शिमला :सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को 433 मामलों में एफसीए और एफआरए के तहत वन भूमि को गैर वन उद्देश्य के लिए परिवर्तित करने की अनुमति (Relief to Himachal from Supreme Court) दी. राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय ने अपने आदेश दिनांक 9 और 14 दिसंबर 2021 द्वारा रिट याचिका (सिविल) संख्या 202 1995 में दिनांक 11 मार्च, 2019 को पारित आदेश में छूट देते हुए हिमाचल प्रदेश सरकार को वन संरक्षण अधिनियम, 1980 तथा अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 के तहत 433 मामलों में वन भूमि को गैर-वन उद्देश्य के लिए परिवर्तित करने की (Supreme Court approves FCA and FRA)अनुमति दी है.
उन्होंने कहा कि 103 परियोजनाओं में 63 सड़कों, 13 विद्युत परियोजनाओं, एक हवाई अड्डा, तीन अनाज और सब्जी मंडियों, चार काॅलेज भवनों, एक अस्पताल, चार बस स्टैंड, एक मार्केट यार्ड, दो रेलवे लाइन, ईवीएम के भंडारण के लिए एक गोदाम, एक मौसम राडार (accurate weather forecast doppler in himachal), एक रोपवे, एक हेलीपैड, दो खनन से संबंधित, एक पार्किंग, दो हाॅट मिक्स प्लांट, एक पुलिस चौकी और एक एनडीआरएफ के मामले शामिल हैं. उन्होंने कहा कि एफआरए 2006 के तहत परियोजनाओं में 13 सामुदायिक केंद्र, 268 सड़क परियोजनाएं, 11 स्कूल, 19 पेयजल आपूर्ति योजनाएं और पानी की पाइपलाइन, 5 लघु सिंचाई नहर या वर्षा जल संचयन संरचनाएं, 10 स्वास्थ्य संस्थान, तीन कौशल उन्नयन और व्यावसायिक परियोजना प्रशिक्षण केंद्र और एक उचित मूल्य की दुकान के मामले शामिल हैं.
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