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शिमला के कारोबारियों की मांग, प्री फैब स्ट्रक्चर दुकानें बनाने की समयसीमा हो तय

शिमला में स्मार्ट सिटी के तहत प्री फैब स्ट्रक्चर दुकानें बनाई जा रही हैं. डेढ़ माह में इन दुकानों को बनाने का दावा किया जा रहा है. पहले चरण में तीन दुकानें बनाई गई और दूसरे चरण में 26 दुकानें बनाई जानी है. कारोबारियों ने मांग की है कि इन दुकानों को बनाने के लिए समयसीमा तय की जाए.

shimla traders demand
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Published : Dec 1, 2020, 7:24 PM IST

शिमलाः राजधानी शिमला में स्मार्ट सिटी के तहत नगर निगम प्री फैब स्ट्रक्चर दुकानें बना रहा है. नगर निगम शिमला की 467 दुकानों को इस तकनीक से बनाया जाएगा. सब्जी मंडी में तीन दुकानें बना कर दुकानदारों को सौंप दी हैं.

अन्य 26 दुकानें भी बनाने का कार्य शुरू होने जा रहा है और दुकाने खाली करवा कर कारोबारियों को सब्जी मंडी मैदान में बनाई गई अस्थाई दुकानों में शिफ्ट किया जा रहा है, लेकिन अन्य कारोबारियों ने कार्य सीमा तय करने के बाद ही दुकानों की चाबियां देने की शर्त रख दी है.

ढाई महीने बाद सौंपी गई दुकानें

कारोबारियो का कहना है कि पहले तीन दुकानें बनाने के लिए एक से डेढ़ महीने का समय दिया गया था, लेकिन ढाई महीने बाद दुकानें दुकानदारों को सौंपी गई. ऐसे में कारोबारियों को काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है. उनका कहना है कि पहले ही कोरोना के चलते कारोबार ठप पड़ा है और निगम जहां अस्थाई दुकानें दे रहा है वहां जगह इतनी कम है कि लोग दुकानों के सामने खड़े तक नहीं हो सकते हैं.

वीडियो.

कारोबारियों को हो रही परेशानी

कारोबिरायों का कहना है कि नगर निगम द्वारा इन दुकानों की सही से नहीं बनाया गया है, जिससे कारोबारियों को परेशानी हो रही है. उन्होंने साफ किया कि जब तक उन्हें दुकानें बनाकर देने का तय समय निर्धारित नहीं किया जाता है, तब तक वे अपनी चाबियां नही सौंपेंगे.

अस्थाई दुकानों को बताया छोटी

वहीं, व्यापार मंडल शिमला के अध्यक्ष इंदरजीत सिंह ने कहा कि स्मार्ट सिटी के तहत नगर निगम प्री फैब तकनीक से अपनी दुकानें बना रहा है इससे शिमला सुंदर बनेगा. कारोबारी भी सहयोग कर रहे है, लेकिन नगर निगम दुकानें बनाने का समय तय करे ताकि कारोबारियों को परेशान न होना पड़े और जो अस्थाई दुकानें बनाई गई हैं, वे काफी छोटी है और लोग गुजर तक नहीं पा रहे हैं.

बता दें कि स्मार्ट सिटी के तहत शिमला शहर में नगर निगम 467 दुकानों को फ्री फैब स्ट्रक्चर की तकनीक से दुकानें तैयार कर रहा है. डेढ़ माह में इन दुकानों को बनाने का दावा किया जा रहा है. पहले चरण में तीन दुकानें बनाई गई और दूसरे चरण में 26 दुकानें बनाई जानी है.

ये भी पढ़ें- इंजन घर को कंटेनमेंट जोन बनाने पर नाराजगी, लोगों ने फैसले पर उठाए सवाल

ये भी पढ़ें- हिमाचल किसान सभा का प्रदर्शन, कृषि कानूनों को वापस लेने की उठाई मांग

शिमलाः राजधानी शिमला में स्मार्ट सिटी के तहत नगर निगम प्री फैब स्ट्रक्चर दुकानें बना रहा है. नगर निगम शिमला की 467 दुकानों को इस तकनीक से बनाया जाएगा. सब्जी मंडी में तीन दुकानें बना कर दुकानदारों को सौंप दी हैं.

अन्य 26 दुकानें भी बनाने का कार्य शुरू होने जा रहा है और दुकाने खाली करवा कर कारोबारियों को सब्जी मंडी मैदान में बनाई गई अस्थाई दुकानों में शिफ्ट किया जा रहा है, लेकिन अन्य कारोबारियों ने कार्य सीमा तय करने के बाद ही दुकानों की चाबियां देने की शर्त रख दी है.

ढाई महीने बाद सौंपी गई दुकानें

कारोबारियो का कहना है कि पहले तीन दुकानें बनाने के लिए एक से डेढ़ महीने का समय दिया गया था, लेकिन ढाई महीने बाद दुकानें दुकानदारों को सौंपी गई. ऐसे में कारोबारियों को काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है. उनका कहना है कि पहले ही कोरोना के चलते कारोबार ठप पड़ा है और निगम जहां अस्थाई दुकानें दे रहा है वहां जगह इतनी कम है कि लोग दुकानों के सामने खड़े तक नहीं हो सकते हैं.

वीडियो.

कारोबारियों को हो रही परेशानी

कारोबिरायों का कहना है कि नगर निगम द्वारा इन दुकानों की सही से नहीं बनाया गया है, जिससे कारोबारियों को परेशानी हो रही है. उन्होंने साफ किया कि जब तक उन्हें दुकानें बनाकर देने का तय समय निर्धारित नहीं किया जाता है, तब तक वे अपनी चाबियां नही सौंपेंगे.

अस्थाई दुकानों को बताया छोटी

वहीं, व्यापार मंडल शिमला के अध्यक्ष इंदरजीत सिंह ने कहा कि स्मार्ट सिटी के तहत नगर निगम प्री फैब तकनीक से अपनी दुकानें बना रहा है इससे शिमला सुंदर बनेगा. कारोबारी भी सहयोग कर रहे है, लेकिन नगर निगम दुकानें बनाने का समय तय करे ताकि कारोबारियों को परेशान न होना पड़े और जो अस्थाई दुकानें बनाई गई हैं, वे काफी छोटी है और लोग गुजर तक नहीं पा रहे हैं.

बता दें कि स्मार्ट सिटी के तहत शिमला शहर में नगर निगम 467 दुकानों को फ्री फैब स्ट्रक्चर की तकनीक से दुकानें तैयार कर रहा है. डेढ़ माह में इन दुकानों को बनाने का दावा किया जा रहा है. पहले चरण में तीन दुकानें बनाई गई और दूसरे चरण में 26 दुकानें बनाई जानी है.

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