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SPECIAL रिपोर्ट: जनजातीय जिला किन्नौर में कितनी बदली स्वास्थ्य सेवाओं की तस्वीर? - क्षेत्रीय अस्पताल रिकांगपिओ

जनजातीय जिला किन्नौर में सरकार की ओर से दी जा रही स्वास्थ्य सुविधाओं पर लोगों ने संतोष जताया है. बात अगर क्षेत्रीय अस्पताल रिकांगपिओ की करें तो यहां सभी वार्डों में बिस्तर अच्छी गुणवत्ता के हैं. सफाई के मामलों में भी क्षेत्रीय अस्पताल रिकांगपिओ बेहतर है. चिकित्सालय प्रबंधन की ओर से सफाई व्यवस्था पर भी नजर रखी जाती है. रिकांगपिओ क्षेत्रीय अस्पताल में इलाज करवाने पहुंचे मरीज भी यहां की सुविधाओं से संतुष्ट हैं. मरीजों का कहना है कि यहां उन्हें सारी तरह सुविधाएं दी जा रही है.

किन्नौर में स्वास्थ्य सुविधा
किन्नौर में स्वास्थ्य सुविधा
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Published : Jan 5, 2021, 5:42 PM IST

Updated : Jan 5, 2021, 5:58 PM IST

किन्नौर: सूबे की जयराम सरकार लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने पर जोर दे रही है. प्रदेश सरकार की ओर से लोगों के लिए स्वास्थ्य योजना भी शुरू की गई है. जिसका लाभ लोगों को मिल रहा है. अगर बात जनजातीय जिला किन्नौर की करें तो यहां लोगों को बेहतर सुविधा देने के भरसक प्रयास किए जा रहे हैं.

किन्नौर में 62 डॉक्टरों की तैनाती

किन्नौर एक पहाड़ी व दुर्गम क्षेत्र है. यहां की भौगोलिक परिस्थितियां दूसरे क्षेत्रों से काफी अलग है. 90 हजार की आबादी वाले इस जिले में क्षेत्रीय चिकित्सालय के अलावा एक सिविल अस्पताल, 4 सीएचसी, 24 पीएचसी है. इन अस्पतालों में 62 डॉक्टरों की तैनाती हो चुकी है. रिकांगपिओ क्षेत्रीय अस्पताल के वार्ड्स में 125 बेड हैं, जबकि पीएचसी में 35 और सीएचसी में कुल 15 बेड हैं.

जिला किन्नौर में लंबे समय से अल्ट्रासाउंड के रेडियोलॉजिस्ट के पद को लेकर भी पक्ष-विपक्ष में आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला था. क्षेत्र में डॉक्टरों की कमी को लेकर भी कई बार राजनीतिक दल सड़कों पर भी उतर चुके हैं. हालांकि जिला के क्षेत्रीय चिकित्सालय में डॉक्टरों की तैनाती भी हो चुकी है. वहीं, चिकित्सालय में करीब सभी कर्मचारियों की पदोन्नति भी हो चुकी है.

स्पेशल रिपोर्ट

बात अगर क्षेत्रीय अस्पताल रिकांगपिओ की करें तो यहां सभी वार्डों में बिस्तरअच्छी गुणवत्ता के हैं. सफाई के मामलों में भी क्षेत्रीय अस्पताल रिकांगपिओ बेहतर है. चिकित्सालय प्रबंधन की ओर से सफाई व्यवस्था पर भी नजर रखी जाती है. अस्पताल में महिलाओं, पुरुषों व बच्चों के वार्ड में सर्दियों में ठंड से बचाव के लिए इलेक्ट्रॉनिक हीटर, मरीजों के लिए मोटे कंबल, साफ-सुथरे बेड की व्यवस्था व खाने-पीने की अच्छी गुणवत्तापूर्ण खाद्य पदार्थ दिए जा रहे हैं. लोगों को जागरूक करने के लिए समय-समय कार्यशाला का भी आयोजन किया जाता है.

अस्पताल में दी जा रही सुविधाओं से मरीज संतुष्ट

रिकांगपिओ क्षेत्रीय अस्पताल में इलाज करवाने पहुंचे मरीज भी यहां की सुविधाओं से संतुष्ट हैं. मरीजों का कहना है कि यहां उन्हें सारी तरह सुविधाएं दी जा रही हैं. खाना, इलाज, सफाई, दवाई यहां पर सभी की अच्छी व्यवस्था है. जिला किन्नौर के सभी चिकित्सालयों के भवन अच्छे स्थिति में हैं. रिकांगपिओ चिकित्सालय को कायाकल्प के लिए वर्ष 2016-17 में केंद्र सरकार द्वारा 50 लाख की राशि से सम्मानित भी किया गया था.

किन्नौर में क्षेत्रीय चिकित्सालय के अलावा दुर्गम क्षेत्रों के सीएचसी व पीएचसी में आपातकाल परिस्थितियों के लिए बेड, दवाओं, प्राथमिक उपचार समेत ऑक्सीजन सिलेंडर की पूरी व्यवस्था है. हालांकि जिला के कई क्षेत्रों में सड़क सुविधा का आभाव है. जिससे मरीजों और गर्भवती महिलाओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. कई बार मरीजों को कंधे पर उठाकर मुख्य सड़क तक लाया जाता है, उसके बाद मरीजों को अस्पताल पहुंचाया जाता है.

क्या कहते हैं सीएमओ किन्नौर

सीएमओ किन्नौर डॉक्टर सोनम नेगी ने कहा कि जिला में पिछले दो वर्षों में डॉक्टरों के पदों को भी सरकार ने भर दिए हैं. कुछेक क्षेत्रों में सीएचसी व पीएचसी में स्वास्थ्य कर्मचारियों की कमी है. स्वास्थ्य विभाग रिकांगपिओ की ओर से सरकार को इस बारे में चिट्ठी भी लिखी गई है. सरकार की ओर से इस विषय में सकारात्मक जवाब भी मिला है.

सीएमओ किन्नौर ने कहा कि दुर्गम क्षेत्रों में सर्दियों के लिए दवाइयां, ऑक्सीजन सिलेंडर, आपातकालीन स्थिति में दिए जाने वाले उपचार के सामान, 108 एंबुलेंस की व्यवस्था व दूरदराज क्षेत्रों से मरीजों को चिकित्सालय तक पहुंचाने के लिए स्ट्रेचर इत्यादि की सुविधाएं प्राप्त हैं.

विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा करीब 500 ऑपरेशन किया गया

सीएमओ ने कहा कि जिला के मुख्यालय रिकांगपिओ चिकित्सालय में अल्ट्रासाउंड मशीन, एक्सरे मशीन व इनको ऑपरेट करने वाले स्पेशलिस्टों की पदोन्नति भी हो चुकी है. क्षेत्रीय चिकित्सालय में करीब डेढ़ वर्षों के मध्य अलग-अलग स्वास्थ्य सबंधी करीब 500 ऑपरेशन विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा किया गया है, जो एक बड़ी बात है.

किन्नौर: सूबे की जयराम सरकार लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने पर जोर दे रही है. प्रदेश सरकार की ओर से लोगों के लिए स्वास्थ्य योजना भी शुरू की गई है. जिसका लाभ लोगों को मिल रहा है. अगर बात जनजातीय जिला किन्नौर की करें तो यहां लोगों को बेहतर सुविधा देने के भरसक प्रयास किए जा रहे हैं.

किन्नौर में 62 डॉक्टरों की तैनाती

किन्नौर एक पहाड़ी व दुर्गम क्षेत्र है. यहां की भौगोलिक परिस्थितियां दूसरे क्षेत्रों से काफी अलग है. 90 हजार की आबादी वाले इस जिले में क्षेत्रीय चिकित्सालय के अलावा एक सिविल अस्पताल, 4 सीएचसी, 24 पीएचसी है. इन अस्पतालों में 62 डॉक्टरों की तैनाती हो चुकी है. रिकांगपिओ क्षेत्रीय अस्पताल के वार्ड्स में 125 बेड हैं, जबकि पीएचसी में 35 और सीएचसी में कुल 15 बेड हैं.

जिला किन्नौर में लंबे समय से अल्ट्रासाउंड के रेडियोलॉजिस्ट के पद को लेकर भी पक्ष-विपक्ष में आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला था. क्षेत्र में डॉक्टरों की कमी को लेकर भी कई बार राजनीतिक दल सड़कों पर भी उतर चुके हैं. हालांकि जिला के क्षेत्रीय चिकित्सालय में डॉक्टरों की तैनाती भी हो चुकी है. वहीं, चिकित्सालय में करीब सभी कर्मचारियों की पदोन्नति भी हो चुकी है.

स्पेशल रिपोर्ट

बात अगर क्षेत्रीय अस्पताल रिकांगपिओ की करें तो यहां सभी वार्डों में बिस्तरअच्छी गुणवत्ता के हैं. सफाई के मामलों में भी क्षेत्रीय अस्पताल रिकांगपिओ बेहतर है. चिकित्सालय प्रबंधन की ओर से सफाई व्यवस्था पर भी नजर रखी जाती है. अस्पताल में महिलाओं, पुरुषों व बच्चों के वार्ड में सर्दियों में ठंड से बचाव के लिए इलेक्ट्रॉनिक हीटर, मरीजों के लिए मोटे कंबल, साफ-सुथरे बेड की व्यवस्था व खाने-पीने की अच्छी गुणवत्तापूर्ण खाद्य पदार्थ दिए जा रहे हैं. लोगों को जागरूक करने के लिए समय-समय कार्यशाला का भी आयोजन किया जाता है.

अस्पताल में दी जा रही सुविधाओं से मरीज संतुष्ट

रिकांगपिओ क्षेत्रीय अस्पताल में इलाज करवाने पहुंचे मरीज भी यहां की सुविधाओं से संतुष्ट हैं. मरीजों का कहना है कि यहां उन्हें सारी तरह सुविधाएं दी जा रही हैं. खाना, इलाज, सफाई, दवाई यहां पर सभी की अच्छी व्यवस्था है. जिला किन्नौर के सभी चिकित्सालयों के भवन अच्छे स्थिति में हैं. रिकांगपिओ चिकित्सालय को कायाकल्प के लिए वर्ष 2016-17 में केंद्र सरकार द्वारा 50 लाख की राशि से सम्मानित भी किया गया था.

किन्नौर में क्षेत्रीय चिकित्सालय के अलावा दुर्गम क्षेत्रों के सीएचसी व पीएचसी में आपातकाल परिस्थितियों के लिए बेड, दवाओं, प्राथमिक उपचार समेत ऑक्सीजन सिलेंडर की पूरी व्यवस्था है. हालांकि जिला के कई क्षेत्रों में सड़क सुविधा का आभाव है. जिससे मरीजों और गर्भवती महिलाओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. कई बार मरीजों को कंधे पर उठाकर मुख्य सड़क तक लाया जाता है, उसके बाद मरीजों को अस्पताल पहुंचाया जाता है.

क्या कहते हैं सीएमओ किन्नौर

सीएमओ किन्नौर डॉक्टर सोनम नेगी ने कहा कि जिला में पिछले दो वर्षों में डॉक्टरों के पदों को भी सरकार ने भर दिए हैं. कुछेक क्षेत्रों में सीएचसी व पीएचसी में स्वास्थ्य कर्मचारियों की कमी है. स्वास्थ्य विभाग रिकांगपिओ की ओर से सरकार को इस बारे में चिट्ठी भी लिखी गई है. सरकार की ओर से इस विषय में सकारात्मक जवाब भी मिला है.

सीएमओ किन्नौर ने कहा कि दुर्गम क्षेत्रों में सर्दियों के लिए दवाइयां, ऑक्सीजन सिलेंडर, आपातकालीन स्थिति में दिए जाने वाले उपचार के सामान, 108 एंबुलेंस की व्यवस्था व दूरदराज क्षेत्रों से मरीजों को चिकित्सालय तक पहुंचाने के लिए स्ट्रेचर इत्यादि की सुविधाएं प्राप्त हैं.

विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा करीब 500 ऑपरेशन किया गया

सीएमओ ने कहा कि जिला के मुख्यालय रिकांगपिओ चिकित्सालय में अल्ट्रासाउंड मशीन, एक्सरे मशीन व इनको ऑपरेट करने वाले स्पेशलिस्टों की पदोन्नति भी हो चुकी है. क्षेत्रीय चिकित्सालय में करीब डेढ़ वर्षों के मध्य अलग-अलग स्वास्थ्य सबंधी करीब 500 ऑपरेशन विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा किया गया है, जो एक बड़ी बात है.

Last Updated : Jan 5, 2021, 5:58 PM IST
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