ETV Bharat / city

HPU के छात्रावासों में छात्राओं को छोटे कपड़े ना पहनने का फरमान, SFI छात्रा उपसमीति ने किया विरोध

छात्रा उपसमीति ने प्रदेश विश्वविद्यालय में इरावती गर्ल्स हॉस्टल के मुद्दे को लेकर विरोध प्रदर्शन किया है. इसके साथ छात्रा उप समीति ने मांग की है कि जिन छात्राओं को हॉस्टल नहीं मिला है, उन्हें हॉस्टल में गेस्ट के रूप में हॉस्टल की सुविधा दी जाए.

कॉन्सेप्ट इमेज
author img

By

Published : Sep 1, 2019, 10:28 AM IST

शिमला: एचपीयू के कन्या छात्रावास इरावती में छात्राओं को छोटे कपड़े पहनने पर रोक लगाने का मुद्दा तूल पकड़ता जा रहा हैं. इन निर्देशों के विरोध में एसएफआई विवि इकाई छात्रा उपसमिति ने प्रदेश विश्वविद्यालय में इरावती गर्ल्स हॉस्टल के मुददे को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. इसके अलावा छात्रा उप समिति ने अपनी मांगों को लेकर कुलपति को ज्ञापन भी सौंपा.

छात्रा उपसमीति ने विवि प्रशासन से मांग की कि रुढ़िवादी प्रशासनिक निर्णय को जल्द वापस लिया जाए. इसके साथ छात्रा उपसमीति ने मांग की है कि जिन छात्राओं को हॉस्टल नहीं मिला है, उन्हें हॉस्टल में गेस्ट के रूप में हॉस्टल की सुविधा दी जाए. मामले को बढ़ता देख प्रदेश विश्वविद्यालय के हॉस्टल वार्डन ने कुलपति के साथ बैठक की. इस दौरान वार्डन ने इरावती गर्ल्स हॉस्टल में पहनावे को लेकर उठे विवाद और हॉस्टल के अन्य मुद्दों को लेकर अपनी बात रखी.

इरावती हॉस्टल वार्डन डॉ. शालिनी कश्मीरा ने कहा कि उन्होंने सिर्फ हॉस्टल की रूल बुक के अनुसार छात्राओं को हॉस्टल मैस और कॉमन रूम में शालीन कपड़े पहन कर आने के निर्देश दिए थे. उन्होंने कहा कि ये हॉस्टल के नियमों को लेकर पहले से जारी अधिसूचना में हैं, जिसमें शालीन कपड़े पहने की बात है. वार्डन ने कहा कि ऐसे नियम हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के हॉस्टल के लिए ही नहीं, बल्कि अन्य शिक्षण संस्थानों के लिए भी है. इसके अलावा कहा कि विवि प्रशासन के जो भी दिशा निर्देश उन्हें मिलेंगे वे अमल में लाएगें.

बता दें कि गर्ल्स हॉस्टल इरावती में वार्डन ने हॉस्टल में रहने वाली लड़कियों को शालीन पहनावे के नाम पर हॉस्टल के कॉमन रूम और मैस में छोटे कपड़े पहनने के लिए मना किया है, जिसका विरोध लगभग सभी गर्ल्स हॉस्टल में रहने वाली लड़कियों ने किया है. हॉस्टल वार्डन ने ये निर्देश जारी किए है कि मैस में पुरुष स्टॉफ काम करने वाले है, इसलिए छात्राओं का पहनावा शालीन होना जरूरी हैं. इस बात पर छात्राओं का तर्क है कि प्रदेश विश्वविद्यालय के गर्ल्स हॉस्टल के मैस में पहले से ही काम करने वाले पुरुष रहे हैं, लेकिन इतने सालों से अभी तक ऐसी कोई घटना सामने नहीं आई है.

शिमला: एचपीयू के कन्या छात्रावास इरावती में छात्राओं को छोटे कपड़े पहनने पर रोक लगाने का मुद्दा तूल पकड़ता जा रहा हैं. इन निर्देशों के विरोध में एसएफआई विवि इकाई छात्रा उपसमिति ने प्रदेश विश्वविद्यालय में इरावती गर्ल्स हॉस्टल के मुददे को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. इसके अलावा छात्रा उप समिति ने अपनी मांगों को लेकर कुलपति को ज्ञापन भी सौंपा.

छात्रा उपसमीति ने विवि प्रशासन से मांग की कि रुढ़िवादी प्रशासनिक निर्णय को जल्द वापस लिया जाए. इसके साथ छात्रा उपसमीति ने मांग की है कि जिन छात्राओं को हॉस्टल नहीं मिला है, उन्हें हॉस्टल में गेस्ट के रूप में हॉस्टल की सुविधा दी जाए. मामले को बढ़ता देख प्रदेश विश्वविद्यालय के हॉस्टल वार्डन ने कुलपति के साथ बैठक की. इस दौरान वार्डन ने इरावती गर्ल्स हॉस्टल में पहनावे को लेकर उठे विवाद और हॉस्टल के अन्य मुद्दों को लेकर अपनी बात रखी.

इरावती हॉस्टल वार्डन डॉ. शालिनी कश्मीरा ने कहा कि उन्होंने सिर्फ हॉस्टल की रूल बुक के अनुसार छात्राओं को हॉस्टल मैस और कॉमन रूम में शालीन कपड़े पहन कर आने के निर्देश दिए थे. उन्होंने कहा कि ये हॉस्टल के नियमों को लेकर पहले से जारी अधिसूचना में हैं, जिसमें शालीन कपड़े पहने की बात है. वार्डन ने कहा कि ऐसे नियम हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के हॉस्टल के लिए ही नहीं, बल्कि अन्य शिक्षण संस्थानों के लिए भी है. इसके अलावा कहा कि विवि प्रशासन के जो भी दिशा निर्देश उन्हें मिलेंगे वे अमल में लाएगें.

बता दें कि गर्ल्स हॉस्टल इरावती में वार्डन ने हॉस्टल में रहने वाली लड़कियों को शालीन पहनावे के नाम पर हॉस्टल के कॉमन रूम और मैस में छोटे कपड़े पहनने के लिए मना किया है, जिसका विरोध लगभग सभी गर्ल्स हॉस्टल में रहने वाली लड़कियों ने किया है. हॉस्टल वार्डन ने ये निर्देश जारी किए है कि मैस में पुरुष स्टॉफ काम करने वाले है, इसलिए छात्राओं का पहनावा शालीन होना जरूरी हैं. इस बात पर छात्राओं का तर्क है कि प्रदेश विश्वविद्यालय के गर्ल्स हॉस्टल के मैस में पहले से ही काम करने वाले पुरुष रहे हैं, लेकिन इतने सालों से अभी तक ऐसी कोई घटना सामने नहीं आई है.

Intro:हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कन्या छात्रावास इरावती में छात्राओं को छोटे कपड़े पहनने पर रोक लगाने का मुद्दा तूल पकड़ता जा रहा हैं। हालांकि मामले को लेकर कोई लिखित निर्देश ना तो हॉस्टल की वार्डन की ओर से जारी किए गए है मात्र मौखिक रूप से छात्राओं यह निर्देश जारी किए है लेकिन निर्देशों के बाद यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इन निर्देशों के विरोध में एसएफआई विवि इकाई छात्रा उपसमिती ने प्रदेश विश्वविद्यालय में इरावती गर्ल्स होस्टल के मुददे को लेकर विरोध प्रदर्शन किया । वहीं रूल बुक से इस नियम को हटाने की भी छात्राओं ने मांग की। छात्रा उप समिति ने अपनी मांगों को लेकर कुलपति को ज्ञापन भी सौंपा।
Body:बता दे कि गर्ल्स हॉस्टल ईरावती में वार्डन ने हॉस्टल में रहने वाली लड़कियों को शालीन पहनावे के नाम पर हॉस्टल के कॉमन रूम ओर मैस में छोटे कपड़े पहनने के लिए मना किया गया है, जिसका विरोध लगभग सभी गर्ल्स होस्टल में रहने वाली लड़कियों ने किया है। हॉस्टल वार्डन ने यह निर्देश जारी किए है मैस में पुरूष स्टॉफ काम करने वाले है ऐसे में छात्राओं का पहनावा शालीन होना जरूरी हैं। इस बात पर छात्राओं का तर्क है कि प्रदेश विश्वविद्यालयके गर्ल्स हॉस्टल के मैस में पहले से ही काम करने वाले पुरुष रहे हैं । इतने वर्षों से अभी तक ऐसी कोई घटना सामने नहीं आई है व अब इस प्रकार की अधिसूचना जारी की गई है। छात्रा उपसमिती ने विवि प्रशासन से मांग की कि रूढि़वादी प्रशासनिक निर्णय को जल्द वापिस लिया जाए । इसके साथ छात्रा उप समीति ने ये भी मांग की है कि जिन छात्राओं को हॉस्टल नहीं मिला है उन्हें हॉस्टल में गेस्ट के रूप में हॉस्टल की सुविधा दी जाए।
Conclusion:वहीं इस मामले को बढ़ता देख प्रदेश विश्वविद्यालय के हॉस्टल वार्डनस ने कुलपति के साथ बैठक की। इस दौरान वार्डनस ने ईरावती गर्ल्स हॉस्टल में पहनावे को लेकर उठे विवाद और हॉस्टल के अन्य मुद्दों को लेकर अपनी बात रखी। ईरावती हॉस्टल वार्डन डॉ शालिनी कश्मीरा ने कहा कि उन्होंने सिर्फ हॉस्टल की रूल बुक के अनुसार छात्राओं को हॉस्टल मैस और कॉमन रूम में शालीन कपड़े पहन कर आने के निर्देश दिए थे। उन्होंने कहा कि यह हॉस्टल के नियमों को लेकर पहले से जारी अधिसूचना में हैं, जिसमें शालीन कपड़े पहने की बात है व अलग से कोई अधिसूचना जारी नहीं की गई। वार्डन ने कहा कि ऐसे नियम हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के हॉस्टल के लिए ही नहीं बल्कि अन्य शिक्षण संस्थानों के लिए भी है। डॉ शालिनी कश्मीरा ने कहा कि कुलपति से बैठक में गर्ल्स हॉस्टल को लेकर जो समस्या आ रही है उस पर बात रखी गई है। उन्होने कहा कि इस बारे में विवि प्रशासन के जो भी दिशा निर्देश उन्हें मिलेंगे वे अमल में लाएगें।

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.