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Shimla Nagar Nigam Election: नगर निगम शिमला के 5 वार्डों के पुनः सीमांकन वाले आदेशों पर लगी रोक को हटाने से हाई कोर्ट का इंकार

हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने शिमला नगर निगम चुनाव के लिए पांच वार्डों के पुनः सीमांकन वाले आदेशों पर लगी रोक को हटाने से फिलहाल मना कर दिया. याचिकाकर्ता का यह आरोप है कि (Shimla Nagar Nigam Election) राजनीतिक लाभ लेने के उद्देश्य से इन वार्डों का पुनः सीमांकन किया गया है जो कि कानून की दृष्टि से गलत है. प्रार्थी ने 24 जून 2022 व 8 जुलाई 2022 को मंडलीय आयुक्त शिमला व उपायुक्त शिमला द्वारा पारित आदेशों को रद्द करने की न्यायालय से गुहार लगाई है.

Shimla Nagar Nigam Election
हिमाचल हाई कोर्ट (फाइल फोटो).
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Published : Jul 21, 2022, 9:26 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने शिमला नगर निगम चुनाव के लिए पांच वार्डों के पुनः सीमांकन वाले आदेशों पर लगी रोक को हटाने से फिलहाल मना कर दिया. न्यायाधीश सबीना व न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने राज्य चुनाव आयोग द्वारा दायर आवेदन की सुनवाई के पश्चात याचिकाकर्ताओं को आवेदन का जवाब दाखिल करने के आदेश जारी किए.

न्यायालय ने पहले ही राज्य सरकार, मंडलीय आयुक्त, उपायुक्त शिमला व राज्य चुनाव आयोग से जवाब तलब किया था और मामले पर सुनवाई 16 अगस्त के लिए निर्धारित की गई थी. याचिका में दिए तथ्यों के अनुसार नाभा फागली टूटीकंडी समर हिल व बालूगंज वार्डों का पुनः सीमांकन मनमाने तरीके से किया गया है. फागली व टूटी कंडी वार्डों के क्षेत्र को बढ़ाने के लिए नाभा वार्ड के क्षेत्र को बिल्कुल कम कर दिया गया. पहले की अपेक्षा अब नाभा वार्ड आधा रह गया.

फागली वार्ड को इतना बड़ा कर दिया कि नगर निगम के सभी (Shimla Nagar Nigam Election) वार्डों की अपेक्षा फागली वार्ड का क्षेत्र अधिक हो गया. इसके अलावा बालूगंज वार्ड का वह क्षेत्र भी समरहिल में मिला दिया गया जो कि बालूगंज के नाम से ही जाना जाता है. याचिकाकर्ता का यह आरोप है कि राजनीतिक लाभ लेने के उद्देश्य से इन वार्डों का पुनः सीमांकन किया गया है जो कि कानून की दृष्टि से गलत है. प्रार्थी ने 24 जून 2022 व 8 जुलाई 2022 को मंडलीय आयुक्त शिमला व उपायुक्त शिमला द्वारा पारित आदेशों को रद्द करने की न्यायालय से गुहार लगाई है.

ये भी पढ़ें- जीएसटी की नई दरों से बढ़ी परेशानी, बैंक चेक पर 18 फीसदी का जीएसटी

शिमला: हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने शिमला नगर निगम चुनाव के लिए पांच वार्डों के पुनः सीमांकन वाले आदेशों पर लगी रोक को हटाने से फिलहाल मना कर दिया. न्यायाधीश सबीना व न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने राज्य चुनाव आयोग द्वारा दायर आवेदन की सुनवाई के पश्चात याचिकाकर्ताओं को आवेदन का जवाब दाखिल करने के आदेश जारी किए.

न्यायालय ने पहले ही राज्य सरकार, मंडलीय आयुक्त, उपायुक्त शिमला व राज्य चुनाव आयोग से जवाब तलब किया था और मामले पर सुनवाई 16 अगस्त के लिए निर्धारित की गई थी. याचिका में दिए तथ्यों के अनुसार नाभा फागली टूटीकंडी समर हिल व बालूगंज वार्डों का पुनः सीमांकन मनमाने तरीके से किया गया है. फागली व टूटी कंडी वार्डों के क्षेत्र को बढ़ाने के लिए नाभा वार्ड के क्षेत्र को बिल्कुल कम कर दिया गया. पहले की अपेक्षा अब नाभा वार्ड आधा रह गया.

फागली वार्ड को इतना बड़ा कर दिया कि नगर निगम के सभी (Shimla Nagar Nigam Election) वार्डों की अपेक्षा फागली वार्ड का क्षेत्र अधिक हो गया. इसके अलावा बालूगंज वार्ड का वह क्षेत्र भी समरहिल में मिला दिया गया जो कि बालूगंज के नाम से ही जाना जाता है. याचिकाकर्ता का यह आरोप है कि राजनीतिक लाभ लेने के उद्देश्य से इन वार्डों का पुनः सीमांकन किया गया है जो कि कानून की दृष्टि से गलत है. प्रार्थी ने 24 जून 2022 व 8 जुलाई 2022 को मंडलीय आयुक्त शिमला व उपायुक्त शिमला द्वारा पारित आदेशों को रद्द करने की न्यायालय से गुहार लगाई है.

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