शिमला: आज सोशल मीडिया लोगों की जिंदगी का अहम हिस्सा बन गया है. सोशल मीडिया मनोरंजन से लेकर जानकारियां पाने, दोस्तों के साथ जुड़े रहने और अपनी बात दुनिया तक पहुंचाने तक का जरिया है. आधुनिकता के इस दौर में अपराध का तरीका बदल गया है. अब दिन प्रतिदिन आनलाइन फ्रॉड या साइबर अपराध के मामले बढ़ते जा रहे हैं. अब साइबर ठग भी अपना ठगी का तरीका बदल रहे हैं. अब साइबर ठग वीडियो कॉल के जरिए भी लोगों को चूना लगा रहे हैं.
वीडियो कॉल के जरिए ठगी
राजधानी शिमला की बात करें तो यहां भी वीडियो कॉल के जरिए ठगी या ब्लैकमेलिंग का मामला सामने आया है. पीड़ित शख्स ने मेल के जरिये साइबर सेल में अपनी शिकायत भेजी थी. शिमला में ठगों ने एक महिला के सहारे एक शख्स को फोन करवाया. रॉन्ग नंबर के बावजूद शख्स और महिला के बीच बातचीत हुई. महिला के साथ पीड़ित की वीडियो कॉल पर कई बार बातचीत हुई और इसी दौरान साइबर ठगों ने पीड़ित का न्यूड वीडियो रिकॉर्ड कर लिया. इसके बाद महिला ने पीड़ित शख्स से रुपयों की मांग करनी शुरू कर दी और पैसे ना देने पर वीडियो को वायरल करने की धमकी देने लगी. आरोपियों की धमकी और बदनामी के डर से उसने साइबर ठगों के बताए ई-वॉलेट में 70 हजार रुपये जमा करवा दिए.
प्लानिंग के साथ वारदात को अंजाम
इस तरह के मामलों को अंजाम देने के लिए शातिरों द्वारा ज्यादातर महिलाओं का इस्तेमाल किया जा है. साइबर ठग महिलाओं के सहारे पुरुषों को फंसाते हैं. भरोसे से लेकर दोस्ती और प्यार तक का सहारा लिया जाता है. इसे सीधे शब्दों में ब्लैकमेलिंग कह सकते हैं लेकिन इसे बकायदा पूरी प्लानिंग और जाल बिछाकर अंजाम दिया जाता है.
पुलिस तक पहुंचा मामला
इसके बाद पीड़ित शख्स ने मेल के जरिये एक शिकायत साइबर पुलिस को भेजी. साइबर सेल ने मामला दर्ज कर पीड़ित द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर जांच शुरू कर दी. बैंक की मदद से उस ई-वॉलेट का पता लगवाया गया, जिसमें पीड़ित ने 70 हजार रुपये जमा करवाए थे. जब तक साइबर पुलिस ई-वॉलेट तक पहुंची शातिर ठगों ने ज्यादातर रुपये निकाल लिए थे. ई-वॉलेट में सिर्फ 25 हजार रुपये ही बचे थे. पुलिस ने उस अकाउंट फ्रीज करवाया और वॉलेट से बरामद 25 हजार रुपये पीड़ित को लौटाए गए.
क्या कहना है एएसपी नरवीर सिंह राठौर का
इस संबंध में शिमला साइबर विभाग के एएसपी नरवीर सिंह राठौर ने कहा कि शातिर फर्जी नंबर के जरिए सोशल मीडिया पर फेक आईडी बना लेता है. प्रोफाइल में किसी लोकल व्यक्ति का फोटो लगा दिया जाता है. फेक आईडी के जरिए महिला या किसी लड़की रिक्वेस्ट भेजी जाती है. फ्रेंड रिक्वेट स्वीकार होने के बाद फिर बातचीत का दौर शुरू होता है और यह वीडियो कॉल तक भी पहुंच जाती है.
पहले शातिरों द्वारा फेसबुक या किसी अन्य सोशल एप माध्यम से लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजे जाते हैं. फिर इसके बाद उनसे मैसेंजर के जरिए बातचीत की जाती है. धीरे-धीरे बातचीत का सिलसिला बढ़ता जाता है. वीडियो कॉल तक बात पहुंच जाती है. शातिर की ओर से यूजर से वल्गर चैट भी किया जाता है. फिर न्यूड वीडियो कॉल करने के लिए कहा जाता है.
रिकॉर्ड वीडियो वायरल करने की धमकी
वीडियो कॉल को ठगों द्वारा रिकॉर्ड कर लिया जाता है. फिर उस चैट या वीडियो कॉल को वायरल करने की धमकी देकर रुपयों की मांग की जाती है. इस प्रकार से साइबर ठग युवक युवतियों को अपने जाल में फंसा कर उन्हें ब्लैकमेल कर ठगी की वारदात को अंजाम दे रहे हैं.
कई बार शातिरों द्वारा लड़कियों के माध्यम से न्यूड व्हाट्सएप कॉल करा के उसका वीडियो बनाते हैं और फिर इसके जरिये लोगों को ब्लैकमेल कर पैसों की मांग करते हैं.
एएसपी का कहना है कि अगर किसी को सोशल मीडिया पर अज्ञात फ्रेंड रिक्वेस्ट या व्हाट्सएप पर कोई वीडियो कॉल आती है तो उसे रिसीव न करें. इस मामले की जानकारी साइबर विभाग को जरूर दें. एएसपी का कहना है कि सावधानियां ही ऐसे मामलों में बचाव का तरीका है और हम ठगी के शिकार होने से बच सकते हैं.
आपकी सावधानी, आपका हथियार
साइबर एक्सपर्ट्स की मानें को हनीट्रैप जैसे मामलों में आपकी सतर्कता और सावधानी ही ऐसे शातिरों को सबक सिखा सकती है. आज सोशल मीडिया पर हम अनजान लोगों से दोस्ती कर लेते हैं. जिसका फायदा साइबर ठग उठा लेते हैं.
- सोशल मीडिया पर अनजान लोगों से दोस्ती ना करें.
- अंजान लोगों के साथ चैटिंग या वीडियो चैट ना करें.
- ठग आपका वीडियो रिकॉर्ड कर सकते हैं.
- आपकी फोटो को एडिट करके न्यूड कर सकते हैं.
- हनीट्रैप में फंसे शख्स को ठग दिखाते हैं बदनामी का डर.
- डरकर ठगों को पैसे देने जैसी मांग को स्वीकार ना करें.
- डर का फायदा उठाकर भविष्य में भी ठग ब्लैकमेल कर सकते हैं.
- हनीट्रैप में फंसने पर तुरंत इसकी शिकायत साइबर सेल को दें.
क्या है हनीट्रैप ?
हनी यानि शहद और ट्रैप यानि जाल. हनीट्रैप यानि एक ऐसा जाल जिसमें फंसने वाले को अंदाजा भी नहीं होता कि वो किस मुश्किल में फंस सकता है. हनीट्रैप के मामलों को अंजाम देने के लिए ज्यादातर महिलाओं का इस्तेमाल किया जाता है और हनीट्रैप में पुरुषों को फंसाया जाता है.
साइबर ठग महिलाओं के सहारे पुरुषों को फंसाते हैं. भरोसे से लेकर दोस्ती और प्यार तक का सहारा लिया जाता है. इस दौरान महिला की तरफ से शिकार बनाए जा रहे शख्स के बारे में कोई सीक्रेट या उसकी न्यूड तस्वीर या वीडियो ले ली जाती है. इसके सहारे पीड़ित से कोई जानकारी, सीक्रेट या रुपये ऐंठे जाते हैं. इसे सीधे शब्दों में ब्लैकमेलिंग कह सकते हैं लेकिन इसे बकायदा पूरी प्लानिंग और जाल बिछाकर अंजाम दिया जाता है.
ये भी पढ़ें: साइबर ठगी का नया पैंतरा! वीडियो कॉल पर लोग हो रहे शिकार