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स्कूलों के लिए शिक्षा विभाग ने जारी की SOP, इन बातों का रखना होगा ध्यान

मंत्रिमंडल में लिए गए फैसले के तहत 21 सितंबर से मात्र उन्हीं स्कूलों को खोला जाएगा जो कंटेनमेंट जोन से बाहर है. कंटेनमेंट जोन में जो स्कूल है वह बंद रहेंगे. इसके साथ यह भी सपष्ट कर दें कि स्कूल खोले नहीं जा रहे हैं. यानी कक्षाएं स्कूलों में छात्रों की नहीं लगेगी मात्र परामर्श के लिए ही छात्र स्कूल आ सकेंगे, लेकिन 50 फीसदी शिक्षक जरूर स्कूल आएंगे.

SOP released by education department for opening schools in Himachal pradesh
शिक्षा विभाग
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Published : Sep 19, 2020, 3:35 PM IST

Updated : Sep 19, 2020, 3:46 PM IST

शिमलाः 21 सितंबर से प्रदेश के स्कूल खोले जा रहे हैं. मंत्रिमंडल में लिए गए फैसले के तहत जहां 50 फीसदी शिक्षक स्कूलों में आएंगे, वहीं नौंवी से लेकर बाहरवीं कक्षा तक के छात्र भी शिक्षकों से गाइडेंस लेने के लिए स्कूल आ सकेंगे, लेकिन इसके लिए उन्हें अपने अभिभावकों की मंजूरी लेना जरूरी होगा.

मंत्रिमंडल के फैसले के बाद अब किस तरह के नियम स्कूलों को खोलने पर रहेंगे उसे लेकर एसओपी शिक्षा विभाग की ओर से जारी कर दी गई है. विभाग की ओर से जारी की गई एसओपी में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही स्कूल परिसर की सफाई के लिए नियम कड़े रखें गए है.

इसके अलावा विभाग की ओर से जारी एसओपी में साफ किया गया है कि जो भी छात्र स्कूल खुलने के बाद स्कूल में आएंगे उन्हें बाहर खुले में शिक्षक पढ़ाएंगे. शिक्षकों और छात्रों के बीच 6 फीट की दूरी को जरूरी है.

स्कूल के प्रवेश गेट पर ही थर्मल स्कैनिंग की जाएगी. इसके बाद ही स्कूल कैंपस में प्रवेश दिया जाएगा. स्कूलों में सेनिटाइजेशन के साथ ही हाथ धोने के लिए साबुन भी रखना जरूरी होगा.

वहीं, विभाग ने अपनी एसओपी में यह भी स्पष्ट किया है कि बच्चों को स्कूल आने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा. वह चाहते हैं कि उन्हें शिक्षक से किसी तरह की कोई राय लेनी है, तो उसके लिए वह अपने अभिभावकों की लिखित अनुमति मिलने के बाद ही स्कूल आ सकेंगे. स्कूल आने के लिए छात्र को अभिभावकों की लिखित अनुमति अपने साथ लेकर आना होगा.

इसके अलावा स्कूल आने के लिए छात्रों को अलग-अलग समय दिया जाएगा. छात्रों को स्कूल के कैंपस में एकत्र नहीं होने दिया जाएगा और न ही खेलकूद जैसी गतिविधियां व प्रार्थना नहीं करवाई जाएगी.

किसी छात्र में जुखाम, खांसी, फ्लू और बुखार जैसे लक्षण होने पर उन्हें स्कूल में आने की अनुमति नहीं दी जाएगी. वहीं, कोई बच्चा बीमार महसूस करता है, तो उसकी तुरंत जानकारी अधिकारियों और शिक्षकों को देनी होगी.

शनिवार और रविवार को स्कूलों में इसके लिए विशेष सफाई अभियान चलाया जाएगा. शिक्षा विभाग ने भी स्पष्ट किया है कि बायोमेट्रिक पर शिक्षकों और गैर शिक्षकों की हाजिरी नहीं लगाई जाएगी. इसके अलावा सोमवार से कौन से शिक्षक स्कूल आएंगे इसके लिए रोस्टर भी विभाग की ओर से जारी किया जाएगा.

कंटेनमेंट जोन के बंद रहेंगे स्कूल

वहीं, मंत्रिमंडल में लिए गए फैसले के तहत 21 सितंबर से मात्र उन्हीं स्कूलों को खोला जाएगा जो कंटेनमेंट जोन से बाहर है. कंटेनमेंट जोन में जो स्कूल है वह बंद रहेंगे.

इसके साथ यह भी सप्ष्ट कर दें कि स्कूल खोले नहीं जा रहे हैं. यानी कक्षाएं स्कूलों में छात्रों की नहीं लगेगी मात्र परामर्श के लिए ही छात्र स्कूल आ सकेंगे, लेकिन 50 फीसदी शिक्षक जरूर स्कूल आएंगे.

शिमलाः 21 सितंबर से प्रदेश के स्कूल खोले जा रहे हैं. मंत्रिमंडल में लिए गए फैसले के तहत जहां 50 फीसदी शिक्षक स्कूलों में आएंगे, वहीं नौंवी से लेकर बाहरवीं कक्षा तक के छात्र भी शिक्षकों से गाइडेंस लेने के लिए स्कूल आ सकेंगे, लेकिन इसके लिए उन्हें अपने अभिभावकों की मंजूरी लेना जरूरी होगा.

मंत्रिमंडल के फैसले के बाद अब किस तरह के नियम स्कूलों को खोलने पर रहेंगे उसे लेकर एसओपी शिक्षा विभाग की ओर से जारी कर दी गई है. विभाग की ओर से जारी की गई एसओपी में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही स्कूल परिसर की सफाई के लिए नियम कड़े रखें गए है.

इसके अलावा विभाग की ओर से जारी एसओपी में साफ किया गया है कि जो भी छात्र स्कूल खुलने के बाद स्कूल में आएंगे उन्हें बाहर खुले में शिक्षक पढ़ाएंगे. शिक्षकों और छात्रों के बीच 6 फीट की दूरी को जरूरी है.

स्कूल के प्रवेश गेट पर ही थर्मल स्कैनिंग की जाएगी. इसके बाद ही स्कूल कैंपस में प्रवेश दिया जाएगा. स्कूलों में सेनिटाइजेशन के साथ ही हाथ धोने के लिए साबुन भी रखना जरूरी होगा.

वहीं, विभाग ने अपनी एसओपी में यह भी स्पष्ट किया है कि बच्चों को स्कूल आने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा. वह चाहते हैं कि उन्हें शिक्षक से किसी तरह की कोई राय लेनी है, तो उसके लिए वह अपने अभिभावकों की लिखित अनुमति मिलने के बाद ही स्कूल आ सकेंगे. स्कूल आने के लिए छात्र को अभिभावकों की लिखित अनुमति अपने साथ लेकर आना होगा.

इसके अलावा स्कूल आने के लिए छात्रों को अलग-अलग समय दिया जाएगा. छात्रों को स्कूल के कैंपस में एकत्र नहीं होने दिया जाएगा और न ही खेलकूद जैसी गतिविधियां व प्रार्थना नहीं करवाई जाएगी.

किसी छात्र में जुखाम, खांसी, फ्लू और बुखार जैसे लक्षण होने पर उन्हें स्कूल में आने की अनुमति नहीं दी जाएगी. वहीं, कोई बच्चा बीमार महसूस करता है, तो उसकी तुरंत जानकारी अधिकारियों और शिक्षकों को देनी होगी.

शनिवार और रविवार को स्कूलों में इसके लिए विशेष सफाई अभियान चलाया जाएगा. शिक्षा विभाग ने भी स्पष्ट किया है कि बायोमेट्रिक पर शिक्षकों और गैर शिक्षकों की हाजिरी नहीं लगाई जाएगी. इसके अलावा सोमवार से कौन से शिक्षक स्कूल आएंगे इसके लिए रोस्टर भी विभाग की ओर से जारी किया जाएगा.

कंटेनमेंट जोन के बंद रहेंगे स्कूल

वहीं, मंत्रिमंडल में लिए गए फैसले के तहत 21 सितंबर से मात्र उन्हीं स्कूलों को खोला जाएगा जो कंटेनमेंट जोन से बाहर है. कंटेनमेंट जोन में जो स्कूल है वह बंद रहेंगे.

इसके साथ यह भी सप्ष्ट कर दें कि स्कूल खोले नहीं जा रहे हैं. यानी कक्षाएं स्कूलों में छात्रों की नहीं लगेगी मात्र परामर्श के लिए ही छात्र स्कूल आ सकेंगे, लेकिन 50 फीसदी शिक्षक जरूर स्कूल आएंगे.

Last Updated : Sep 19, 2020, 3:46 PM IST
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