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कोरोना का खौफ! सावन के पहले सोमवार पर शिव मंदिर में पसरा रहा सन्नाट

प्रदेश में जहां भक्तों की कतारें सावन मास के पहले सोमवार को मंदिरों में लगती थी वहीं, इस बार मंदिर परिसर खाली है. लोग भगवान शिव का जलाभिषेक भी नहीं कर पाए. कोरोना संक्रमण के चलते लोगों ने अपने-अपने घरों में ही भगवान शिव की पूजा अर्चना की और भगवान शिव के नाम का जाप किया.

First monday of savan month in himachal pradesh
शिव मंदिर
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Published : Jul 20, 2020, 3:45 PM IST

शिमलाः प्रदेश में आज सावन का पहला सोमवार है. इस दिन जहां शिवालयों में शिव भक्तों की भीड़ उमड़ती थी, वहीं इस बार शिव मंदिर कोविड-19 के चलते वीरान पड़े हैं. कोरोना संक्रमण के चलते लोग मंदिरों में भगवान शिव की पूजा आराधना के लिए नहीं जा पा रहे हैं.

प्रदेश में जहां भक्तों की कतारें सावन मास के पहले सोमवार को मंदिरों में लगती थी, वहीं इस बार मंदिर परिसर खाली है. लोग भगवान शिव का जलाभिषेक भी नहीं कर पाए. लोगों ने अपने-अपने घरों में ही भगवान शिव की पूजा अर्चना की और भगवान शिव के नाम का जाप किया.

बता दें कि प्रदेश में 16 जुलाई गुरुवार से सावन मास की शुरुआत हुई थी और आज सावन का पहला सोमवार है. इस सावन मास की बेहद मान्यता है. लोग इस महीने में विशेष तरीके से भगवान शिव की आराधना करते हैं, जिससे की भगवान शिव उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी करें.

सावन के सभी सोमवारों को लोग भगवान शिव की विशेष पूजा करने के साथ ही उपवास भी करते हैं. शिवलिंग पर दूध, जल, दही और भगवान शिव के प्रिय बेलपत्र चढ़ा कर रुद्राभिषेक किया जाता है, लेकिन इस बार मन्दिरों में पुजारी ही भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया. रुद्राभिषेक के साथ ही भगवान शिव को भोग लगाया जा रहा है और आरती भी तीनों पहर मंदिरों में की जा रही है.

वीडियो रिपोर्ट

पुजारी भी लोगों को यह संदेश दे रहे हैं कि कोविड-19 की परिस्थितियों को देखते हुए लोग घरों में रहकर ही भगवान शिव की पूजा आराधना करें. उन्होंने कहा कि भगवान शिव की पूजा आराधना के लिए लोग उनके शिवलिंग पर जल अर्पित करते हैं तो वह उससे भी प्रसन्न हो जाते हैं. पुजारी ने कहा की भक्तों को निराश होने की जरूरत नहीं है कि वह मंदिरों में आकर विधि-विधान से भगवान शिव का पूजा अर्चना नहीं कर पा रहे हैं.

प्रदेश में सावन मास का समापन 15 अगस्त को होगा. 15 अगस्त तक जितने भी सोमवार आएंगे, उस दिन उपवास कर भगवान शिव की पूजा अर्चना करने पर विशेष फल प्राप्त होगा. कुछ प्रदेशों में 6 जुलाई से ही सावन मास की शुरुआत हो गई है, जिसकी वजह यह है कि वहां चंद्र मास लिया जाता है. साथ ही बुद्ध पूर्णिमा से लेकर रक्षाबंधन की पूर्णिमा तक यह महीना मनाया जाता है.

यही वजह है कि मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश और झारखंड के शिवधामों में आज से ही सावन मास और ज्योतिर्लिंगों की पूजा अर्चना शुरू हो गई है. वहीं, कुछ जगहों पर इसकी शुरुआत 21 जुलाई से भी होगी और हिमाचल में 16 जुलाई से 15 अगस्त तक सावन महीना रहेगा.

ये भी पढ़ें : हिमाचल कैबिनेट की बैठक शुरू, कई अहम मुद्दों पर चर्चा जारी

शिमलाः प्रदेश में आज सावन का पहला सोमवार है. इस दिन जहां शिवालयों में शिव भक्तों की भीड़ उमड़ती थी, वहीं इस बार शिव मंदिर कोविड-19 के चलते वीरान पड़े हैं. कोरोना संक्रमण के चलते लोग मंदिरों में भगवान शिव की पूजा आराधना के लिए नहीं जा पा रहे हैं.

प्रदेश में जहां भक्तों की कतारें सावन मास के पहले सोमवार को मंदिरों में लगती थी, वहीं इस बार मंदिर परिसर खाली है. लोग भगवान शिव का जलाभिषेक भी नहीं कर पाए. लोगों ने अपने-अपने घरों में ही भगवान शिव की पूजा अर्चना की और भगवान शिव के नाम का जाप किया.

बता दें कि प्रदेश में 16 जुलाई गुरुवार से सावन मास की शुरुआत हुई थी और आज सावन का पहला सोमवार है. इस सावन मास की बेहद मान्यता है. लोग इस महीने में विशेष तरीके से भगवान शिव की आराधना करते हैं, जिससे की भगवान शिव उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी करें.

सावन के सभी सोमवारों को लोग भगवान शिव की विशेष पूजा करने के साथ ही उपवास भी करते हैं. शिवलिंग पर दूध, जल, दही और भगवान शिव के प्रिय बेलपत्र चढ़ा कर रुद्राभिषेक किया जाता है, लेकिन इस बार मन्दिरों में पुजारी ही भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया. रुद्राभिषेक के साथ ही भगवान शिव को भोग लगाया जा रहा है और आरती भी तीनों पहर मंदिरों में की जा रही है.

वीडियो रिपोर्ट

पुजारी भी लोगों को यह संदेश दे रहे हैं कि कोविड-19 की परिस्थितियों को देखते हुए लोग घरों में रहकर ही भगवान शिव की पूजा आराधना करें. उन्होंने कहा कि भगवान शिव की पूजा आराधना के लिए लोग उनके शिवलिंग पर जल अर्पित करते हैं तो वह उससे भी प्रसन्न हो जाते हैं. पुजारी ने कहा की भक्तों को निराश होने की जरूरत नहीं है कि वह मंदिरों में आकर विधि-विधान से भगवान शिव का पूजा अर्चना नहीं कर पा रहे हैं.

प्रदेश में सावन मास का समापन 15 अगस्त को होगा. 15 अगस्त तक जितने भी सोमवार आएंगे, उस दिन उपवास कर भगवान शिव की पूजा अर्चना करने पर विशेष फल प्राप्त होगा. कुछ प्रदेशों में 6 जुलाई से ही सावन मास की शुरुआत हो गई है, जिसकी वजह यह है कि वहां चंद्र मास लिया जाता है. साथ ही बुद्ध पूर्णिमा से लेकर रक्षाबंधन की पूर्णिमा तक यह महीना मनाया जाता है.

यही वजह है कि मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश और झारखंड के शिवधामों में आज से ही सावन मास और ज्योतिर्लिंगों की पूजा अर्चना शुरू हो गई है. वहीं, कुछ जगहों पर इसकी शुरुआत 21 जुलाई से भी होगी और हिमाचल में 16 जुलाई से 15 अगस्त तक सावन महीना रहेगा.

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