को भी वैक्सीन लगाना बेहद जरूरी है.

लंबे समय तक चलने वाले रोगों को नियंत्रित में रखना जरूरी होता है, क्योंकि ऐसे मरीजों की इम्यूनिटी कम होती है. कोरोना संक्रमण ऐसे मरीजों की स्थिति और गंभीर कर देता है. साथ ही लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज लगवाना सुनिश्चित करना होगा, ताकि इससे बचा जा सके.

डॉ. मरवाह का कहना है कि वैक्सीन लगाना जरूरी है. क्योंकि वैक्सीन लगवाने के बाद यदि कोरोना हो जाता है तो भी इसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी बढ़ जाती है. मरीजों को इससे लड़ने में काफी मदद मिलती है, जबकि जो लोग वैक्सीन नहीं लगवा रहे, उनकी कोरोना होने के बाद हालत खराब हो सकती है.

उनका कहना है कि हिमाचल ऐसा राज्य है, जहां वैक्सीनेशन नंबर एक पर है. हालांकि ज्यादातर लोग कवर किए जा चुके हैं. मगर अभी भी कई लोग ऐसे हैं, जो कोरोना वैक्सीन लगवाने से बच रहे हैं. उनको ये आंकड़ा जरूर देखना चाहिए कि आखिर वैक्सीन कितनी जरूरी है.

ये भी पढ़ें- पवित्र मानी जाती है किन्नौरी शराब, पूजा-पाठ और दवा के रूप में होता है इस्तेमाल

शिमला: कोरोना महामारी जब शुरू हुई थी तो लोगों के पास इससे बचने के लिए केवल अकेलापन ही एक विकल्प था. भीड़भाड़ में जाने से कोरोना लोगों को अपनी चपेट में ले रहा था. शुरुआत में लोग इसी परेशानी में रहे कि कब वैक्सीन आएगी और कब लोग इससे सुरक्षित होंगे.

आखिर इस साल 16 जनवरी में वैक्सीन लगना भी शुरू हो गया था. अब जब वैक्सीन आए हुए आठ माह हो चुके हैं तो भी कई लोग अभी भी वैक्सीन लगवाने से डर रहे हैं, लेकिन वैक्सीन कितनी जरूरी है इसका खुलासा आईजीएमसी के कार्डियोलॉजी विभाग के सर्वे में हुआ है.

विभाग की टीम ने यह सर्वे 4 मई से 27 मई के बीच का किया था, जिसमें पाया गया कि मई महीने में 113 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी, जिसमें 107 लोग ऐसे थे, जिन्होंने वैक्सीन की एक भी डोज नहीं लगवाई थी. जबकि इसमें केवल 6 लोग ऐसे थे, जिनकी वैक्सीन लगने के बाद भी मौत हुई थी.

आईजीएमसी के कार्डियोलॉजी विभाग के विशेषज्ञ डॉ. राजीव मरवाह ने बताया कि मई के इस आंकड़े में ज्यादातर मरीज ऐसे थे, जिन्हें दस दिनों से कोरोना के लक्षण थे. हालांकि इन मरीजों में कोरोना के साथ-साथ अन्य बीमारी जैसे डायबिटीज और किडनी के गंभीर मरीज भी शामिल हैं.

उन्होंने लोगों से वैक्सीन लगाने की अपील की है जिससे कि महामारी से बचा जा सके. उन्होंने बताया कि यदि वैक्सीन लगने के बाद कोरोना हो जाता है तो भी डरने की जरूरत नहीं है. वैक्सीन गंभीर स्थिति तक नहीं पहुंचने देती. वहीं, गंभीर बीमारी हो तो ऐसे मरीजों को भी वैक्सीन लगाना बेहद जरूरी है.

लंबे समय तक चलने वाले रोगों को नियंत्रित में रखना जरूरी होता है, क्योंकि ऐसे मरीजों की इम्यूनिटी कम होती है. कोरोना संक्रमण ऐसे मरीजों की स्थिति और गंभीर कर देता है. साथ ही लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज लगवाना सुनिश्चित करना होगा, ताकि इससे बचा जा सके.

डॉ. मरवाह का कहना है कि वैक्सीन लगाना जरूरी है. क्योंकि वैक्सीन लगवाने के बाद यदि कोरोना हो जाता है तो भी इसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी बढ़ जाती है. मरीजों को इससे लड़ने में काफी मदद मिलती है, जबकि जो लोग वैक्सीन नहीं लगवा रहे, उनकी कोरोना होने के बाद हालत खराब हो सकती है.

उनका कहना है कि हिमाचल ऐसा राज्य है, जहां वैक्सीनेशन नंबर एक पर है. हालांकि ज्यादातर लोग कवर किए जा चुके हैं. मगर अभी भी कई लोग ऐसे हैं, जो कोरोना वैक्सीन लगवाने से बच रहे हैं. उनको ये आंकड़ा जरूर देखना चाहिए कि आखिर वैक्सीन कितनी जरूरी है.

ये भी पढ़ें- पवित्र मानी जाती है किन्नौरी शराब, पूजा-पाठ और दवा के रूप में होता है इस्तेमाल

Last Updated : Sep 11, 2021, 7:11 PM IST
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