शिमला: पुलिस टीम ने देवभूमि क्षत्रिय संगठन के प्रदेश अध्यक्ष (state president of devbhoomi kshatriya sangathan) रुमित ठाकुर (rumit thakur arrested ) सहित उनके दो साथियों मदन ठाकुर व दीपक चौहान को गिरफ्तार किया है. रात एक बजे शोघी स्थित होटल से इन्हें गिरफ्तार किया गया है. इन सभी को बालूगंज थाना में रखा गया है. बताया जा रहा है कि दोपहर तक इन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा. हालांकि अभी इसको लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.
पुलिस ने इन पर दो अलग अलग मामले दर्ज किए हैं. पहले मामले के तहत आईपीसी की धारा 307 (हत्या का प्रयास) भी लगाई गई है. ऐसी सूचना है कि प्रदर्शन के दौरान पुलिस जवानों पर हमले के कारण ये धारा लगाई गई है. पुलिस ने आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 341, 353, 332, 307 और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का मामला दर्ज किया है. इसके अलावा आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 341, 188 भी लगाई है.
बता दें कि हिमाचल प्रदेश के बजट सत्र में सामान्य आयोग को लेकर कोई प्रावधान नहीं किया गया, जिसके विरोध में बुधवार को देवभूमि क्षत्रिय संगठन ने तारा देवी से शिमला तक पैदल मार्च कर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी और प्रदर्शन किया. पुलिस कर्मियों द्वारा रोके जाने पर उन पर पथराव भी किया, जिसके कारण शिमला एएसपी समेत कुछ पुलिसकर्मियों को गंभीर चोटें आई हैं.
सीएम ने की थी सामान्य वर्ग आयोग के गठन की घोषणा: र्मशाला में सवर्ण आयोग के गठन की मांग को लेकर हुए प्रदर्शन के बाद सीएम जयराम ठाकुर ने सामान्य वर्ग आयोग के गठन की घोषणा की थी, लेकिन कई माह बीत जाने के बाद आयोग की कार्रवाई आगे नहीं बढ़ी, जिसको लेकर एक बार फिर देवभूमि क्षत्रिय संगठन एक बार फिर सड़कों पर है.
बजट सत्र में विधेयक लाने का सीएम ने दिया था आश्वासन: मंत्री जयराम ठाकुर ने सवर्ण समाज के आंदोलन कारियों के बीच मे जाकर मध्यप्रदेश की तर्ज पर हिमाचल में एक साल के लिए सामान्य वर्ग आयोग बनाने का ऐलान किया था और मौके पर ही इसकी अधिसूचना जारी की थी. सीएम जयराम ने सवर्ण समाज को आश्वासन दिया था कि आगामी बजट सत्र में सरकार विधानसभा में संवैधानिक रूप से सवर्ण आयोग के गठन को लेकर विधेयक लाया जाएगा, लेकिन बजट सत्र बीत जाने के बाद भी इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया. जिसके बाद समाज के लोग प्रदर्शन करने के लिए शिमला में इकट्ठा हुए हैं.
सरकार ने बताई थी सामान्य आयोग की कार्यप्रणाली: राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से सामान्य वर्ग आयोग के लिए जारी नोटिफिकेशन में आयोग कार्यप्रणाली और स्वरूप के बारे में स्थिति स्पष्ट की गई थी. सामान्य वर्ग आयोग में एक अध्यक्ष और 2 सदस्य होंगे. राज्य सरकार में संयुक्त सचिव स्तर का अधिकारी इसका सदस्य सचिव होगा. आयोग का मुख्यालय शिमला में होगा. आयोग का कार्यकाल 1 साल का होगा जिसे आगे भी बढ़ाया जा सकता है. इसकी कार्यप्रणाली और स्वरूप के बारे में भी स्थिति स्पष्ट कर दी गई है.
हिमाचल की राजनीति में सवर्ण समाज का दबदबा: हिमाचल की राजनीति में सवर्ण समाज (upper caste commission in himachal) का ही दबदबा रहा है. इसमें भी राजपूत हावी रहे हैं. हिमाचल के पहले मुख्यमंत्री डॉ. यशवंत सिंह परमार से लेकर मौजूदा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर तक राजपूत समुदाय से आते हैं. हिमाचल में केवल शांता कुमार ही ब्राह्मण समुदाय से मुख्यमंत्री रहे हैं. वहीं, हिमाचल में दलित वर्ग का कोई राजनेता मुख्यमंत्री पद तक नहीं पहुंचा है. अलबत्ता विधानसभा अध्यक्ष से लेकर कैबिनेट मंत्री जरूर दलित वर्ग से बनते रहे हैं. भाजपा ने पहली बार एक दलित नेता के हाथ हिमाचल में पार्टी की कमान सौंपी है.
जातिगत आंकड़ें: यदि पूर्व की जनगणना को देखें तो हिमाचल प्रदेश की आबादी 68 लाख 56 हजार 509 है. इस आबादी में अनुसूचित जाति के लोगों की संख्या 25.22 फीसदी है. कुल आबादी में अनुसूचित जाति के लोगों की संख्या 17 लाख 29 हजार 252 है. इसी तरह एसटी 3 लाख 92 हजार 126 (5.71 परसेंट) ओबीसी 9 लाख 27 हजार 452 (13.52 प्रतिशत) स्वर्ण 50.72 प्रतिशत और अल्पसंख्यक 4.83 प्रतिशत हैं.
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