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हाथरस कांड: शिमला में सामाजिक संगठनों ने निकाला न्याय मार्च, दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग

राजधानी शिमला में हाथरस मामले को लेकर सामाजिक संगठनों और विभिन्न राजनीतिक दलों ने न्याय मार्च निकाला. न्याय मार्च में कांग्रेस के नेता हरीश जनारथा के साथ युवा कांग्रेस, सीपीआईएम विधायक राकेश सिंघा और संजय चौहान के साथ ही शहर के दलित संगठनों के लोग शामिल हुए.

justice march in Shimla
शिमला में न्याय मार्च
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Published : Oct 9, 2020, 7:59 PM IST

Updated : Oct 9, 2020, 8:44 PM IST

शिमला: हाथरस मामले को लेकर राजधानी शिमला में सामाजिक संगठनों और विभिन्न राजनीतिक दलों ने न्याय मार्च निकाला. प्रदर्शनकारियों ने यूपी सरकार को बर्खास्त कर दोषियों को सख्त सजा देने की मांग की है. मामले में उचित कार्रवाई की मांग को लेकर राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भी भेजा है.

न्याय मार्च में कांग्रेस नेता हरीश जनारथा के साथ युवा कांग्रेस, सीपीआईएम विधायक राकेश सिंघा और संजय चौहान के साथ ही शहर के दलित संगठनों के लोग शामिल हुए. पहले डीसी ऑफिस के बाहर धरना प्रदर्शन किया गया और वहां से राजभवन के लिए लोअर बाजार होते हुए मार्च निकाला गया. पुलिस ने शेरे पंजाब से आगे जाने से रोका, जिसके बाद पुलिस से हाथापाई भी हुई.

दलित नेता रवि कुमार ने कहा कि हाथरस मामले में यूपी सरकार मूक दर्शक बनी हुई है. इतने दिन बीत जाने के बाद भी सरकार ने कुछ नहीं किया. रवि कुमार ने कहा कि हाथरस मामले को लेकर पूरे देश के लोगों मे आक्रोश है. इस बेटी को न्याय दिलाने के लिए शिमला में सामाजिक संगठनों के साथ राजनीतिक दलों ने मिलकर राजभवन तक न्याय मार्च का आयोजन किया है और राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा गया है.

साथ ही शिमला की गुड़िया को भी न्याय दिलाने की मांग की गई है. उन्होंने कहा कि तीन साल बीत जाने के बाद भी गुड़िया को न्याय नहीं मिल पाया है. दलित नेता रवि कुमार ने कहा कि गुड़िया के माता-पिता सीबीआई जांच से नाखुश हैं लेकिन इस सरकार के कान पर जूं नहीं रेंग रही है.

वहीं, सीपीआईएम विधायक राकेश सिंघा ने कहा कि जब संविधान के तहत काम नहीं किया जाता है तो इस तरह से ही मामलों को दबाया जाता है और लोगों को न्याय के लिए सड़कों पर उतरना पड़ा है. हाथरस की बेटी के लिए आयोजित इस मार्च में सभी धर्मों के लोग शामिल हुए हैं.

शिमला: हाथरस मामले को लेकर राजधानी शिमला में सामाजिक संगठनों और विभिन्न राजनीतिक दलों ने न्याय मार्च निकाला. प्रदर्शनकारियों ने यूपी सरकार को बर्खास्त कर दोषियों को सख्त सजा देने की मांग की है. मामले में उचित कार्रवाई की मांग को लेकर राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भी भेजा है.

न्याय मार्च में कांग्रेस नेता हरीश जनारथा के साथ युवा कांग्रेस, सीपीआईएम विधायक राकेश सिंघा और संजय चौहान के साथ ही शहर के दलित संगठनों के लोग शामिल हुए. पहले डीसी ऑफिस के बाहर धरना प्रदर्शन किया गया और वहां से राजभवन के लिए लोअर बाजार होते हुए मार्च निकाला गया. पुलिस ने शेरे पंजाब से आगे जाने से रोका, जिसके बाद पुलिस से हाथापाई भी हुई.

दलित नेता रवि कुमार ने कहा कि हाथरस मामले में यूपी सरकार मूक दर्शक बनी हुई है. इतने दिन बीत जाने के बाद भी सरकार ने कुछ नहीं किया. रवि कुमार ने कहा कि हाथरस मामले को लेकर पूरे देश के लोगों मे आक्रोश है. इस बेटी को न्याय दिलाने के लिए शिमला में सामाजिक संगठनों के साथ राजनीतिक दलों ने मिलकर राजभवन तक न्याय मार्च का आयोजन किया है और राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा गया है.

साथ ही शिमला की गुड़िया को भी न्याय दिलाने की मांग की गई है. उन्होंने कहा कि तीन साल बीत जाने के बाद भी गुड़िया को न्याय नहीं मिल पाया है. दलित नेता रवि कुमार ने कहा कि गुड़िया के माता-पिता सीबीआई जांच से नाखुश हैं लेकिन इस सरकार के कान पर जूं नहीं रेंग रही है.

वहीं, सीपीआईएम विधायक राकेश सिंघा ने कहा कि जब संविधान के तहत काम नहीं किया जाता है तो इस तरह से ही मामलों को दबाया जाता है और लोगों को न्याय के लिए सड़कों पर उतरना पड़ा है. हाथरस की बेटी के लिए आयोजित इस मार्च में सभी धर्मों के लोग शामिल हुए हैं.

Last Updated : Oct 9, 2020, 8:44 PM IST
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